
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल विस्टा पर देश को गलत जानकारियां दी गई हैं. पिछले कुछ महीनों से झूठे आरोप लगाए गए. फॉल्स नैरेटिव तैयार किए गए. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में झूठे आरोप लगाए गए और इसे वैनिटी प्रोजेक्ट कहा गया. इसकी जरूरत नहीं है. कुछ लोगों ने इसे 13 हजार 400 करोड़ में बनने वाला मोदी महल कहा. लेकिन मैं पूछता हूं कि ये आंकड़े कहां से आए? इसका जवाब वे दें.
2 प्रोजेक्ट पर चल रहा है काम, 1300 करोड़ लागत
केंद्रीय मंत्री ने इस प्रोजेक्ट के लागत पर चल रही चर्चाओं पर स्पष्टीकरण दिया. उन्होंने कहा कि इस समय सिर्फ दो प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. ये प्रोजेक्ट हैं नया संसद भवन और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू. हरदीप पुरी ने कहा कि नए संसद भवन की लागत 862 करोड़ और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू की लागत 477 करोड़ है. कुल मिलाकर ये लागत लगभग 1300 करोड़ रुपये है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि साल 2022 में आजादी की 75वीं वर्षगांठ नए संसद में मनाएंगे.
सेस्मिक जोन-2 में था पुराना संसद भवन
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पुराना संसद भवन भूकंप क्षेत्र सेस्मिक जोन-2 में था, भगवान न करें अगर कोई हादसा हो जाए तो इसका नतीजा क्या सकता है? लेकिन नई बिल्डिंग सेस्मिक जोन-4 में बनाई जा रही है. जहां खतरा कम है.
उन्होंने कहा कि संसद भवन 100 साल पहले बनाया गया था ये आज के लिए नहीं था. ये भारत पर शासन करने वाली एक सरकार ने निर्माण किया था. उन्होंने कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में राष्ट्रपति भवन, नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक को छुआ नहीं जाएगा.
राजीव गांधी के समय से थी नए संसद की जरूरत
उन्होंने कहा कि जब से राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तभी से ही एक नए संसद भवन की जरूरत बताई जा रही थी, क्योंकि पुरानी बिल्डिंग मरम्मत के लायक नहीं रह गई है. उन्होंने कहा कि 2012 में इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक लेख भी लिखा था. जिसमें उन्होंने नए संसद की जरूरत बताई थी.
सेंट्रल विस्टा पर नहीं लगेगी रोक, HC ने याचिकाकर्ता पर ही लगाया एक लाख का जुर्माना
वैक्सीन के लिए है पर्याप्त पैसा
केंद्रीय मंत्री ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि कुछ लोग वैक्सीन का मसला उठा रहे हैं, लेकिन हमारी सरकार ने वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. अगर इसके लिए और पैसे की जरूरत पड़ती है तो वो भी दिया जाएगा.
क्या मजदूरों को घर जाने को बोल दें?
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि क्या हम काम बंद कर दें और वहां काम कर रहे वर्करों को घर जाने कह दें. क्या ऐसा करने के बाद जो ठेकेदार है वो वहां काम कर रहे सैकड़ों मजदूरों को पैसे देगा?
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया है और याचिकाकर्ता पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.