
चीन और भारत के बीच में जारी तल्खी में कुछ कमी देखने को मिली है. LAC पर तनाव भी पहले की तुलना में कुछ कम हुआ है. चीन की सेना भी हटी है, लेकिन भारत अभी भी स्थिति को नॉर्मल नहीं मान रहा है. विदेश मंत्रालय ने जारी बयान में कहा है कि चीन के साथ रिश्ते सामान्य करने के लिए कुछ और कदम उठाने पड़ेंगे. LAC से दोनों ही देशों की सेना को पीछे करने वाली प्रक्रिया भी अभी जारी है.
जानकारी के लिए बता दें कि पिछले महीने चीन और भारत के बीच में 16वीं बैठक हुई थी. तब सहमति बन गई कि दोनों भारतीय और चीनी सेना फ्रिक्शन प्वाइंट से पीछे हटेंगी. उस सहमति के बाद ही कहा जाने लगा कि गलवान घटना के बाद एक बार फिर भारत और चीन एक दूसरे के करीब आ रहे हैं. लेकिन विदेश मंत्रालय ने अभी के लिए इन अटकलों पर विराम लगा दिया है.
जारी बयान में कहा गया है कि चीन के साथ सामान्य रिश्तों के लिए अभी कुछ और कदम उठाने पड़ेंगे. अभी हम उस स्थिति में नहींं पहुंचे हैं. LAC से दोनों देशों की सेना का पीछे हटने वाला सिलसिला भी जारी है. अब विदेश मंत्रालय का ये बयान उस समय आया है जब पिछले महीने हुई SCO समिट के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति से मुलाकात नहीं की थी. उसी फैसले से संकेत मिल गए थे कि रिश्तों में तनाव कम जरूर हुआ है, लेकिन अभी खत्म नहीं हुआ है. अब विदेश मंत्रालय ने भी साफ कर दिया है कि चीन के साथ रिश्ते सामान्य करने में और वक्त लगने वाला है.
वैसे भारत चीन के खिलाफ एक नई रणनीति पर भी काम कर रहा है. इस रणनीति के तहत सैनिकों को स्पेशल ट्रेनिंग दी जा रही है और जवानों का 'पुनर्संतुलन' स्थापित करने पर भी जोर दिया जा रहा है. इसके अलावा अब सेनाओं के काम को भी बांटने पर जोर दिया जा रहा है. एक तरफ थल सेना को बॉर्डर एरिया पर चीन के खिलाफ तैनात किया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ असम राइफल्स उग्रवाद विरोधी सभी अभियान में सक्रिय भूमिका निभाएगी.