
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस आरोप को खारिज कर दिया कि लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व अध्यक्ष चिराग पासवान ने लगभग तीन साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में 'भाजपा एजेंट' के रूप में काम किया था. राय ने आरोप लगाया कि चिराग पासवान कभी भी एनडीए छोड़ना नहीं चाहते थे लेकिन जदयू के सर्वोच्च नेता कुमार के अहंकार के कारण अलग हो गए. चिराग ने उन पर 'जनता की भावना' से संपर्क खो देने का भी आरोप लगाया था.
बिहार भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राय ने दावा किया, 'यह कहना गलत है कि हम 2020 के विधानसभा चुनावों में नीतीश कुमार को कमजोर करना चाहते थे. उनकी पार्टी का प्रदर्शन भाजपा से कहीं ज्यादा खराब रहा क्योंकि उनका जनभावनाओं से संपर्क टूट गया था और उनका अहंकार एक बड़ी समस्या बन गया था. यही एकमात्र कारण था कि चिराग पासवान को अलग होना पड़ा.'
चिराग ने उतारे थे अपने उम्मीदवार
चिराग पासवान ने जद (यू) द्वारा लड़ी गई सभी सीटों पर एलजेपी के उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, जिनमें से कई भाजपा के बागी थे. इससे नीतीश कुमार की जेडीयू को नुकसान भी हुआ और उन्हें 43 सीटें मिली जबकि बीजेपी 71 सीटें जीतने में सफल रही. हालांकि, नतीजों के बाद भाजपा ने कुमार के साथ अपने गठबंधन पर कायम रहने का फैसला किया, लेकिन पासवान ने खुले तौर पर कहा कि उनकी बगावत का उद्देश्य भगवा पार्टी को अपनी सरकार बनाने में मदद करना था.
राय ने खारिज किया नीतीश का दावा
शुक्रवार को, कुमार ने पासवान का नाम लिए बिना बगैर कहा कि विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए भाजपा का "एजेंट" जिम्मेदार रहा. वहीं नित्यानंद राय ने कहा, 'चिराग ने हमारे (बीजेपी) कुछ लोगों के खिलाफ भी अपने उम्मीदवार उतारे थे. इसके अलावा, हम अपने वादे पर कायम रहे और कुमार की लोकप्रियता में स्पष्ट गिरावट के बावजूद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया. यह एक ऐसा तथ्य है जिसे वह नकार नहीं सकते.'
यह पूछे जाने पर कि भाजपा ने नीतीश कुमार को एक और कार्यकाल के लिए समर्थन इसलिए दिया होगा क्योंकि पार्टी के पास विश्वसनीय चेहरों की कमी है? इसका जवाब देते हुए राय ने कहा, 'यह बकवास है. हमारे पास बहुत सारे चेहरे हैं.' राय ने कहा, 'यह भाजपा का इतिहास रहा है कि वह राष्ट्रीय हित में अन्य दलों की मदद करती है. हमने बिहार को लालू प्रसाद के राजद के कुशासन से छुटकारा दिलाने में नीतीश कुमार की मदद की. हालांकि लालू भी जब पहली बार बिहार के सीएम बने थे तो हमने उनका समर्थन किया था क्योंकि वह तब कांग्रेस के खिलाफ लड़ रहे थे.'
महत्वाकांक्षा के लिए नीतीश ने मिलाया आरजेडी से हाथ
नित्यानंद राय ने दावा किया कि भाजपा की मूल लड़ाई कांग्रेस के साथ रही है क्योंकि यही वह पार्टी है जिसने विभाजन के मुद्दे पर समझौता किया था. राय ने कहा, 'पाकिस्तान का गठन हमारी आजादी से एक दिन पहले हुआ था. ये कांग्रेस के पाप हैं, जिसके कारण हमने उस पार्टी के साथ कभी गठबंधन नहीं किया.'
कुमार के इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कि एनडीए के कई सहयोगी लोकसभा चुनाव से पहले साथ छोड़ देंगे, भाजपा नेता ने जवाब दिया, 'उनके पास अब अपना कोई दिमाग नहीं है. उन्होंने प्रधानमंत्री पद की अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कांग्रेस-राजद गठबंधन से हाथ मिलाया.'