
बिहार विधानसभा चुनाव के जोर के बीच गुजरात में भी उपचुनाव को लेकर प्रचार जारी है. इस बीच मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कोरोना संकट और लॉकडाउन के समय आप लोग कहां चले गए थे, बीजेपी के नेता जब जनता के बीच काम कर रहे थे, तो कांग्रेस के विधायक जयपुर के एक रिजॉर्ट में शराब के मजे ले रहे थे.
गुजरात में 8 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं और राज्य के दोनों प्रमुख दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस अपने-अपने चुनाव प्रचार में लग गए हैं. चुनाव प्रचार के लिए अब कांग्रेस और बीजेपी के स्टार प्रचारक भी मैदान में उतर चुके हैं. बीजेपी प्रत्याशी प्रद्युमन सिंह जडेजा के प्रचार के लिए मुख्यमंत्री विजय रुपाणी गुरुवार को कच्छ पहुंचे. सीएम रुपाणी ने कच्छी भाषा में भाषण देते हुए लोगों से प्रद्युम्न सिंह को चुनाव जिताने की अपील की.
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इस बीच उन्होंने कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि कोरोना और लॉकडाउन जैसे वक्त में जब बीजेपी के नेता जनता के बीच काम कर रहे थे, उस वक्त कांग्रेस विधायक जयपुर के एक रिजॉर्ट में शराब के मजे ले रहे थे.
मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने मंच से कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा, “जब कांग्रेसी वोट मांगने के लिए आपके पास आते हैं, तो उनसे पूछें, ‘आप सभी कोरोना में कहां भाग गए? वे बताएंगे नहीं कि वो सभी जयपुर भाग गए थे. गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव से पहले एक के बाद एक 8 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दिया था.
कांग्रेस ने राज्यसभा के चुनाव से पहले अपने विधायकों को टूटने से बचाने के लिए राजस्थान भेजा था ताकि बाकी विधायक पार्टी से अलग न हो जाएं.
कांग्रेस का पलटवार
गुजरात के कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा ने अबडासा में मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “वर्तमान में गुजरात में भाई और भाई के बीच विवाद चल रहा है. इस विवाद से लोगों का ध्यान हटाने के लिए विजय भाई ऐसा बयान दे रहे हैं. विजयभाई सबसे पहले तो आप ये बताओ कि इस तथ्य के लिए कौन जिम्मेदार हैं कि गुजरात के हर गांव, गली, यहां तक गांधीनगर तक में शराब उपलब्ध है. शराब और जुआ गतिविधियां राज्य में बेरोकटोक चल रही हैं. शराबबंदी के बाद भी राज्य में खुलेआम शराब मिल रही है.”
दिलचस्प यह भी है कि एक ओर जहां गुजरात में शराबबंदी के कानून को कांग्रेस और सख्त करने की बात कर रही है तो वहीं दूसरी ओर बिहार विधानसभा चुनाव में शराबबंदी के कानून की समीक्षा करने की बात कर रही है.