
केंद्र सरकार ने पहली बार बन्नी के घास के मैदानों में चीतों के संरक्षण-प्रजनन के लिए एक प्रजनन केंद्र को मंजूरी दी है. कभी चीतों का घर रही बन्नी ग्रास लैंड अब फिर से विश्व पटल पर जानी जाएगी. वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली ने गुजरात के कच्छ जिले के बन्नी घास के मैदानों में चीता के संरक्षण प्रजनन के लिए एक परियोजना को मंजूरी दे दी है.
इसे राज्य सरकार ने राष्ट्रीय प्रतिपूरक वनीकरण निधि प्रबंधन प्राधिकरण (राष्ट्रीय कैंपा) के तहत मंजूरी के लिए भेजा था. इसे शुक्रवार आठ दिसंबर को राष्ट्रीय CAMPA कार्यकारी समिति की बैठक में मंजूरी दे दी गई है, जो गुजरात के लिए गर्व की बात है. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) इस परियोजना की प्रगति की निगरानी करेगा.
गुजरात सरकार का दावा है कि अतीत में, बन्नी घास का मैदान चीतों का घर था. समय के साथ चीते विलुप्त हो गये. गुजरात ने पहल की और बन्नी ग्रासलैंड क्षेत्र में चीता के लिए प्रजनन केंद्र बनाने की परियोजना तैयार की और इसे भारत सरकार को भेजा. केंद्र सरकार की मंजूरी से अब कच्छ का बन्नी ग्रासलैंड फिर से विश्व पटल पर चीता के निवास स्थान के रूप में जाना जाएगा और कच्छ सहित गुजरात के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा.