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अखिलेश यादव से मिलने लखनऊ जाएंगे अरविंद केजरीवाल, केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ मांगेंगे समर्थन

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश के विरोध में विपक्षी दलों का समर्थन जुटाने की कवायद में जुटे हैं. केजरीवाल महाराष्ट्र और तेलंगाना के बाद अब यूपी जा रहे हैं. केजरीवाल लखनऊ में यूपी के पूर्व सीएम और सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे.

अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव (फाइल फोटो) अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 06 जून 2023,
  • अपडेटेड 1:15 PM IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनों अलग-अलग राज्यों के दौरे कर रहे हैं. अलग-अलग राज्यों के दौरे कर केजरीवाल केंद्र सरकार की ओर से ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर जारी अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं, उनसे समर्थन मांग रहे हैं. केजरीवाल सात जून को उत्तर प्रदेश जा रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक अरविंद केजरीवाल 7 जून को यूपी की राजधानी लखनऊ पहुंचेंगे. दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के लखनऊ पहुंचकर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करने का कार्यक्रम है. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और सपा अध्यक्ष अखिलेश की मुलाकात लखनऊ में होनी है.

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बताया जाता है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात कर दिल्ली के सीएम केजरीवाल दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच ट्रांसफर-पोस्टिंग विवाद को लेकर बात करेंगे. केजरीवाल दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग की समस्या के साथ ही सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश, केंद्र सरकार की ओर से जारी अध्यादेश को लेकर चर्चा करेंगे.

दिल्ली सरकार के पक्ष में आया था सुप्रीम कोर्ट का फैसला

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ अखिलेश यादव का समर्थन भी मांगेंगे. गौरतलब है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला था. सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सुनवाई के लिए संविधान पीठ के पास भेज दिया था. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने इस मामले में फैसला दिल्ली सरकार के पक्ष में सुनाया था.

 

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने दिल्ली में ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि एलजी चुनी हुई सरकार की सिफारिशों पर काम करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि केंद्र सरकार ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर कानून बना सकती है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली सरकार ने कई विभागों के सचिव स्तर के अधिकारियों के तबादले की फाइल एलजी को भेजी थी.

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केंद्र ने अध्यादेश लाकर एलजी को फिर से सौंपे अधिकार

आम आदमी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता एलजी पर फाइल जानबूझकर दबाने के आरोप लगाते हुए धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिए. बाद में केंद्र सरकार ने दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर कमीशन गठित करने की बात करते हुए अध्यादेश जारी कर दिया. इस अध्यादेश के जरिए केंद्र ने ये भी प्रावधान कर दिया कि ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर अंतिम निर्णय लेने का अधिकार एलजी के पास रहेगा.

अखिलेश ने अध्यादेश को बताया था न्यायपालिका का अपमान

अखिलेश यादव ने दिल्ली के अध्यादेश को न्यायपालिका का अपमान बताया था. उन्होंने इसे बीजेपी की नकारात्मक राजनीति का परिणाम बताते हुए कहा था कि ये लोकतांत्रिक अन्याय भी है. सपा प्रमुख ने ट्वीट कर कहा था कि बीजेपी जानती है कि दिल्ली की हर सीट वो हार रही है इसीलिए पहले से ही जनता से बदला ले रही है. उन्होंने ये भी कहा था कि अध्यादेश के नाम पर ये जनादेश की हत्या है.

शरद पवार-उद्धव और केसीआर से मिल चुके हैं केजरीवाल

केंद्र सरकार की ओर से अध्यादेश जारी किए जाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसके विरोध में विपक्षी दलों का समर्थन जुटाने, उनको लामबंद करने का ऐलान किया था. केजरीवाल ने इसे लेकर मुंबई में शरद पवार और उद्धव ठाकरे, हैदराबाद में तेलंगाना के सीएम केसीआर, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, रांची में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की थी. नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने दिल्ली के सीएम आवास पहुंचकर केजरीवाल से मुलाकात की थी.

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