
दिल्ली सरकार के खिलाफ लाए गए केंद्र के अध्यादेश की रार अभी सुलझती नहीं दिख रही है. केजरीवाल सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची और दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग पर केंद्र सरकार के लाए गए अध्यादेश को चुनौती दी है. वहीं, यह भी सामने आया है कि सर्विसेज को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों की बैठक में भले आम आदमी पार्टी को कांग्रेस का समर्थन न मिला हो, लेकिन अब ग्राउंड पर आम लोगों का समर्थन जुटाने के लिए आम आदमी पार्टी ने एक बड़ा प्लान तैयार किया है.
3 जुलाई को अध्यादेश की कॉपियां जलाने के मामले में यू-टर्न
आम आदमी पार्टी पूरी दिल्ली में अध्यादेश की कॉपियां जलाने की तैयारी कर रही थी. 3 जुलाई को आम आदमी पार्टी दफ्तर में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार के अध्यादेश की कॉपियां जलाने वाले थे. फैसला हुआ था कि इस दौरान आम आदमी पार्टी के 70 विधानसभाओं के नेता विधायक, मंत्री, पार्षद और सांसद भी मौजूद रहेंगे.
मगर, बाद में पार्टी ने इस फैसले पर यू-टर्न ले लिया. याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल होने के बाद मामला अदालत में लंबित होने के चलते आम आदमी पार्टी ने प्रतियों को जलाने के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है.
केंद्र सरकार के काले अध्यादेश का चौतरफा विरोधः सौरभ भारद्वाज
दिल्ली सरकार में सर्विसेज मंत्री सौरभ भारद्वाज ने ऐलान करते हुए कहा कि केंद्र सरकार चाहती है कि गैर कानूनी तरीके से एक काला अध्यादेश लाकर दिल्ली की सत्ता पर LG का कब्जा करवाया जाए. सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संवैधानिक पीठ ने चुनी हुई सरकार को अधिकार दिए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के छुट्टी पर जाते ही केंद्र सरकार अध्यादेश ले आई. भाजपा के कट्टर समर्थक भी कह रहे हैं कि ये दिल्ली की जनता के साथ धोखा है, दिल्ली का हर शख्स यही कह रहा है कि इस काले अध्यादेश का विरोध करना चाहिए.
6 से 13 जुलाई तक चलेगा खास अभियान
आम आदमी पार्टी 5 जुलाई को सभी 70 विधानसभाओं में और 6 से 13 जुलाई तक दिल्ली के ज़ोन में अध्यादेश की कॉपी जलाएगी. इस दौरान जनता का समर्थन जुटाने के लिए नुक्कड़ सभाओं का आयोजन भी किया जाएगा. आगे सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली की जनता ने तीन बार अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री चुना है. भाजपा ने तीनों चुनावों में खूब जोर लगाया लेकिन चुनाव हार गई. इसलिए अब भाजपा और केंद्र सरकार दिल्ली के लोगों से बदला लेना चाहती है.
केंद्र पर लगाए सख्त आरोप
सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित केंद्र सरकार को दिल्ली में बिजली-पानी, मुफ्त इलाज, महिलाओं की मुफ्त बस यात्रा और बुजुर्गों की मुफ्त तीर्थयात्रा से बहुत दिक्कत है और भाजपा इन सुविधाओं को बंद करवाना चाहती है. पटना में विपक्षी दलों की बैठक में अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस को समर्थन न मिलने के बाद से ही आम आदमी पार्टी तीखे रुख अपना रही है.
आम जनता का नुकसान किया- संदीप पाठक
'आजतक' से खास बातचीत में AAP के संगठन महासचिव संदीप पाठक ने कहा कि पार्टी इस कैंपेन के जरिए आम लोगों को जाकर बताएगी कि भाजपा ने अध्यादेश लाकर दिल्ली की जनता का नुक़सान किया है. और आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट देकर वोट खराब न करें. संदीप पाठक ने कहा 'दिल्ली में AAP सभी सातों सीटों पर तैयारी कर रही है और पूरी ताकत के साथ लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, लेकिन आने वाला समय बताएगा कि किस तरह की स्थितियां होती हैं. एक राजनीतिक दल के रूप में AAP अपने स्तर पर सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं.'
संदीप पाठक से पूछा कि क्या आम आदमी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी या फिर विपक्षी दलों के साथ? संदीप पाठक ने कहा 'आज देश के लिए जरूरी है कि नरेंद्र मोदी की असफल सरकार को हटाकर एक नयी सरकार लाई जाए. इसे स्थापित करने के लिए सभी विपक्षी दलों को साथ मिलकर चुनाव लड़ना होगा. लेकिन ये सब कुछ कांग्रेस पर निर्भर करता है कि वो सबको साथ लेकर चल सकती है या नहीं. क्या कांग्रेस अपना अहंकार छोड़ सकती है? क्या कांग्रेस के पास बड़ा दिल और विजन है?'
आगे AAP नेता से जब पूछा कि विपक्षी दलों की बैठक के बाद आम आदमी पार्टी को कांग्रेस में अहंकार क्यों नज़र आता है? संदीप पाठक ने कहा काले अध्यादेश पर आम आदमी पार्टी अरविंद केजरीवाल के लिए नहीं बल्कि दिल्ली की पब्लिक के लिए समर्थन मांग रही है. आने वाले समय में किसी भी राजनीतिक दल की सरकार बने लेकिन इस तरह के अध्यादेश की वजह से जनता को भुगतना पड़ता है. आम आदमी पार्टी की मांग है कि अगर दिल्ली की जनता को समर्थन करना चाहते हैं तो कांग्रेस को अध्यादेश का विरोध करना चाहिए. इसके अलावा जब भी एक बड़ा गठबंधन बनता है तो उसके लीडर को भी बड़ा दिल रखना चाहिए और अहंकार को क्या करना चाहिए.'
इस सवाल पर कि संसद के मानसून सत्र का ऐलान हो चुका है क्या कांग्रेस से कोई बातचीत हो पाई है? संदीप पाठक ने कहा 'आम आदमी पार्टी अधिकारिक तौर पर काफी पहले कांग्रेस से निवेदन कर चुकी है. अध्यादेश के मुद्दे पर मदद मांगने के लिए आम आदमी पार्टी में कोई अहंकार नहीं है. आम आदमी पार्टी की मांग है कि कांग्रेस दिल्ली की जनता का समर्थन करे और अध्यादेश को संसद में गिराने के लिए हर राजनीतिक दल से मदद मांगेंगे.'
आगे AAP नेता ने विपक्षी दलों की दूसरी बैठक में आम आदमी पार्टी के शामिल होने के सवाल पर कहा कि 'सबसे पहले कांग्रेस को अपना स्टैंड स्पष्ट करना चाहिए कि वह अध्यादेश के साथ है या फिर अध्यादेश के खिलाफ़. विपक्षी दलों की अगली मीटिंग में आम आदमी पार्टी जाएगी या नहीं जाएगी यह कुछ ही दिनों में तय हो जाएगा.'