
चीन (China) ने पाकिस्तान (Pakistan) को छह चेंगदू-जे10सीई (Chengdu-J10CE) फाइटर जेट दिए हैं. चीन में इसे विगोरस ड्रैगन (Vigorous Dragon) कहते हैं. नाटो में रिपोर्टिंग नाम फायरबर्ड है. अब पाकिस्तान के पास ऐसे 12 फाइटर जेट्स हैं. यह एक मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है. जो किसी भी मौसम में हमला करने में सक्षम है. असल में इसका पूरा नाम चेंगदू-जे10सी है. E का मतलब एक्सपोर्ट वर्जन है.
मुद्दा ये है कि क्या भारत के पास ऐसे फाइटर जेट्स हैं, जो चीन से मिले पाकिस्तान के इस लड़ाकू विमान को टक्कर दे सकें. तो चलिए तुलना करके देख लेते हैं कि भारत का तेजस या राफेल कौन सा फाइटर जेट इसे कड़ी टक्कर दे सकता है.
रफ्तार में कौन कितना बेहतर
चेंगदू-जे10सी फाइटर जेट की अधिकतम गति मैक-2 यानी 2593 किलोमीटर प्रतिघंटा है. भारतीय वायुसेना राफेल की गति 1912 किलोमीटर प्रतिघंटा है. तेजस की गति 1980 किलोमीटर प्रतिघंटा है. तेजस सिंगल इंजन और राफेल डबल इंजन मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट हैं.
आकार किसका ज्यादा बेहतर
चेंगदू-जे10सी फाइटर जेट 55.5 फीट लंबा और 18.8 फीट ऊंचा है. इसका विंगस्पैन 32.2 फीट है. राफेल 50.1 फीट और ऊंचाई 17.6 फीट है. तेजस 43.4 फीट लंबा और 14.5 फीट ऊंचा है. यानी इन दोनों फाइटर जेट्स को आसानी से पहाड़ी इलाकों में उड़ाया जा सकता है. इनका आकार पाकिस्तानी एयरक्राफ्ट से छोटा है.
रेंज में कौन दमदार, वजनदार
चेंगदू-जे10सी का वजन 14 हजार किलोग्राम है. इसकी कॉम्बैट रेंज 1240 किलोमीटर है. राफेल का वजन 15 हजार किलोग्राम और कॉम्बैट रेंज 1850 किलोमीटर है. वहीं, तेजस का वजन 13,500 किलोग्राम है. कॉम्बैट रेंज 500 किलोग्राम है. यानी राफेल और तेजस हल्के हैं तो ये ज्यादा मारक और इनकी मैन्यूवरेबिलिटी आसान है.
कितनी ऊंचाई तक जा सकते हैं तीनों
चेंगदू-जे10सी अधिकतम 59 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. 300 मीटर प्रति सेकेंड की दर से ऊपर चढ़ता है. राफेल 51,952 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. 304.8 मीटर प्रति सेकेंड की दर से ऊपर जाता है. तेजस फाइटर जेट 53 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसकी रेट ऑफ क्लाइंब की जानकारी शेयर नहीं की गई है.
किसमें किस तरह के हथियार
चेंगदू-जे10सी फाइटर जेट में GSH गन लगी है. इसमें 11 हार्ड प्वाइंट्स हैं. जिसमें आप मिसाइल, रॉकेट और बम लगा सकते हैं. इनका मिश्रण इस्तेमाल कर सकते हैं. इस फाइटर जेट में 90 मिलिमीटर की अनगाइडेड रॉकेट लगाए जा सकते हैं. इसके अलावा हवा से हवा और हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें. चार तरह के बम लगाए जा सकते हैं. लेजर गाइडेड बम, ग्लाइड बम, सैटेलाइट गाइडेड बम और अनगाइडेड बम.
राफेल में 30 मिमी की ऑटोकैनन गन है. जो एक मिनट में 125 राउंड फायर करती है. इसमें 14 हार्ड प्वाइंट्स हैं. जिसमें आप रॉकेट, मिसाइल और बम का मिश्रण लगा सकते हैं. इसमें आप हवा से हवा, हवा से जमीन, हवा से सतह और परमाणु मिसाइल लगा सकते हैं. इसके अलावा इसमें कई तरह के टारगेटिंग प्वाइंट्स लगा सकते हैं. यानी राफेल पर ज्यादा घातक मिसाइलें, रॉकेट्स और बम तैनात किए जा सकते हैं. ये चेंगदू से ज्यादा घातक है.
तेजस फाइटर जेट में 23 मिमी की ट्विन बैरल GSH-23 कैनन है. इसके अलावा 8 हार्ड प्वाइंट्स हैं. लेकिन मिसाइल, रॉकेट्स और बमों के ज्यादा विकल्प लगाने के ऑप्शन हैं. इसमें एस-8 रॉकेट के एक्सटर्नल पॉड्स लगाए जा सकते हैं. इसके अलावा हवा से हवा, हवा से सतह, एंटी-रेडिएशन, एंटी-शिप मिसाइलें लगाई जा सकती हैं. इसके अलावा प्रेसिशन गाइडेड, लेजर गाइडेड बम, क्लस्टर म्यूनिशन लगाया जा सकता है. यानी हथियारों के मामले में ये चेंगदू से आगे हैं.