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अब हर महीने तय होंगे CNG-PNG के रेट, US-रूस वाला फॉर्मूला भारत में भी लागू, जानें कितनी सस्ती होगी गैस 

केंद्र सरकार ने देश में पीएनजी और सीएनजी की कीमतों को तय करने के लिए गुरुवार को बड़ा फैसला लिया. सरकार ने कैबिनेट बैठक में 2014 की गाइडलाइंस में संशोधन को मंजूरी दे दी. अब नए फॉर्मूले से गैस के दाम तय किए जाएंगे. उम्मीद जताई जा रही है कि इससे गैस की कीमतों में भारी कमी आएगी. सरकार 8 अप्रैल को नई कीमतें जारी कर सकती है.

अनुराग ठाकुर ने गैस की कीमतें तय करने वाले फॉर्मूले के बारे में जानकारी दी (सांकेतिक फोटो) अनुराग ठाकुर ने गैस की कीमतें तय करने वाले फॉर्मूले के बारे में जानकारी दी (सांकेतिक फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 8:15 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में नेचुरल गैस की कीमत तय करने के लिए नए फॉर्मूले के तहत 2014 की गाइडलाइंस में संशोधन को मंजूरी दे दी गई है. इसके साथ ही सीएनजी और पाइप से आपूर्ति की जाने वाली रसोई गैस की कीमतों पर अधिकतम सीमा भी तय कर दी गई है.

सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि नए फॉर्मूले के तहत अब घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमत अब भारतीय क्रूड बास्केट के वैश्विक दाम के मंथली एवरेज का 10% होगी. इसे हर महीने सूचित किया जाएगा, जबकि अभी तक इनकी साल में दो बार समीक्षा होती थी. सरकार ने नया फॉर्मूला तय करने के लिए किरिट पारिख की अध्यक्षता में अक्टूबर, 2022 में कमेटी बनाई थी.

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इस फैसले से गैस की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में भारी बढ़ोतरी से होने वाले नुकसान से ग्राहक को छुटकारा मिलेगा. नए कुएं की गैस की कीमत 20 फीसदी प्रीमियम रखने से ONGC और ऑयल इंडिया को नए निवेश के लिए बढ़ावा मिलेगा. डोमेस्टिक गैस की कीमतें तय करने की प्रक्रिया में बदलाव शनिवार से किया जाएगा. इस फैसले के लागू होने से देश में PNG की कीमतें 10% और CNG की कीमतें 6% से 9% तक कम हो जाएंगी.

अनुराग ठाकुर ने बताया कि कि मंत्रिमंडल ने एपीएम गैस के लिए चार डॉलर प्रति एमएमबीटीयू के आधार मूल्य को मंजूरी दी है और अधिकतम मूल्य 6.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू रखने पर मुहर लगाई है. उन्होंने बताया कि एपीएम गैस के रूप में जानी जाने वाली पारंपरिक या पुराने क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस को अब अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे देशों की तरह कच्चे तेल की कीमतों से जोड़ा जाएगा. 

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#Cabinet approves revised domestic gas pricing guidelines price of natural gas to be 10% of the monthly average of Indian Crude Basket, to be notified monthly. Move to ensure stable pricing in regime and provide adequate protection to producers from adverse market fluctuation . pic.twitter.com/m7vgunaj2O

— Office of Mr. Anurag Thakur (@Anurag_Office) April 6, 2023

इतनी सस्ती हो सकती गैस?

- पुणे में गैस 5 रुपये सस्ती हो सकती है. यहां अभी CNG का रेट 92 रुपये/ किलो है, जो अब घटकर 87 रुपये हो सकती है. इसी तरह PNG 57 रुपये/किलो है, जो कि घटकर 52 रुपये हो सकती है.

