
भारत का पूर्वी राज्य झारखंड. साल 2000 में अस्तित्व में आया और अब जब वह अपना 24वां पूरा कर रहा है तो एक बार फिर यहां की राजनीति अपने उसी दौर से गुजर रही है, जिसके लिए झारखंड मशहूर रहा है. बीते 24 सालों में राज्य ने बेहद छोटे-छोटे दौर वाले कई मुख्यमंत्री देखे हैं. ये सिलसिला राज्य के निर्माण के साथ ही शुरू हो गया था और फिर ये बात सिद्ध होती चली गई कि 'राजनीतिक रूप से झारखंड अस्थिरता वाला राज्य है.'
आज इस अस्थिरता की बात इसलिए, क्योंकि ताजा सिनेरियो इसी से जुड़ा हुआ है. हुआ यूं है कि बीती जुलाई झारखंड के सीएम रहे चंपई सोरेन ने इस्तीफा दे दिया था. उनका सीएम बनना भी एक आश्चर्यजनक घटनाक्रम था, जिसमें तत्कालीन सीएम रहे हेमंत सोरेन जब जेल भेजे गए थे तब उन्होंने सीएम कुर्सी चंपई सोरेन के हवाले कर दी थी. सीएम सोरेन को खनन मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते गिरफ्तारी देनी पड़ी थी.
तकरीबन पांच महीने बाद जब हेमंत सोरेन बाहर आए थे तब उन्होंने सत्ता में वापसी की और चंपई सोरेन को इस्तीफा देना पड़ा, हेमंत सोरेन एक बार फिर सीएम बने, लेकिन तब से ही चंपई सोरेन के बगावती तेवर की खबरें सुर्खियों में थीं. हेमंत सोरेन के जेल जाने, चंपई सोरेन के सीएम बनने, फिर इस्तीफा देने और अब बगावती रुख अख्तियार करने के इस घटनाक्रम में कब-कब, क्या-क्या हुआ इस पर डालते हैं एक नजर.
सीएम सोरेन गिरफ्तार, जेल भेजे गए (31 जनवरी 2024)
बात शुरू होती है 31 जनवरी से 2024 से. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से ईडी ने खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लंबी पूछताछ की और फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया. जेएमएम-कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन की ओर से चंपई सोरेन को नया नेता चुन लिया गया था. सत्तापक्ष की ओर से इससे संबंधित समर्थन भी राज्यपाल को सौंपा गया था. इसके बाद से चंपई सोरेन प्रक्रिया के तहत सीएम बन गए थे.
चंपई सोरेन ने सीएम पद की शपथ ली (2 फरवरी 2024)
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के दो दिन बाद चंपई सोरेन ने 2 फरवरी 2024 शुक्रवार दोपहर को झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इसके बाद उन्होंने बहुमत मत भी हासिल किया और इस तरह झारखंड में जेएमएम की सरकार गिरने से बच गई. हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से सरकार पर असर नहीं पड़ा.
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हेमंत सोरेन को मिली जमानत, जेल से रिहा (28 जून 2024)
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए 28 जून का दिन राहत भरी खबर लाया. उन्हें जमीन घोटाले से जुड़े मामले में राज्य के हाई कोर्ट से जमानत मिली और भी उनकी रिहाई भी हो गई. वह शाम तक जेल से बाहर भी आ गए. हेमंत सोरेन पांच महीने तक जेल में रहे थे. 13 जून को सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) और बचाव पक्ष की ओर से बहस पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था, जिस पर फैसला 28 जून को बाहर आया था.
हेमंत सोरेन की रिहाई पर क्या बोले थे सीएम रहे चंपई सोरेन?
तब सीएम रहे चंपई सोरेन ने मीडिया से बात करते हुए कहा था 'हम लोग शुरू से बोलते आए हैं, जिस जमीन घोटाले का आरोप लगाया जा रहा था उस जमीन के खाता और बही में हेमंत बाबू का कहीं नाम नहीं था. हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा था कि हेमंत बाबू के साथ न्याय होगा.'उनसे पूछा गया कि क्या हेमंत सोरेन के बाहर आने के बाद विधानसभा चुनाव में आपको मजबूती मिलेगी? जवाब में उन्होंने कहा था, 'पहले भी हमें उन्हीं के नाम पर जनादेश मिला था. 2019 में भी उन्हीं के नाम पर लड़े थे. इस आम चुनाव में भी हम उन्हीं के नाम पर लड़े. वह हमारी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. जब वह भीतर थे तब भी मजबूत थे, बाहर आ गए तो और मजबूत ही होंगे.'
