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SCO में आतंकवाद, अलगाववाद की खिलाफत का आह्नान, चीनी विदेश मंत्री ने पेश किया पांच सूत्री प्रस्ताव

बेनौलिम (गोवा) में एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में, चीनी विदेश मंत्री किन गैंग ने आतंकवाद, अलगाववाद, उग्रवाद की 'तीन ताकतों' के खिलाफ एससीओ देशों द्वारा संयुक्त प्रयासों का आह्वान किया है. उन्होंने भविष्य के लिए एक साझा और करीबी एससीओ समुदाय बनाने के लिए पांच सूत्री प्रस्ताव भी रखा.

चीन के विदेश मंत्री किन गैंग (फाइल फोटो) चीन के विदेश मंत्री किन गैंग (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 मई 2023,
  • अपडेटेड 6:30 AM IST

चीनी विदेश मंत्री किन गैंग ने आतंकवाद, अलगाववाद, उग्रवाद की 'तीन ताकतों' के खिलाफ एससीओ देशों द्वारा संयुक्त प्रयासों का आह्वान किया है. चीन के विदेश मंत्री किन गैंग ने शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों से सुरक्षा सहयोग को गहरा करने, आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद की "तीन ताकतों" का संयुक्त रूप से मुकाबला करने और रणनीतिक स्वतंत्रता को बनाए रखने का आह्वान किया. 

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अमेरिका पर किया कटाक्ष
बेनौलिम (गोवा) में एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में अपने भाषण में, किन ने अमेरिका पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि दुनिया कई संकटों और चुनौतियों का सामना कर रही है, जिसमें शीत युद्ध की मानसिकताओं का फिर से उठना और एकतरफा संरक्षणवाद भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि वह इसे आधिपत्य जमाने और दबाव वाली सत्ता की राजनीति के तौर पर देखते हैं. 

पांच सूत्री प्रस्ताव भी रखा
उन्होंने भविष्य के लिए एक साझा और करीबी एससीओ समुदाय बनाने के लिए पांच सूत्री प्रस्ताव भी रखा. इसमें प्रमुख तौर पर यह कहा गया कि आठ सदस्य देशों को सुरक्षा सहयोग को और गहरा करना चाहिए और संयुक्त रूप से आतंकवाद पर नकेल कसनी चाहिए. बैठक के दौरान किन ने कहा, "एससीओ सदस्यों को संयुक्त रूप से आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद, मादक पदार्थों की तस्करी और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराधों की 'तीन ताकतों' पर नकेल कसना जारी रखना चाहिए. व्यापक रूप से आधारित और समावेशी राजनीतिक संरचना स्थापित करने में अफगानिस्तान का समर्थन करना चाहिए और आतंकवाद के किसी भी रूप का मुकाबला करना चाहिए." 

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इसलिए महत्व रखता है किन का प्रस्ताव
किन का प्रस्ताव महत्वपूर्ण है क्योंकि एससीओ ने पिछले वर्षों में एक मजबूत आतंकवाद रोधी बल विकसित किया है जिसे क्षेत्रीय आतंकवाद रोधी ढांचा (आरएटीएस) कहा जाता है. इसे संगठन की मुख्य ताकत में से एक माना जाता है. किन ने कहा कि एससीओ सदस्यों को संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा में एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए और क्षेत्रीय मुद्दों में हस्तक्षेप करने या देश में प्रदर्शनों को भड़काने वाली बाहरी ताकतों का विरोध करना चाहिए.

इसके साथ ही उन्होंने कहा, एससीओ सदस्यों को अंतरराष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था और बाजार के नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी कदम का दृढ़ता से विरोध करना चाहिए, ताकि सुचारू और स्थिर औद्योगिक और आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित की जा सके. किन ने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की नयी पहल वैश्विक विकास पहल (जीडीआई) वैश्विक सुरक्षा पहल (जीएसआई) और वैश्विक सभ्यता पहल (जीसीआई) को भी रेखांकित किया.

किन ने कहा कि चीन अन्य एससीओ सदस्यों के साथ समन्वय और सहयोग करने के लिए तैयार है और अधिक न्यायपूर्ण और तर्कसंगत अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था स्थापित करने के लिए मानव जाति के साझा भविष्य के साथ एक समुदाय के निर्माण सहित प्रमुख पहलों को लागू करने में एससीओ की भागीदारी का संयुक्त रूप से समर्थन करता है.

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