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Netaji Tableau पर घमासान, केंद्र ने रिजेक्ट की नेताजी सुभाष चंद्र बोस की झांकी तो बिफरी ममता सरकार

पश्चिम बंगाल ने भी 26 जनवरी को होने वाले समारोह के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में झांकी का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन केंद्र सरकार ने  नेताजी सुभाष चंद्र बोस की झांकी को अस्वीकृत कर दिया. 

ममता बनर्जी (फाइल फोटो) ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
सूर्याग्नि रॉय
  • कोलकाता,
  • 16 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 8:48 PM IST
  • ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा
  • चंद्र कुमार बोस ने कहा- केंद्र सरकार बोस की झांकी लगाएगी

दिल्ली में गणतंत्र दिवस (Republic Day) समारोह में राजपथ पर होने वाली परेड के लिए देश के अलग-अलग राज्यों से झांकियां प्रदर्शित की जाती हैं. पश्चिम बंगाल ने भी 26 जनवरी को होने वाले समारोह के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में झांकी का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन केंद्र सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की झांकी को अस्वीकृत कर दिया है. 

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ममता बनर्जी ने लिखा पीएम को पत्र

सरकार के इस फैसले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है. उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री इस पर पुनर्विचार करें और गणतंत्र दिवस परेड पर नेताजी की झांकी को अनुमति दें.

केंद्र और बंगार सरकार के बीच हुई थीं 5 बैठकें

सरकार के इस फैसले पर पश्चिम बंगाल सरकार के सूत्रों ने कहा है कि झांकी केवल नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर ही आधारित थी. इस झांकी को डिजाइन स्टेज तक पास कर दिया गया था, लेकिन मॉडल बनाने की स्टेज के लिए हमें कोई जानकारी नहीं दी गई थी.

इस झांकी को लेकर, गणतंत्र दिवस की परेड की व्यवस्था करने वाले विभाग और पश्चिम बंगाल सरकार की टीम के बीच कुल 5 बैठकें हुईं थीं. लेकिन उसके बाद उन्हें आगे की बैठकों या अनुमति के लिए नहीं बुलाया गया.

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केंद्र सरकार की हुई आलोचना

शनिवार को, तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने ट्वीट कर दावा किया कि केंद्र सरकार ने झांकी को खारिज कर दिया है. उन्होंने लिखा था, 'गणतंत्र दिवस परेड के लिए नेताजी की झांकी को खारिज करके, केंद्र सरकार ने नेताजी के नेतृत्व में आईएनए की वीरतापूर्ण लड़ाई को कमजोर कर दिया.'

 

By rejecting Netaji tableau for Republic Day parade, Central Govt undermined the heroic battle of INA led by Netaji. By announcing Netaji Birthday to be observed as Republic Day henceforth, the scholars of Entire Political Science have rewritten political history of India. Shame!

— Sukhendu Sekhar Ray (@Sukhendusekhar) January 15, 2022

नेताजी के पोते ने कहा, परेड में दिखाई जाएगी झांकी

उधर, नेताजी के पौत्र और सामाजिक कार्यकर्ता चंद्र कुमार बोस का कहना है कि केंद्र सरकार 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की झांकी लगाएगी. उनका कहना है कि केंद्र सरकार के अधिकारियों ने सूचना दी है कि परेड में बोस पर एक झांकी मौजूद होगी. उन्होंने यह भी कहा, 'मैंने पीएम मोदी को कई पत्र लिखे थे और झांकी के लिए मैंने उनसे अनुरोध किया था. केंद्र सरकार के अधिकारियों ने मुझे सूचित किया है और मुझे लगता है कि केंद्र सरकार द्वारा झांकी निकाली जाएगी.'

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उन्होंने यह भी कहा कि सुभाष चंद्र बोस का वास्तव में सम्मान करने के लिए, उनकी विचारधारा को समझना चाहिए और उस पर अमल करना चाहिए. आज विभाजनकारी राजनीति देश को तोड़ रही है. नेताजी की झांकी नहीं होगी, तो गणतंत्र दिवस परेड बेमानी होगी.

आपको बता दें कि इस झांकी के लिए चंद्र कुमार बोस ने 14 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था. इस पत्र में उन्होंने सुभाष चंद्र बोस की झांकी को परेड का हिस्सा बनाने की अनुमति मांगी थी. उन्होंने लिखा था कि अगर भारत की आज़ादी के लिए बनाई गई आर्मी- INA की वीरता को दर्शाती हुई एक झांकी राजपथ पर परेड का हिस्सा हो, तो यह भारतीय राष्ट्रीय सेना और देश के सैनिकों और शहीदों के लिए श्रद्धांजलि होगी.

 

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