...लेकिन चंपई सोरेन की सीएम कुर्सी पर आया खतरा (3 जुलाई 2024)
इस दिन पहली बार सूत्रों के हवाले से खबर सामने आई कि हेमंत सोरेन रिहाई के बाद दोबारा सीएम कुर्सी पर काबिज होने के लिए तैयार हैं और चंपई सोरेन इस्तीफा देंगे. पार्टी के एक सूत्र ने मीडिया को जानकारी दी थी, कि 'गठबंधन के नेताओं और विधायकों ने रांची में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के आवास पर एक बैठक के दौरान सर्वसम्मति से हेमंत सोरेन को जेएमएम विधायक दल का नेता चुनने का फैसला लिया था.बैठक में चंपई सोरेन की जगह हेमंत सोरेन को लाने का फैसला लिया गया था.'
इसी दिन शाम 8 बजे चंपई सोरेन ने इस्तीफा दे दिया
सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि सीएम चंपई सोरेन 3 जुलाई की शाम करीब 8 बजे अपना इस्तीफा देंगे. इसके साथ ही उन्होंने झारखंड गठबंधन के सभी विधायकों और मंत्रियों को राजभवन जाने के लिए 7 बजे तैयार रहने को कहा था. शाम को इस खबर की पुष्टि भी हो गई. चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. वहीं उनकी जगह हेमंत सोरेन का अगला सीएम बनना भी तय हो गया. चंपई सोरेन इस तरह 153 दिन तक मुख्यमंत्री रहे.
इस्तीफे के तुरंत बाद क्या बोले थे चंपई सोरेन?
राज्यपाल को मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंपने के बाद चंपई सोरेन ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी. उन्होंने राजभवन से बाहर निकल कर मीडिया से बात करते हुए कहा था कि, 'पिछले दिनों राजनीतिक परिस्तिथियों की वजह से मुझे मुख्यमंत्री बनाया गया था. लेकिन हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद हमारे गठबंधन ने निर्णय लिया है वह फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे.'
चंपई सोरेन के नाराज होने की अटकलें (4 जुलाई 2024)
चंपई सोरेन ने इस्तीफा दे दिया, उनके नाराज होने की अटकलें थीं. सोशल मीडिया से लेकर खबरों तक में सूत्रों के हवाले से ऐसे दावे किए गए कि चंपई सोरेन नाराज हो गए हैं, हालांकि उनकी तरफ से इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई. लेकिन आज 18 अगस्त के घटनाक्रम से स्पष्ट है कि कोल्हान क्षेत्र का यह नेता 3 जुलाई के बाद से पार्टी जेएमएम और सीएम हेमंत सोरेन से नाराज तो हो ही गया था, हालांकि चंपई सोरेन अभी तक इस बारे में खुद इसे कभी स्पष्ट तौर पर नहीं स्वीकारा था.
बीजेपी में जाने की लगने लगीं अटकलें (16 अगस्त 2024)
झारखंड में शुक्रवार को अचानक ही सियासी हलचल तेज हो गई थीं. खबरें सामने आईं कि पूर्व सीएम चंपई सोरेन, हेमंत सोरेन और पार्टी के साथ बगावत करने वाले हैं. वह दिल्ली में बीजेपी शीर्ष नेतृत्व से मिलने पहुंचे हुए हैं. झारखंड में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य से पूर्व सीएम और जेएमएम नेता चंपई सोरेन के बीजेपी में जाने की अटकलें लगती रहीं.
अटकलों पर क्या बोले थे चंपई सोरेन (शुक्रवार 16 अगस्त 2024)
इन चर्चाओं के बीच शुक्रवार को जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने खुद जवाब दिया है. चंपई सोरेन ने पत्रकारों के सवाल पर मुस्कुराते हुए सिर्फ इतना कहा, "आप लोग ऐसा सवाल कर रहे हैं पर, इस पर क्या बोलें, हम तो आपके सामने हैं." इतना बोलते ही वह गाड़ी में बैठ गए. बता दें कि, हेमंत सोरेन के जेल से वापस आने के बाद चंपई सोरेन को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद से ही उनके नाराज होने की चर्चा उठती रही है.
