
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर डीपफेक कॉन्टेंट की निगरानी के लिए एक विशेष अधिकारी नियुक्त करेगी. यह अधिकारी डीपफेक के मामलों में एफआईआर दर्ज करने में नागरिकों की सहायता करेगा. केंद्र की ओर से यह एक्शन ऐसे समय में लिया गया है, जब इंटरनेट पर डीपफेक वीडियो कॉन्टेंट में काफी वृद्धि देखी गई है.
बीते कुछ महीनों में रश्मिका मंदाना, कैटरीना कैफ और काजोल सहित बॉलीवुड अभिनेत्रियों के डीपफेक वीडियो की एक श्रृंखला ऑनलाइन वायरल हुई है, जिसने गंभीर चिंता पैदा कर दी है. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को डीपफेक मुद्दे पर कहा, 'आज से, भारत सरकार का इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय आईटी एक्ट के रूल 7 के तहत एक अधिकारी को नामित करेगा और सभी ऑनलाइन प्लेटफार्मों से 100% कंप्लायंस की अपेक्षा कर रहे हैं.'
भारत में इंटरनेट पर बैन कॉन्टेंट को लेकर कर सकेंगे शिकायत
राजीव चंद्रशेखर ने कहा, 'रूल 7 अफसर एक ऐसा व्यक्ति होगा जो एक ऐसा मंच तैयार करेगा जहां नागरिकों के लिए अपने नोटिस या प्लेटफार्मों द्वारा कानून के उल्लंघन की रिपोर्ट भारत सरकार के ध्यान में लाना बहुत आसान होगा. रूल 7 अफसर उस डिजिटल प्लेटफॉर्म की जानकारी लेंगे और उसके अनुसार प्रतिक्रिया देंगे. इस तरह, हम नागरिकों के लिए कानून के उल्लंघन की रिपोर्ट सरकार को करना बहुत सरल बना देंगे.' उन्होंने कहा कि डीपफेक के अलावा भारत में इंटरनेट पर प्रतिबंधित बाल यौन शोषण से संबंधी सामग्री (Child Sexual Abuse Material) सहित कई अन्य श्रेणियां भी शामिल हैं, जिनको लेकर नागरिक रूल 7 अफसर से शिकायत कर सकेंगे.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को डीपफेक कॉन्टेंट हटाने का निर्देश
डीपफेक के मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए केंद्र ने शुक्रवार को सभी महत्वपूर्ण इंटरनेट प्रोवाइडर कंपनियों के साथ एक मीटिंग की थी. इससे पहले, राजीव चंद्रशेखर ने कहा था कि केंद्र सरकार ने 24 नवंबर को Google, Facebook, YouTube सहित ऑनलाइन प्लेटफार्मों को तलब किया और उन्हें चेतावनी दी है कि अगर वे अपनी साइटों से डीपफेक कॉन्टेंट नहीं हटाते हैं तो उनके खिलाफ गंभीर कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि किसी असली वीडियो में दूसरे के चेहरे को फिट कर देने को डीपफेक नाम दिया गया है. यह तकनीक ऐसी है जिसमें वास्तविक और नकली के बीच भेद कर पाना बेहद मुश्किल होता है और आप जो देखते हैं उसे ही सच मान बैठते हैं.