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साइबर ठग अब ठगी के लिए डिजिटल अरेस्ट का तरीका अपना रहे हैं. डिजिटल अरेस्ट ठगी का एक ऐसा तरीका है, जिसमें ठग व्यक्ति को झूठ बोलकर डराते-धमकाते हैं फिर ठगी को अंजाम देते हैं. जब तक व्यक्ति को इसके बारे में पता चलता है, तब तक ठग उन्हें चुना लगा देते हैं. हाल में डिजिटल अरेस्ट का एक मामला चंडीगढ़ से आया है. यहां एक वरिष्ठ महिला को ठगों ने डिजिटल अरेस्ट के जरिए करीब 65 लाख से ज्यादा ठग लिए. इस पूरे मामले की आपबीती महिला ने खुद बताई है.
झूठ बोलकर 72 घंटे रखा डिजिटल अरेस्ट
जानकारी के मुताबिक सेक्टर 48 की रहने वाली वीणा चेची डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुई हैं. ठगों ने वीणा के पास कॉल किया और उनसे कहा कि उनका अकाउंट मुंबई में इस्तेमाल हुआ और जिससे लिंक है वो भाग चुका है. ऐसे में उन्हें मुंबई आना होगा. वहीं, वीणा के न कहने पर उन्हें डिजिटल अरेस्ट होकर CBI से वेरिफ़ाई करवाने को कहा गया.
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वेरिफाई करने के लिए ठगों ने वीणा को 72 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा. जिसके बाद वीणा ने 55 लाख एक में बार ट्रांसफर किए. वहीं इसके बाद उन्होंने 10 लाख व 7 लाख फिर अलग- अलग अकाउंट में RTGS कर दिए. पैसा भेजने के बाद जब उन्हें पता चला कि वो ठगी का शिकार हो गई हैं तो उन्होंने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई.
वीणा ने पुलिस पर लगाया सहयोग नहीं करने का आरोप
मामले में पुलिस की और से शिकायत ली गई लेकिन वीणा का आरोप है कि उन्हें कोई FIR की कॉपी नहीं मिली है. साथ ही पुलिस की तरफ से पैसों को वापस कराने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. वीणा का कहना है कि ऐसी ठगी से बचने का एक ही इलाज है किसी पर भरोसा ना करें. वहीं, अब इस पूरे मामले में उन्होंने सहयोग के लिए अपने बेटे को यूएस से बुलाया है.