
सीएम अरविंद केजरीवाल को गुरुवार शाम को प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने गिरफ्तार कर लिया. उनके खिलाफ शराब घोटाला मामले में कार्रवाई हुई है. लगातार 9 समन भेजने के बाद ईडी की टीम 10वें समन के साथ गुरुवार शाम केजरीवाल के घर पहुंची थी. यहां उनके आवास पर सीएम से दो घंटे की पूछताछ हुई. इस दौरान ईडी के संयुक्त निदेशक कपिल राज भी केजरीवाल के आवास पर मौजूद रहे. PMLA की धारा 50 के तहत केजरीवाल का बयान दर्ज किया गया और फिर उनकी गिरफ्तारी की गई. सीएम केजरीवाल ऐसे पहले सीएम बन गए हैं, जो पद पर रहते हुए गिरफ्तार हुए हैं.
दो सालों से चर्चा में था शराब घोटाला
सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर चर्चाएं पहले से जारी थीं. बीते लगातार दो सालों से दिल्ली की राजनीति में चर्चाओं में रहे शराब घोटाले की जद में आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेता आते रहे और अब इसकी चपेट में केजरीवाल भी आ ही गए. सीएम केजरीवाल, जो कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की मुहिम के साथ राजनीति में आए थे, वह आज खुद भ्रष्टाचार के आरोप में बुरी तरह घिर गए हैं.
दिल्ली के सातवें सीएम, कांग्रेस की सीएम रही शीला दीक्षित को भारी मतों से हराकर सत्ता में काबिज हुए और इससे पहले अन्ना आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाकर लोगों के बीच जगह बनाने वाले केजरीवाल की प्रोफाइल पर डालते हैं एक नजर...
हरियाणा के भिवानी में जन्म, टाटा स्टील में नौकरी
अरविंद केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त 1968 को हरियाणा के भिवानी जिले में हुआ और उनकी स्कूली शिक्षा हिसार से हुई है. अरविंद केजरीवाल IIT खड़गपुर के पूर्व छात्र हैं और मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिग्रीधारक हैं. केजरीवाल ने पहले कुछ समय टाटा स्टील में नौकरी भी की थी, लेकिन बाद में इसे छोड़ कर सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी की और सफल हुए. 1993 में वह भारतीय राजस्व सेवा (Indian Revenue Services) में शामिल हुए और फिर दो साल बाद ही उन्होंने 1995 में अपनी बैचमेट सुनीता केजरीवाल से शादी की.
भारतीय राजस्व सेवा में भी की सर्विस
भारतीय राजस्व सेवा में काम करते हुए उन्होंने सामाजिक और जन सरोकार के मुद्दों पर भी ध्यान देना शुरू किया. यहीं से दिल्ली के नागरिकों की शिकायतों को दूर करने के लिए मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर 'परिवर्तन' नाम के एक आंदोलन (Parivartan Movement) की नींव रखी गई. साल 2011 में वह जन लोकपाल विधेयक (Jan Lokpal Bill) को लागू करने के लिए भ्रष्टाचार विरोधी धरने का नेतृत्व करने के लिए अन्ना हजारे के साथ शामिल हुए. इसी साल के आखिरी में उन्होंने अपनी एक राजनीतिक पार्टी आप (AAP) की नींव रखी और 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़े.
जन लोकपाल बिल की मांग और अन्ना आंदोलन
साल था 2011. 5 अप्रैल 2011 को सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे में देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया. इस आंदोलन की शुरुआत दिल्ली के रामलीला मैदान से हुई थी. अरविंद केजरीवाल इस आंदोलन का बहुत खास चेहरा थे. देश में जन लोकपाल विधेयक को लागू करने की मांग करते हुए केजरीवाल ने ही इंडिया अगेंस्ट करप्शन ग्रुप (IAC) का गठन किया था. जन लोकपाल विधेयक पर जब तत्कालीन मनमोहन सरकार का लगातार नकारात्मक रवैया रहा तो अन्ना हजारे जन लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर 16 अगस्त को दिल्ली के रामलीला मैदान में अन्ना हजारे भूख-हड़ताल पर बैठ गए. ये आंदोलन 28 अगस्त तक चला. अन्ना हजारे के साथ इस आंदोलन में तब अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, कुमार विश्वास, संजय सिंह और मनीष सिसोदिया खासतौर पर शामिल रहे थे. अन्ना हजारे के बाद अरविंद केजरीवाल इस आंदोलन का प्रमुख चेहरा बनकर उभरे थे. इसी आंदोलन के दौरान ही उन्होंने कहा कि सिस्टम को सुधारना है तो सिस्टम में आना पड़ेगा. यहां से उनकी राहें अन्ना हजारे से अलग हुईं और अरविंद केजरीवाल ने राजनीतिक पार्टी की स्थापना की.
साल 2013 में पहली बार बने दिल्ली के सीएम
साल 2013 में केजरीवाल ने नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को भारी मतों से हराया. उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी के दूसरे सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड भी अपने नाम दर्ज कराया है. हालांकि, उन्होंने तब महज 49 दिनों से भी कम समय में इस्तीफा दे दिया था. साल 2014 के लोकसभा चुनावों में वह वाराणसी से भाजपा के प्रधान मंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के खिलाफ भी चुनाव लड़ चुके हैं, जहां से उन्हें हार मिली थी.
साल 2015 में दोबारा बने सीएम
साल 2015 में, केजरीवाल अपनी पार्टी की भारी जीत के बाद सत्ता में फिर से लौटे और 70 में से 67 सीटें हासिल कीं. उन्होंने 14 फरवरी, 2015 को दूसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. साल 2020 में वह तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने और अब वह भारत के सबसे प्रमुख राजनेताओं में से एक हो चुके हैं. सीएम केजरीवाल ने 2006 में सूचना के अधिकार (RTI) कार्यकर्ता के रूप में अपनी भूमिका निभाई जिसके लिए उन्हें रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से नवाजा गया था.