- दिल्ली में गैस 6 रुपये सस्ती हो सकती है. अभी यहां CNG 79.56  रुपये/किलो है, जो घटकर 73.59  रुपये हो सकती है. इसी तरह PNG 53.59 रुपये/किलो है, जो कि घटकर 47.59 रुपये हो सकती है.

- मुंबई में गैस 5 रुपये सस्ती हो सकती है. यहां सीएनजी 87 रुपये/किलो है, जो कि घटकर 79 रुपये हो सकती है. इसी तरह पीएनजी 54 रुपये में है, जो घटकर 49 रुपये हो सकती है.

- बेंगलुरु में सीएनजी 89.5 रुपये में बिक रही है, जिसका रेट अब घटकर 83.5 रुपये हो सकता है. इसी तरह यहां पीएनजी 58.5 रुपये है, जिसका रेट 52 रुपये हो सकता है. यानी यहां गैस 6.5 रुपये सस्ती हो सकती है.

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- मेरठ में सीएनजी 91 रुपये में है, जिसकी कीमत घटकर 83 रुपये हो सकती है. इसी तरह यहां पीएनजी 58.5 रुपये है, जिसका रेट 52 रुपये हो सकता है. यानी यहां भी गैस 6.5 रुपये सस्ती हो सकती है.

कमेटी की सिफारिश पर यह हुआ बदलाव

पीएनजी और सीएनजी की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने किरिट पारिख की अध्यक्षता में अक्टूबर 2022 में कमेटी बनाई थी.  इसी कमेटी की सिफारिशों के आधार पर ही नए फॉर्मूला को तैयार किया गया है. कमेटी ने गैस प्राइसिंग गाइडलाइंस में संशोधन करने की सिफारिश की थी. 

- घरेलू गैस की कीमत को अब अंतरराष्ट्रीय हब में गैस के प्राइस की जगह इम्पोर्टेड क्रूड के प्राइस से लिंक किया जाएगा. घरेलू गैस का प्राइस इंडियन क्रूउ बास्केट के अंतरराष्ट्रीय प्राइस का 10 फीसदी होगा.

- नए फॉर्मूले से निधार्रित गैस प्राइस के लिए एक फ्लोर और सीलिंग भी होगी. प्रस्तावित फ्लोर 4 डॉलर का होगा. 

7 साल में PNG की हिस्सेदारी 15% तक पहुंचाने का लक्ष्य

अनुराग ठाकुर ने बताया कि नए दिशानिर्देशों का उद्देश्य घरेलू गैस उपभोक्ताओं के लिए स्थिर मूल्य निर्धारण व्यवस्था सुनिश्चित करना है. साथ ही उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन के साथ उत्पादकों को बाजार के प्रतिकूल उतार-चढ़ाव से पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करना है. 

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सरकार ने 2030 तक भारत में प्राथमिक ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को मौजूदा 6.5% से बढ़ाकर 15% करने का लक्ष्य रखा है. सुधारों से नैचुरल गैस की खपत का विस्तार करने में मदद मिलेगी और उत्सर्जन में कमी और शुद्ध शून्य के लक्ष्य को प्राप्त करने में योगदान मिलेगा.

पुराने फॉर्मूले में ऐसे तय होती थी कीमतें

अभी तक घरेलू नैचुरल गैस की कीमत दुनिया के चार बड़े गैस ट्रेडिंग हब-हेनरी हब, अलबेना, नेशनल बैलेसिंग प्वाइंटर (UK) और रूसी गैस की कीमत के आधार पर तय होती थी. कीमतों को तय करने के लिए पुराने फॉर्मूले के तहत चारों गैस ट्रेडिंग हब के पिछले एक साल की कीमत का औसत निकाला जाता है और फिर इसे तीन महीने के अंतराल पर लागू किया जाता है. अब नए फॉर्मूले के तहत घरेलू नैचुरल गैस की कीमत के लिए इंडियन क्रूड बास्केट की पिछले एक महीने की कीमत को आधार बनाया जाएगा. 

 

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