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देश में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामले बढ़ने लगे हैं. इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी में कहा गया है कि आगामी त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर कुछ एहतियाती कदम उठाना जरूरी है ताकि इस वायरस के प्रसार के जोखिम को जितना हो सके, उतना कम किया जा सके.
इस एडवाइजरी में राज्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों के जिलेवार आंकड़ों पर नजर रखें. साथ ही नियमित तौर पर इस संबंध में अपडेट करते रहें.
यह एडवाइजरी केरल में कोरोना के नए सबवैरिएंट JN.1 की पुष्टि के बाद जारी की गई है. दरअसल केरल की 79 साल की एक महिला में इसकी पुष्टि हुई थी.महिला का 18 नवंबर को आरटी-पीसीआर टेस्ट रिजल्ट आया था. जिसमें इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के हल्के लक्षण थे और वह कोविड-19 से ठीक हो चुकी है. इससे पहले सिंगापुर से लौटे तमिलनाडु के एक शख्स में भी JN.1 सब-वैरिएंट का पता चला था. वह व्यक्ति तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले का रहने वाला था और उसने 25 अक्टूबर को सिंगापुर की यात्रा की थी.
देश में अब तक कोरोना के 4 करोड़ 50 लाख 4 हजार 816 केस सामने आ चुके हैं. वहीं, 5 और मरीजों की मौत के बाद मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 5 लाख 33 हजार 316 पहुंच गया है. बीमारी से ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 44 लाख 69 हजार 799 हो गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक देश का रिकवरी रेड 98.81 फीसदी तो वहीं मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है. मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक देश में अब तक COVID-19 वैक्सीन की 220.67 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं.
इस वैरिएंट पर क्या कहते हैं जानकार?
इस नए वैरिएंट के बारे में जानकारी देते हुए भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के चीफ डॉक्टर एनके अरोड़ा ने समाचार एजेंसी ANI को बताया, 'यह BA.2.86 का एक सब वैरिएंट है. हमारे पास JN.1 के कुछ मामले हैं.' उन्होंने कहा, 'भारत निगरानी रख रहा है और यही कारण है कि अब तक किसी अस्पताल में भर्ती होने या गंभीर बीमारी की सूचना नहीं मिली है.'
पहले के वैरिएंट्स से कितना अलग है यह JN.1?
नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष राजीव जयदेवन के अनुसार, 'JN.1 एक गंभीर रूप से प्रतिरक्षा-रोधी और तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है, जो XBB और इस वायरस के पहले के सभी वैरिएंट्स से स्पष्ट रूप से अलग है. यह उन लोगों को संक्रमित करने में सक्षम है जिन्हें पहले भी कोविड संक्रमण हुआ था और जिन लोगों को टीका लगाया गया था.