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जब कोरोना पॉजिटिव CJI को PM मोदी ने किया था फोन... चीफ जस्टिस ने बताया पूरा किस्सा

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के अंदर ही बनाए गए आयुष समग्र कल्याण केंद्र (Ayush Holistic Wellness Centre) का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कोरोना वायरस के दौरान खुद से जुड़ा एक किस्सा बताया, जब उनके पास पीएम मोदी का फोन आया था.

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (दाएं) साथ में हैं केंद्रीय मंत्री (आयुष) सर्बानंद सोनोवाल. (Photo: PTI) चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (दाएं) साथ में हैं केंद्रीय मंत्री (आयुष) सर्बानंद सोनोवाल. (Photo: PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 9:31 AM IST

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़े एक किस्से को याद किया. उन्होंने बताया कि जब वह कोरोना संक्रमण के दौरान कोविड पॉजिविट हो गए थे तो उनके पास पीएम मोदी का फोन आया था. दरअसल, सीजेआई ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट परिसर के अंदर ही बनाए गए आयुष समग्र कल्याण केंद्र (Ayush Holistic Wellness Centre) का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने खुद को प्राचीन आयुष पद्धति का समर्थक बताया.

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सीजेआई ने कहा,'कोविड संक्रमण फैलने के बाद से ही मैं आयुष (आयुर्वेद, योग और नैचुरोपैथी, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथी) से जुड़ा हुआ हूं. कोरोना वायरस ने मेरे स्वास्थ्य पर काफी असर दिखा था, तब मेरे पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन आया.' उन्होंने कहा,'आप कोविड से पीड़ित हैं, लेकिन उम्मीद है कि सब कुछ ठीक हो जाएगा. मुझे इस बात का अहसास है कि आप अच्छी स्थिति में नहीं है, लेकिन हम सब कुछ करेंगे.'

तीसरी बार कोविड हुआ तो...

चीफ जस्टिस ने बताया कि उनसे पीएम मोदी ने कहा था,'एक वैद्य हैं, जो आयुष में सचिव भी हैं. वह आपको दवाएं और जरूरी चीजें भेज देंगे.'चीफ जस्टिस ने कहा,'कोविड से प्रभावित होने के बाद मैंने आयुष की दवाएं लीं. जब मुझे दूसरी और तीसरी बार कोविड हुआ तो मैंने कोई एलोपैथिक दवा नहीं ली.'

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दो हजार से ज्यादा लोगों का स्टाफ

उन्होंने कहा कि आयुष समग्र कल्याण केंद्र का उद्घाटन उनके लिए संतोषजनक क्षण है. सीजेआई ने कहा कि जबसे मैंने सीजेआई का पद संभाला है, मैं इस पर काम कर रहा हूं. मैं आयुर्वेद और समग्र जीवशैली का समर्थक हूं. यहां (सुप्रीम कोर्ट) करीब दो हजार से ज्यादा स्टाफ के सदस्य हैं. हमें सिर्फ न्यायाधीशों और उनके परिवार के लिए, बल्कि स्टाफ के सदस्यों के लिए भी समग्र जीवशैली की तरफ देखना है. उन्होंने कहा,'मैं बहुत खुश हूं कि सुप्रीम कोर्ट में यह सुविधा आ गई है. मुझे विश्वास है कि हम अपने माध्यम से आयुर्वेद का संदेश पूरे देश और उसके बाहर भी फैलाने में सक्षम होंगे.'

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