Advertisement

केंद्र ने त्रिपुरा सरकार और TIPRA मोथा के साथ किया त्रिपक्षीय समझौता, अमित शाह बोले- हमने पिछली गलतियों को सुधारा

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कोई भी इतिहास नहीं बदल सकता, लेकिन हर कोई अपनी पिछली गलतियों से सीख सकता है और आगे बढ़ सकता है. उन्होंने कहा कि TIPRA मोथा और सभी आदिवासी दलों ने रचनात्मक भूमिका निभाई है और त्रिपुरा में भाजपा सरकार ने भी इस समझौते के प्रति ईमानदारी से काम किया है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (फाइल फोटो) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 3:27 AM IST

त्रिपुरा के मूल निवासियों की समस्याओं का स्थायी समाधान लाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदग में TIPRA मोथा, त्रिपुरा और केंद्र सरकार के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. इस दौरान अमित शाह ने कहा कि समझौते पर हस्ताक्षर के साथ सरकार ने इतिहास का सम्मान किया है. पिछली गलतियों को सुधारा है और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ने के लिए वर्तमान वास्तविकता को स्वीकार किया है.

Advertisement

एक आधिकारिक बयान के अनुसार समझौते के तहत त्रिपुरा के मूल निवासियों के इतिहास, भूमि, राजनीतिक अधिकारों, आर्थिक विकास, पहचान, संस्कृति और भाषा से संबंधित सभी मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने पर सहमति व्यक्त की गई. इस दौरान अमित शाह ने कहा कि मैं त्रिपुरा के सभी हितधारकों को आश्वस्त करता हूं कि अब आपको अपने अधिकारों के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा. भारत सरकार आपके अधिकारों की सुरक्षा के लिए तंत्र बनाने में दो कदम आगे रहेगी.

गृह मंत्री ने कहा कि कोई भी इतिहास नहीं बदल सकता, लेकिन हर कोई अपनी पिछली गलतियों से सीख सकता है और आगे बढ़ सकता है. उन्होंने कहा कि TIPRA मोथा और सभी आदिवासी दलों ने रचनात्मक भूमिका निभाई है और त्रिपुरा में भाजपा सरकार ने भी इस समझौते के प्रति ईमानदारी से काम किया है.

Advertisement

बता दें कि त्रिपुरा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन को TIPRA मोथा के नाम से जाना जाता है. अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में पूर्वोत्तर में सद्भाव को आगे बढ़ाने वाली एक और संधि पर हस्ताक्षर किए गए हैं. उन्होंने कहा कि त्रिपुरा के आर्थिक विकास, भूमि अधिकार और स्वदेशी लोगों की पहचान से संबंधित मुद्दों को हल करने वाले त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करने की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के तहत पूर्वोत्तर राज्यों में 11 शांति और सीमा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. 2019 में नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) के साथ एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे और TIPRA मोथा के साथ लोकसभा चुनाव से पहले पूर्वोत्तर के लिए आखिरी समझौता है.

TIPRA मोथा सुप्रीमो प्रद्योत देबबर्मा मूल निवासियों की समस्याओं के स्थायी समाधान की मांग को लेकर 'आमरण अनशन' पर थे. केंद्र सरकार के वार्ताकारों के आश्वासन के बाद वह राष्ट्रीय दिल्ली और समझौते के लिए राजी हुए. देबबर्मा ने समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस अवसर पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक शाह भी उपस्थित थे. 

गृह मंत्री ने कहा कि इस समझौते से त्रिपुरा विवाद मुक्त त्रिपुरा बनने की ओर आगे बढ़ गया है.शाह ने कहा कि त्रिपुरा प्रधानमंत्री के 'विकसित भारत' के सपने को साकार करने में अपना योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा और अपनी हिस्सेदारी भी रखेगा तथा 'विकित त्रिपुरा' के रूप में आगे बढ़ेगा. वहीं, एक बयान में कहा गया कि समझौते के कार्यान्वयन के लिए अनुकूल माहौल बनाए रखने के लिए, सभी हितधारक समझौते पर हस्ताक्षर करने के दिन से किसी भी प्रकार के विरोध या आंदोलन का सहारा लेने से बचेंगे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement