
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का बयान इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें वो कह रहे हैं कि मेरा पद चला जाए तो कोई बात नहीं. उनकी इस छोटी वीडियो क्लिप को आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी ट्वीट किया है. इसके साथ ही कानून तोड़ने वाली क्लिप को भी वायरल किया जा रहा है. अब इसको लेकर नितिन गडकरी ने सफाई दी है. उन्होंने उस पूरे भाषण की लिंक भी शेयर करते हुए कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए मेरे खिलाफ मनगढ़ंत आरोप लगाए जा रहे हैं.
नितिन गडकरी के भाषण का एक 39 सेकेंड का वीडियो क्लिप बनाकर वायरल किया जा रहा है. इसमें वह कह रहे हैं कि अगर संभव हो तो मेरे पीछे खड़े रहो और नहीं तो कोई बात नहीं. मेरा गया तो गया पद. कोई बात नहीं.
दरअसल केंद्रीय मंत्री ज्ञानेश्वर एम मुलय द्वारा लिखी पुस्तक नौकरस्याही के रंग के लोकार्पण में बोल रहे थे. यहां बोलते हुए उन्होंने एक वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि जब वो महाराष्ट्र में पीडब्ल्यूडी मंत्री थे, तब करीब 450 गांव में सड़क बनवाने के लिए फॉरेस्ट डिपार्टमेंट का कानून आड़े आ रहा था. इसके लिए मैंने अधिकारियों से कहा ये काम करो, इसकी जिम्मेदारी व्यक्तिगत तौर पर मेरी है. मैं पेशेवर राजनीति में नहीं हूं, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. ये पद रहे या न रहे. गया तो गया पद कोई बात नहीं.
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने ट्वीट कर दी सफाई
इसके साथ ही एक और आरोप लगाया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कानून तोड़ने की अपील की. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "आज एक बार फिर मुख्यधारा के मीडिया और सोशल मीडिया के कुछ वर्गों द्वारा मेरे बयान गढ़कर राजनीतिक लाभ लेने के लिए मेरे खिलाफ नापाक अभियान जारी रखने का प्रयास किया जा रहा है." इसके साथ ही उन्होंने अपने भाषण का लिंक भी शेयर किया.
फुटपाट पर चलना है पसंद- गडकरी
दरअसल नितिन गडकरी ने अपने भाषण में कहा कि मैं बहुत सामान्य परिवार से हूं. मैं फुटपाट पर खाने वाला, थर्ड क्लास में पिक्चर देखने वाला, नाटक पीछे से देखकर बड़ा हुआ हूं तो मुझे वो जीवन बहुत अच्छा लगता है, लेकिन अब जेड प्लस सिक्योरिटी की वजह से अड़चनें आती हैं. इसलिए रात में अब सबको छोड़कर फिर फुटपाट पर निकल जाता हूं. वो मुझे मेरी औकात दिखाता है.
गांधीजी का किया जिक्र
इसके बाद गडकरी ने अपने भाषण में कहा कि गांधी जी अकसर कहते थे कि कानून का पालन तो होना चाहिए. लेकिन आपका कोई भी फैसला अगर गरीब, शोषित, दलित, सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा हुए व्यक्ति को न्याय दिलाता है तो कानून को तोड़ना पड़े तो तोड़ देना चाहिए क्योंकि इसमें हित है, लेकिन स्वार्थ के लिए कानून तोड़ना गलत होगा.