
सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ जल्द देश को पहली स्वदेशी वैक्सीन मिल सकती है. दरअसल, केंद्र सरकार सर्वाइकल कैंसर से निपटने के लिए क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन (qHPV) को राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने पर विचार कर रही है. यह वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने बनाई है. सूत्रों ने यह जानकारी आजतक को दी है.
माना जा रहा है कि 15 अगस्त पर पीएम मोदी इसे लेकर ऐलान भी कर सकते हैं. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में निदेशक (सरकारी और नियामक मामलों) प्रकाश कुमार सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा है कि कंपनी दिसंबर 2022 तक qHPV की एक करोड़ डोज सप्लाई कर सकती है.
केंद्र की योजना वैक्सीन को राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में 9-14 साल की लड़कियों को देने का है. हालांकि, इसे शुरू होने में 6 महीने तक लग सकते हैं. मौजूदा समय में भारत विदेश से आने वाली HPV वैक्सीन पर निर्भर है. इसकी कीमत 4000 रुपए प्रति डोज है. सूत्रों ने बताया कि सीरम की वैक्सीन भारत में काफी सस्ती कीमत पर होने की संभावना है.
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने हाल ही में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ वैक्सीन बनाने की इजाजत दी थी. इस वैक्सीन का नाम CERVAVAC रखा गया है. इस वैक्सीन के इस साल के अंत तक बाजार में आने की उम्मीद है.
इस वैक्सीन के फेज 2 और 3 के ट्रायल हो चुके हैं. दावा है कि ट्रायल में ये वैक्सीन सभी आयु वर्ग की महिलाओं पर असरदार साबित हुई है. इस वैक्सीन ने सभी प्रकार के HPV वायरस पर असर दिखाया है.
क्या है सर्वाइकल कैंसर?
- ऐसा समझा जाता है कि सर्वाइकल कैंसर महिलाओं को होता है, लेकिन कई बार ये पुरुषों को भी हो सकता है. सर्वाइकल कैंसर होने पर जननांग में संक्रमण हो जाता है. अगर समय पर इस पर ध्यान चला जाए तो इसका इलाज किया जा सकता है, लेकिन देर होने पर या संक्रमण फैलने पर इससे मौत हो सकती है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, सर्वाइकल कैंसर दुनिया में महिलाओं को होने वाला चौथा आम कैंसर है. 2020 में इसके दुनियाभर में 6 लाख से ज्यादा मामले सामने आए थे और 3.42 लाख मौतें हुई थीं. 2020 में जितने मामले सामने आए थे, उनमें से 90% केस कम और मध्यम आय वाले देशों में आए थे.