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हेलीपैड, बोट और पक्के निर्माण... पेंगॉन्ग के पास चीन ने फिर बसाया अड्डा, सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा

पेंगॉन्ग के पास चीन ने फिर अड्डा बसा लिया है. अमेरिकी सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि वहां चीन ने हेलीपैड के साथ-साथ कुछ अन्य पक्के निर्माण भी किए हैं.

पेंगॉन्ग के पास चीन ने फिर बसा लिया अड्डा (फोटो - Maxar) पेंगॉन्ग के पास चीन ने फिर बसा लिया अड्डा (फोटो - Maxar)
अंकित कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 21 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 2:31 PM IST

लद्दाख में चीन अपनी चालाकियों से बाज नहीं आ रहा है. पेंगॉन्ग झील पर भारत संग समझौते के बावजूद चीन ने उससे सटे इलाके में पक्का निर्माण कर लिया है. चीन ने वहां हेलीपैड भी तैयार किया है. सैटेलाइट तस्वीरों से यह खुलासा हुआ है.

ये फोटोज जैक डिट्च (Jack Detsch) नाम के रिपोर्टर ने पोस्ट की हैं. जैक अमेरिका के फॉरन पॉलिसी मैगजीन के लिए काम करते हैं. कुछ तस्वीरें सामने आई हैं जो पेंगॉन्ग झील के उत्तरी किनारे की हैं. इसमें चीनी जेटी (बोट), संभावित हेलीपैड और स्थाई बंकर दिखाई दे रहे हैं.

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ये पहली बार नहीं है जब चीन की हरकतों को लेकर इस तरह का खुलासा हुआ है. इससे पहले नवंबर में अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की रिपोर्ट में भी दावा किया गया था कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में बड़ा सा गांव बसा लिया है. रिपोर्ट में दावा किया था कि चीन ने ये गांव अभी नहीं, बल्कि सालों पहले ही बना लिए थे. 

इसके अलावा हाल ही में सेना से जुड़े सूत्रों ने भी बताया था कि चीन ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास मिसाइल और रॉकेट रेजिमेंट की तैनाती कर दी है. इसके अलावा हाइवे और सड़कों पर भी तेजी से काम कर रहा है. सूत्रों ने बताया था कि अक्साई चीन इलाके में चीन हाइवे बना रहा है, ताकि उसकी कनेक्टिविटी मजबूत हो सके और एलएसी पर ज्यादा तेजी से पहुंचा जा सके. चीन न सिर्फ अपने एयरबेस को अपग्रेड कर रहा है, बल्कि उसने हाइवे को चौड़ा करने और एयर स्ट्रिप बनाने का काम भी शुरू कर दिया है.

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बता दें कि पेंगॉन्ग झील की फिंगर 8 वाला इलाका गतिरोध के पहले से ही चीन के कंट्रोल में है. अब मई 2020 में गतिरोध के बाद जब चीजें सामान्य होनी शुरू हुईं तो भारतीय और चीनी सेना इस बात पर राजी हुई थी कि पेंगॉन्ग के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से सेनाओं को वापस पीछे भेजा जाएगा. इसमें फिंगर 4 से फिंगर 8 तक का इलाका शामिल था. माना जा रहा है कि चीन ने अब चालाकी दिखाई है. जिस हिस्से के लिए समझौता हुआ था, उससे ठीक सटाकर चीन ने यह स्थाई निर्माण कर लिया है.

 

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