चंपई सोरेन की बीजेपी नेताओं से फोन पर हुई बात! (शनिवार 17 अगस्त 2024)
सूत्रों के मुताबिक चंपई शनिवार को कोलकाता पहुंचे और फिर रविवार दोपहर दिल्ली. माना जा रहा है कि बीजेपी के कुछ सीनियर नेताओं से उनकी फोन पर भी बातचीत हुई और जल्द ही आमने-सामने की मीटिंग भी हो सकती है. चंपई सोरेन का दिल्ली में तीन दिन रहने का प्लान है. चंपई सोरेन के अलावा जेएमएम के 5-6 और विधायकों के भी अलग से बीजेपी के संपर्क में होने की चर्चा चल रही है.
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चंपई ने X के बायो से हटाया जेएमएम (रविवार 18 अगस्त 2024)
झामुमो नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के रविवार को दिल्ली आने के बाद कई तरह की अटकलें थीं. इसी बीच चंपई सोरेन ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के बायो से अपनी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा का नाम हटा दिया है. अब चंपई सोरेन के नए बायो पर सिर्फ झारखंड पूर्व सीएम लिखा हुआ है.
जेएमएम के खिलाफ खुल कर सामने आ गए चंपई सोरेन (रविवार 18 अगस्त 2024)
झारखंड मुक्ति मोर्चा के पुराने 4 दशकों से सिपहसलार और लेफ्टिनेंट चंपई सोरेन का अपने ही पार्टी से मोहभंग हो गया. उन्होंने जेएमएम पर अपमानित करने का आरोप लगाते हुए अपनी राहें जुदा करने का इरादा स्पष्ट कर दिया है. सोरेन ने कहा है कि आगे का हमसफर चुनने के लिए उनके तमाम विकल्प खुले हुए हैं.
उनका आरोप है कि उन्हें बेआबरू करके सत्ता से बेदखल कर दिया गया था. उनके तमाम अधिकार अपनी ही पार्टी और हेमंत सोरेन के करीबियों के द्वारा फ्रीज कर दिए गए थे. बगैर एजेंडा बताए विधायक दल की बैठक बुलाकर इस्तीफा देने का आदेश पारित कर दिया गया था. तमाम कार्यक्रम में जाने पर तीन दिनों तक रोक लगा दी गई थी. लिहाजा उन्होंने तय कर लिया था या तो वो संन्यास ले लेंगे, या फिर समानांतर संगठन खड़ा करेंगे या फिर कोई साथ चलने के लिए हमसफर चुन लेंगे. यानी पार्टी छोड़ने की अनौपचारिक घोषणा वो कर चुके हैं.
चंपई सोरेन के जाने से सरकार की सेहत पर कितना असर?
हालांकि उनके जाने से सरकार की सेहत पर फिलहाल फर्क पड़ता नहीं दिखता. झारखंड में 81 सीटों वाली विधानसभा में 8 सीट खाली हैं, जबकि जेएमएम के पास 26, कांग्रेस के पास 16 और राजद के पास एक विधायक है. सीपीआईएमएल विधायक विनोद सिंह भी सत्तापक्ष में हैं. 37 का आंकड़ा बहुमत की संख्या है. इधर बीजेपी के पास 23, आजसू के पास 3, एनसीपी के पास 1, और 2 निर्दलीय भी एनडीए के खेमे में है. यानी हेमंत सरकार पर फिलहाल कोई खतरा दिखता नहीं है.
बीजेपी लगातार करती रही है चंपई सोरेन की सराहना
हालांकि चंपई की सराहना बीजेपी लगातार करती रही है. ये भी कहती रही है कि उनके साथ काफी बुरा बर्ताव जेएमएम ने किया है. उनको दूध से मक्खी की तरह निकालकर फेंक दिया गया, साफ है कि बीजेपी विधानसभा चुनावों में ये नैरेटिव गढ़ना चाहती है कि जेएमएम में आदिवासी नेता को भी अपमानित किया जाता है तो आखिर पार्टी किस आदिवासी अस्मिता के नाम पर वोट मांगती फिरती है. जो चंपई सोरेन जैसे दशकों पुराने वफादार का नहीं हो सका वो आखिर आम लोगों से कैसे वफादारी निभाएगा.
