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कोरोना: 1 मई से तीसरे फेज का टीकाकरण, केंद्र ने राज्यों को दिए ये निर्देश

1 मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को भी वैक्सीन लगाई जाएगी. ऐसे में केंद्र सरकार ने नई टीकाकरण रणनीति के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को गाइड किया. 

कोरोना का टीका लगवाता स्वास्थ्यकर्मी (PTI फोटो) कोरोना का टीका लगवाता स्वास्थ्यकर्मी (PTI फोटो)
मिलन शर्मा
  • नई दिल्ली ,
  • 24 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 5:40 PM IST
  • 1 मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को भी वैक्सीन लगेगी
  • केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को किया गाइड

कोरोना महामारी के बीच देश में 1 मई से टीकाकरण (Vaccination) का नया चरण शुरू होने वाला है. 1 मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को भी वैक्सीन लगाई जाएगी. ऐसे में केंद्र सरकार ने नई टीकाकरण रणनीति के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को गाइड किया. 

केंद्र ने राज्यों को अस्पताल में सुविधाओं को बढ़ाने के लिए व्यापक कार्य योजना के बारे में अवगत कराया. केंद्र सरकार ने कहा कि टीकाकरण को मिशन मोड में करना चाहिए. इसके लिए तमाम अस्पतालों में टीकाकरण केंद्र (COVID Vaccination Centres) बनाया जाए. रजिस्ट्रेशन से लेकर टीकाकरण तक पूरे तंत्र की निगरानी की जाए. 

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इसके अलावा जिन अस्पतालों में वैक्सीन रखी गई है, उनकी निगरानी की जाए. COWIN ऐप पर स्टॉक और कीमतों की घोषणा की जाए. COWIN पर टीकाकरण की पर्याप्त जानकारी हो, इसके लिए वैक्सीन के लिए पात्र आबादी की लिस्टिंग हो. 18-45 वर्ष आयु वर्ग के लिए 'केवल ऑनलाइन पंजीकरण' की सुविधा के बारे में प्रचार करें. 

केंद्र ने कहा है कि राज्य अतिरिक्त डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों की पहचान करें और सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में DRDO, CSIR या इसी तरह की एजेंसियों के माध्यम से फील्ड अस्पताल सुविधाएं तैयार करें. बेड के आवंटन के लिए केंद्रीकृत कॉल सेंटर-आधारित सेवाओं की स्थापना की जाए. 

मरीजों के प्रबंधन और एम्बुलेंस सेवाओं को मजबूत करने के लिए डॉक्टरों और नर्सों के उचित प्रशिक्षण की जरूरत पड़ सकती है. निजी स्वास्थ्य सुविधाएं लेने में उन्हें सक्षम बनाएं. होम आइसोलेशन वाले रोगियों के लिए टेली-मेडिसिन की सुविधा प्रदान करें. 

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प्रशिक्षित डॉक्टरों के तहत ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और आईसीयू की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करना, साथ ही साथ स्टेरॉयड और अन्य दवाओं तक पहुंच को सुगम बनाना होगा. बड़े अस्पतालों में इन-हॉस्पिटल ऑक्सीजन प्लांटों का निर्माण करना चाहिये. आशा और अन्य फ्रंटलाइन वर्कर्स जो कोविड​​-19 के इलाज में लगे हुए हैं, उन्हें उचित और नियमित वेतन दें. 

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