
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के रेप और मर्डर केस की जांच के संबंध में सोशल मीडिया पर वायरल एक फर्जी पत्र को खारिज कर दिया. सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हो रहे इस पत्र पर डॉ आकाश नाग नामक व्यक्ति के हस्ताक्षर हैं.
सीबीआई की तरफ से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है, "डॉ. आकाश नाग के नाम से एक फर्जी पत्र वायरल हो रहा है, जिसमें शख्स ने खुद को डीआईजी, संयुक्त निदेशक, अपराध शाखा, कोलकाता बताया है. पत्र आधिकारिक बैनर केंद्रीय जांच ब्यूरो, उप महानिरीक्षक कार्यालय, भ्रष्टाचार निरोधक शाखा, कोलकाता" के तहत केंद्रीय गृह सचिव को संबोधित कर रहा है, जो कि व्हाट्सएप आदि के माध्यम से सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा है. यह पत्र आरजी कर अस्पताल, कोलकाता की एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या से संबंधित मामले के बारे में है."
इसके अलावा, सीबीआई ने बताया कि मामले की जांच दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय द्वारा की जा रही है और पत्र की सामग्री फर्जी है. इसमें कहा गया है, "यह स्पष्ट किया जाता है कि उक्त पत्र फर्जी है. मामले की जांच सीबीआई मुख्यालय, दिल्ली द्वारा की जा रही है. इसके अलावा, डॉ. आकाश नाग, डीआईजी, संयुक्त निदेशक, अपराध शाखा, एसीबी, कोलकाता के नाम और पदनाम से सीबीआई में कोई अधिकारी नहीं है. उक्त पत्र की सामग्री झूठी है और इसलिए इसका जोरदार खंडन किया जाता है."
सीबीआई ने अपने बयान में कहा कि आम जनता और सभी हितधारकों को सलाह दी जाती है कि वे उक्त पत्र या इसी तरह के किसी भी शरारती संचार को नजरअंदाज करें. यह दोहराया जाता है कि सीबीआई सभी मानक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए और पूरी तरह से पेशेवर तरीके से मामले की जांच कर रही है.