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केंद्र सरकार का किसानों को तोहफा, अब 31 मई तक की जाएगी गेहूं खरीद

खाद्य और सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एफसीआई को केंद्रीय पूल के तहत गेहूं की खरीद जारी रखने का आदेश दिया है. केंद्र सरकार के समय बढ़ाए जाने से किसानों को फायदा होने की उम्मीद है.

(File Photo). (File Photo).
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 मई 2022,
  • अपडेटेड 11:54 PM IST
  • FCI को गेहूं खरीद जारी रखने का आदेश
  • MSP पर पिछले साल से कम हो रही खरीद

केंद्र सरकार ने रविवार को किसानों को बड़ी राहत दी है. सरकार की तरफ से गेहूं खरीद का समय बढ़ा दिया है. सरकार की तरफ से कहा गया है कि अब 31 मई तक गेहूं की खरीद की जाएगी. इस संबंध में गेहूं उत्पादक राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और एफसीआई को आदेश भेज दिए गए हैं. 

खाद्य और सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एफसीआई को केंद्रीय पूल के तहत गेहूं की खरीद जारी रखने का आदेश दिया है. केंद्र सरकार के समय बढ़ाए जाने से किसानों को फायदा होने की उम्मीद है. सरकार ने राज्यों की तरफ से खरीद प्रक्रिया को जारी रखने के अनुरोध पर ये फैसला लिया है.

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बता दें कि इस समय मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, गुजरात, बिहार और राजस्थान में रबी सीजन 2022-23 के लिए केंद्रीय पूल के तहत गेहूं की खरीदी की जा रही है.

हालांकि, पिछले साल 2021-22 जैसी खरीद प्रक्रिया में तेजी देखने को नहीं मिल रही है. इस साल 2022-23 के लिए केंद्रीय पूल के तहत गेहूं की खरीद कम रही है, जिसका मुख्य कारण एमएसपी की तुलना में बाजार मूल्य ज्यादा बताया जा रहा है. यही वजह है कि किसान निजी व्यापारियों को गेहूं बेच रहे हैं. 

इधर, केंद्र सरकार ने 13 मई को गेहूं के निर्यात पर बैन लगा दिया है. गेहूं को 13 मई से प्रतिबंधित कैटेगिरी में डाला गया है. इसकी एक बड़ी वजह इंटरनेशनल मार्केट में गेहूं के दामों में बेहताशा तेजी आना है. हालांकि निर्यात के जिन ऑर्डर के लिए 13 मई से पहले लेटर ऑफ क्रेडिट जारी हो चुका है, उनका एक्सपोर्ट करने की अनुमति होगी. 

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इसके अलावा, सरकार अपनी खाद्य सुरक्षा की जरूरतों को पूरा करने के लिए पड़ोसी और दूसरे संवदेनशील विकासशील देशों के साथ निर्यात की अनुमति दे सकता है. लेकिन उन सरकारों को एक अलग से रिक्वेस्ट सब्मिट करनी पड़ेगी. सरकार की तरफ से बताया गया कि 14 मई तक 180 एलएमटी की खरीद की गई है, जिससे करीब 16.83 लाख किसानों को एमएसपी मूल्य 36,208 करोड़ रुपए का लाभ हुआ है.

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