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केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर SIMI पर लगे प्रतिबंध को सही ठहराया है. केंद्र ने कोर्ट में कहा है कि भारत में इस्लामी शासन स्थापित करने के उद्देश्य से किसी भी संगठन को अस्तित्व में रहने की अनुमति नहीं देंगे. केंद्री की ओर से कहा गया है कि सिमी भारतीय राष्ट्रवाद के खिलाफ है.
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा कि सिमी इस्लामी व्यवस्था के साथ बदलने के लिए काम करता है. ये भारतीय राष्ट्रवाद के खिलाफ है. हम किसी भी ऐसे संगठन को अस्तित्व में रहने की अनुमति नहीं देंगे. साल 2019 में प्रतिबंधित आदेश को चुनौती देने वाली सिमी के एक पूर्व सदस्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर केंद्र सरकार की ओर से जवाब दिया गया है.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में क्या कहा?
केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि 27 सितंबर, 2001 से प्रतिबंधित होने के बावजूद बीच की एक संक्षिप्त अवधि को छोड़कर, सिमी कार्यकर्ता मिल रहे हैं. बैठक कर रहे हैं, साजिश कर रहे हैं. हथियार और गोला-बारूद प्राप्त कर रहे हैं और ऐसी गतिविधियों में शामिल हैं जो विघटनकारी हैं और भारत की संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालने में सक्षम है. वे अन्य देशों में स्थित अपने सहयोगियों और आकाओं के नियमित संपर्क में हैं. उनकी हरकतें देश में शांति और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने में सक्षम हैं.
सिमी के वकील ने मांगा समय
केंद्र सरकार के हलफनामे का जवाब देने के लिए अब सिमी के वकील ने हलफनामा दायर करने के लिए समय मांगा है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है.
क्या है SIMI?
कट्टरपंथी छात्रों के संगठन सिमी का गठन 1977 में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था. इसके संस्थापक प्रेसिडेंट मोहम्मद अहमदुल्ला सिद्दिकी यूएस की वेस्टर्न इलिनोइस यूनिवर्सिटी में जर्नलिज्म और पब्लिक रिलेशंस के प्रोफेसर रहे हैं. हालांकि सिद्दिकी का कहना है कि उनका सिमी से अब कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि संगठन पर अब रेडिकल लोगों का कब्जा हो गया है.
सिमी का मकसद भारत में हावी हो रही पश्चिमी संस्कृति को खत्म कर इसे एक इस्लामिक राष्ट्र बनाना है. अमेरिका में 9/11 के हमले के बाद सिमी पर 2001 में पोटा के तहत पाबंदी लगा दी गई थी. हालांकि यूपीए की सरकार ने पोटा को खत्म कर दिया था, लेकिन सिमी पर पाबंदी बरकरार है. केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सरकारों के अनुरोध पर सिमी पर पाबंदी लगाई थी. संगठन पर इन राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने के आरोप लगते रहते हैं.