इधर हेमंत सोरेन ने भी पलटवार किया है
हेमंत सोरेन ने इशारों में चंपई और बीजेपी पर निशाना साधा है और कहा-कि घर और पार्टी पैसे के दम पर तोड़ा जा रहा है. अभी बहुत जल्द चुनाव की घंटी राज्य में बजने वाली है. ये चुनाव कब होगा इसकी घंटी हमारे विरोधी बीजेपी के पास है. चुनाव आयोग अब संवैधानिक संस्थान नहीं है. वो अब बीजेपी की संस्था हो गई है. हम तो चुनौती देकर कहते हैं कि आज चुनाव कराओ, कल झाड़ू-पोंछा मारकर इनको गुजरात भेजना होगा.
ये लोग गुजरात, असम, महाराष्ट्र से लोगों को लाकर आदिवासी-दलित-पिछड़ा-अल्पसंख्यक के उपर जहर बोने का, एक-दूसरे से लड़ाने का काम करते हैं. समाज तो छोड़िये ये लोग घर फोड़ने और पार्टी तोड़ने का काम करत हैं. आये दिन कभी इस विधायक को खरीद लें, कभी उस विधायक को खरीद लें, और पैसा ऐसा चीज है कि नेता लोगों को भी इधर-उधर जाने में देरी नहीं लगती है, खैर कोई बात नहीं. हमारी इंडिया गठबंधन की सरकार 2019 से लगातार जनता के बीच खड़ी है.
पार्टी प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि अपमानित किया गया या चंपई सोरेन को सम्मानित किया गया. उन्हें विपरीत परिस्थितियों में सीएम की कुर्सी सौंपी गयी फिर भी वह बीजेपी की चाल में आकर दिग्भ्रमित हो गए. इससे बड़ा सम्मान क्या हो सकता है कि पार्टी ने इतने विधायको में सिर्फ उन्हीं पर भरोसा जताया.
बीजेपी पर आरोपी लगाती रही है जेएमएम
जेएमएम बार-बार ये बातें जनता के बीच कहती रही है कि बीजेपी हमेशा यहां सत्ता को अस्थिर करने के फिराक में रही है. बाहरी नेताओं के जरिए और केंद्रीय एजेंसी का इस्तेमाल करके सत्ता पाने के जुगाड में रही है. जेएमएम का मनोबल सातवें आसमान पर इसलिए भी है, क्योंकि ईडी के मनी लांड्रिंग केस में 5 महीनों से बंद हेमंत सोरेन को हाई कोर्ट ने ये कहते हुए बेल दी है कि उनके खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें राहत मिली है. चंपई अगर बीजेपी का दामन थामते हैं तो जेएमएम जनता के बीच उन मुद्दों को लेकर वोट मांगेगी, सहानुभूति चाहेगी. इसके पहले जब हेमंत जेल में थे तो लोकसभा चुनावों में बीजेपी राज्य में ट्राइबल के लिए आरक्षित 5 लोकसभा सीटों पर हार गई थी. एक बार फिर ट्राइबल को इन्हीं आधार पर जेएमएम मोबिलाइज करेगी ये तय माना जा रहा है. यहां 28 ट्राइबल सीट है विधानसभा में. इनमें से बीजेपी 2019 में 26 सीटों पर हार गई थी.
बीजेपी लगातार चंपई पर डाल रही थी डोरे
जाहिर है चंपई सोरेन जो पुराने और बड़े कद के नेता रहे हैं, कहा जा रहा है कि उनको सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद से ही बीजेपी चारा डाल रही थी. जेएमएम का आरोप है कि बीजेपी घर और पार्टी दोनों में फूट डालने वाली पार्टी है. बीजेपी के चुनाव प्रभारी और सह चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान के साथ हिमंता बिस्वा सरमा के संपर्क में होने का दावा भी किया जा रहा है. हालांकि बीजेपी का कोई नेता खुलकर कुछ नहीं कह रहा है. बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शहदेव ने कहा की चंपई सोरेन के पोस्ट ने साफ कर दिया की जेएमएम में तानाशाही चलती हैं. शिबू सोरेन के बाहर परिवार का कोई भी आदिवासी जेएमएम को बर्दाश्त नहीं ये साफ हो गया है.