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IAS कैडर नियमों में बदलाव पर केंद्र ने नहीं लिया कोई फैसला, राज्यों से मांगा था इनपुट 

DoPT ने बीते साल दिसंबर में IAS (कैडर) नियम, 1954 में बदलाव का प्रस्ताव दिया था, जो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों की मांग के लिए केंद्र के अनुरोध को रद्द करने के लिए राज्यों की शक्ति को छीन लेगा. इसके लिए केंद्र की ओर से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश से टिप्पणी मांगी गई थी.

फाइल फोटो फाइल फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:17 PM IST

केंद्र सरकार ने कहा है कि वह IAS कैडर कानून में बदलाव पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मिली टिप्पणियों की जांच कर रही है, जो नौकरशाहों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से संबंधित मामलों पर राज्यों को शक्ति कम करने की मांग करता है. हालांकि इसको लेकर अभी केंद्र ने कोई फैसला नहीं लिया.  

मौजूदा नियम IAS अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर राज्यों को आपसी परामर्श की अनुमति देते हैं. पत्रकार द्वारा दायर एक आरटीआई के जवाब में, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने इस संबंध में राज्यों से प्राप्त संचार की प्रतियों को साझा करने से इनकार कर दिया. इसके साथ ही कानून का हवाला देते हुए राज्यों की प्रतिक्रियाओं पर की गई कार्रवाई पर विवरण साझा करने से भी परहेज किया. 

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DoPT ने बीते साल दिसंबर में IAS (कैडर) नियम, 1954 में बदलाव का प्रस्ताव दिया था, जो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों की मांग के लिए केंद्र के अनुरोध को रद्द करने के लिए राज्यों की शक्ति को छीन लेगा. इसके लिए केंद्र की ओर से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश से टिप्पणी मांगी गई थी. 

आरटीआई के जवाब में जानकारी

आरटीआई का जवाब देते हुए DoPT ने कहा कि प्रस्ताव पर विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और अन्य हितधारकों से मिली टिप्पणियों और इनपुटों की वर्तमान में जांच की जा रही है और इस मामले में पर भारत सरकार का भी दृष्टिकोण अभी नहीं लिया गया है. DoPT के अधिकारियों ने बताया कि केंद्र में संयुक्त सचिव स्तर तक IAS अधिकारियों के प्रतिनिधित्व में कमी देखी गई है क्योंकि अधिकांश राज्य अपने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व (CDR) दायित्वों और उनके द्वारा प्रायोजित अधिकारियों की संख्या को पूरा नहीं कर रहे हैं.

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केंद्र में सेवा देना बहुत कम है. IAS अधिकारियों को एक कैडर आवंटित किया जाता है, जो राज्य या केंद्र शासित प्रदेश होता है. अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर काम करने का अवसर सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक संवर्ग को CDR की अनुमति है, जो उनके अनुभव को जोड़ता है.  

संसद में मंत्री जितेंद्र सिंह ने दी थी जानकारी

केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने फरवरी में संसद में बताया था कि राज्य CDR के लिए पर्याप्त संख्या में अधिकारियों को प्रायोजित नहीं कर रहे हैं और इसने सेवा नियमों में बदलाव को प्रेरित किया है. अधिकारियों ने कहा कि कम से कम नौ राज्यों- ओडिशा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, झारखंड और राजस्थान ने प्रस्तावित संशोधनों पर आपत्ति जताई है. उन्होंने बताया कि दूसरी ओर अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश ने अपनी सहमति दे दी है. 

DoPT ने राज्यों को लिखा था पत्र

DoPT ने 20 दिसंबर, 2021 को आईएएस कैडर नियमों में प्रस्तावित बदलावों पर सभी राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा था, जिसके बाद 27 दिसंबर और 6 जनवरी और 12 जनवरी को रिमाइंडर भेजे गए थे. राज्यों को 12 जनवरी के पत्र में अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति पर राज्यों की असहमति को खत्म करने के लिए केंद्र की शक्ति का विशेष रूप से उल्लेख किया गया था.  

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