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'इस तरह की मुलाकातें होती रहती हैं, हम कभी काम पर चर्चा नहीं करते', PM मोदी से मुलाकात पर बोले CJI चंद्रचूड़

रविवार को लोकसत्ता लेक्चर सीरीज में बोलते हुए सीजेआई ने कहा, 'मैं आपको बताना चाहता हूं कि राज्यों में एक परंपरा है कि राज्य के मुख्य न्यायाधीश और सीएम के बीच नियमित बैठकें होती हैं. अब, लोग क्या सोचते हैं, वे क्यों मिलते हैं? वे न्यायिक चर्चा के लिए कभी नहीं मिलते हैं. हमारी राजनीतिक व्यवस्था की परिपक्वता इस तथ्य में निहित है कि न्यायपालिका के प्रति बहुत सम्मान है, राजनीतिक वर्ग में भी.'

पीएम मोदी हाल ही में CJI आवास पर गए थे और गणपति पूजा की थी (File photo-PTI) पीएम मोदी हाल ही में CJI आवास पर गए थे और गणपति पूजा की थी (File photo-PTI)
कनु सारदा
  • नई दिल्ली,
  • 28 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 10:58 AM IST

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि गणेश पूजा के दौरान उनके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मुलाकात एक सामान्य बात है. न्यायपालिका के इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए इस तरह की बैठकें अक्सर होती रहती हैं जिनमें न्यायिक निर्णयों पर चर्चा नहीं होती. बता दें कि सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं.

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न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनकी जगह लेंगे. इस साल सितंबर में गणेश पूजा के दौरान जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के मुख्य न्यायाधीश के घर पहुंचे थे तब विवाद पैदा हो गया था और कई लोगों ने दोनों के बीच की मुलाकात पर सवाल उठाए थे.

'हम अपने कर्तव्य अच्छी तरह जानते हैं'

सीजेआई ने कहा, 'न्यायाधीशों और कार्यपालिका के प्रमुखों के बीच न्यायिक मामलों को किसी भी चर्चा से दूर रखने के लिए पर्याप्त परिपक्वता है.' उन्होंने कहा, 'हम लोकतांत्रिक प्रणाली और राजनीतिक व्यवस्था में अपने कर्तव्यों को जानते हैं और कार्यपालिका अपने कर्तव्यों को. कोई भी न्यायाधीश, उनमें से कम से कम सीजेआई या सीजे, न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए किसी खतरे से दूर रहते हैं.'

'राज्यों में CM और चीफ जस्टिस के बीच बैठकें होती रहती हैं'

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रविवार को लोकसत्ता लेक्चर सीरीज में बोलते हुए सीजेआई ने कहा, 'मैं आपको बताना चाहता हूं कि राज्यों में एक परंपरा है कि राज्य के मुख्य न्यायाधीश और सीएम के बीच नियमित बैठकें होती हैं. अब, लोग क्या सोचते हैं, वे क्यों मिलते हैं? वे न्यायिक चर्चा के लिए कभी नहीं मिलते हैं. हमारी राजनीतिक व्यवस्था की परिपक्वता इस तथ्य में निहित है कि न्यायपालिका के प्रति बहुत सम्मान है, राजनीतिक वर्ग में भी.'

'ऐसी बैठकों का एजेंडा अलग होता है'

नई कोर्ट बिल्डिंग, जिलों में न्यायाधीशों के लिए आवास सहित ज्यूडिशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर के मुद्दे पर, सीजेआई ने कहा, 'इसके लिए, मुख्य न्यायाधीश और मुख्यमंत्री की बैठक की जरूरत होती है. मैं इलाहाबाद हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस था. मैंने बंबई हाई कोर्ट की प्रशासनिक समिति में काम किया. राज्य में यह परंपरा है कि जब पहली बार मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति होती है तो उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश मुख्यमंत्री के पास जाता है. अगली बार मुख्यमंत्री मुख्य न्यायाधीश से मिलने जाते हैं. ऐसी सभी बैठकों का एक अलग एजेंडा होता है.'

'हम शादियों में भी मिलते हैं, लेकिन काम पर चर्चा नहीं करते'

उन्होंने कहा, 'उच्च न्यायालयों और राज्य सरकारों के बीच प्रशासनिक संबंध हाई कोर्ट के पारंपरिक काम से बहुत अलग है. यही बात भारत के सर्वोच्च न्यायालय और तत्कालीन सरकार के बीच प्रशासनिक संबंधों में केंद्रीय स्तर पर भी लागू होती है लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि इसका न्यायिक कार्यों पर कोई असर नहीं पड़ता है.' उन्होंने कहा कि 'जज शादी समारोह, सामाजिक कार्यक्रमों और अन्य समारोह में भी राजनीतिक नेताओं से मिलते हैं लेकिन कभी भी काम के बारे में चर्चा नहीं करते.'

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