
सीमा पर चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. अमेरिकी रक्षा विभाग विभाग पेंटागन की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि चीन ने भारत से सटी एलएसी पर 2022 में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य किए और अपनी सेना की तैनाती को भी बढ़ा दिया.
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच चीन ने डोकलाम के पास नई सड़कें, बंकर, पैंगोंग झील पर एक दूसरा पुल और एलएसी के पास एक दोहरे उद्देश्य वाला हवाई अड्डा और कई हेलीपैड तैयार किए हैं.
भारत और चीनी सैनिकों के बीच बीते तीन साल से पूर्वी लद्दाख में कई केंद्रों को लेकर टकराव बना हुआ है. इस टकराव को कम करने के लिए दोनों पक्षों ने व्यापक स्तर पर राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी की. इन सबके बीच पेंटागन ने 'मिलिट्री एंड सिक्योरिटी डेवलेपमेंट्स इन्वोल्विंग द पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना' नाम से यह रिपोर्ट जारी की है.
पेंटागन की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
पेंटागन की इस रिपोर्ट में कहा गया है,"वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सीमा निर्धारण के संबंध में भारत और चीन के बीच अलग-अलग धारणाओं के साथ-साथ बुनियादी ढांचे के निर्माण के कारण कई झड़पें हुईं जिससे गतिरोध जारी रहा और दोनों तरफ से सीमा पर सैन्य जमावड़ा हुआ. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में चीन ने एलएसी पर सैन्य बुनियादी ढांचे का विकास जारी रखा है.
रिपोर्ट के अनुसार "चीन ने जो निर्माण कार्य यहां किए हैं उनमें डोकलाम के पास भूमिगत भंडारण सुविधाएं, एलएसी के सभी तीन क्षेत्रों में नई सड़कें, पड़ोसी भूटान में विवादित क्षेत्रों में नए गांव, पैंगोंग झील पर एक दूसरा पुल, सेंटर सेक्टर के पास एक दोहरे उद्देश्य वाला हवाई अड्डा और कई हेलीपैड शामिल हैं.'
बड़े पैमाने पर की तैनाती
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने साल 2022 में एक बॉर्डर रेजीमेंट तैनात की थी और उसकी मदद के लिए शिनजियांग और तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट की दो डिविजन की भी तैनाती की गई. इनके साथ चार कंबाइंड आर्म्ड ब्रिगेड भी वेस्टर्न सेक्टर में एलएसी पर तैनात की गई हैं जबकि तीन कंबाइंड आर्म्स ब्रिगेड (सीएबी) ईस्टर्न सेक्टर में और तीन ब्रिगेड सेंट्रल सेक्टर में तैनात की गई हैं. हालांकि कुछ ब्रिगेड को एलएसी से हटा लिया गया था लेकिन उसके बावजूद अधिकतर सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब तैनात हैं.
जून 2020 में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों और भारतीय गश्ती दल के बीच जबरदस्त झड़प हुई थी जो दोनों देशों के बीच 45 वर्षों में सबसे हिंसक झड़प थी.रिपोर्ट में कहा गया है कि एलएसी के करीब वेस्टर्न थिएटर कमांड ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) बलों की बड़े पैमाने पर लामबंदी और तैनाती की है.
गलवान झड़प के बाद हुए थे तनावपूर्ण हालात
15 जून, 2020 को गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद द्विपक्षीय संबंध तनावपूर्ण हो गए थे.रिपोर्ट में कहा गया है कि एलएसी पर चीन की वेस्टर्न थिएटर कमांड की तैनाती संभवत: 2023 तक जारी रहेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन के बीच बातचीत में 'न्यूनतम प्रगति हुई क्योंकि दोनों पक्षों ने सीमा पर कथित लाभ खोने का विरोध किया है.'
भारत का कहना है कि जब तक सीमावर्ती इलाकों में शांति नहीं होगी तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन के पास 500 से अधिक ऑपरेशनल परमाणु हथियार हैं और संभवतः 2030 तक 1,000 से अधिक हो जाएंगे.