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'मणिपुर में बढ़ती जा रही है अवैध अप्रवासियों की संख्या, हमें अपने लोगों को बचाने की जरूरत', बोले CM बीरेन सिंह

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो दशकों में राज्य की जनसांख्यिकीय बदलावों की समीक्षा से पता चलता है कि एक समुदाय में जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हुई है, जो पिछली सरकार की एक विवादास्पद नीति से जुड़ी है और इसमें पड़ोसी देश से अनियंत्रित अप्रवास की अनुमति दी गई थी.

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (फाइल फोटो) मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 6:44 AM IST

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने एक बार फिर राज्य में अवैध अप्रवासियों का मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा कि हमें अपनी ज़मीन और लोगों को बचाने की ज़रूरत है और हम ऐसा करेंगे. सीएम ने कहा कि मणिपुर में अवैध अप्रवास एक गंभीर मुद्दा है जिस पर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है. 

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो दशकों में राज्य की जनसांख्यिकीय बदलावों की समीक्षा से पता चलता है कि एक समुदाय में जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हुई है, जो पिछली सरकार की एक विवादास्पद नीति से जुड़ी है और इसमें पड़ोसी देश से अनियंत्रित अप्रवास की अनुमति दी गई थी.

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अपने देश में अल्पसंख्यक- सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर यही क्रम जारी रहता है तो यह हमारे स्वदेशी समुदायों के भविष्य को खतरे में डाल सकती है, जिससे हमारे अपने लोग अपनी ही ज़मीन पर अल्पसंख्यक बन सकते हैं. उन्होंने कहा कि हम सभी के लिए इस मुद्दे को हल करना होगा. सख्त अप्रवास नीतियों को लागू करना और अपने राज्य के जनसांख्यिकीय संतुलन और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करना महत्वपूर्ण है.

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सीएम ने बताया कि मार्च 2023 में मंत्री लेतपाओ हाओकिप के नेतृत्व में अवैध अप्रवासियों की पहचान पर एक कैबिनेट उप-समिति ने अन्य सदस्यों के साथ राज्य में अवैध अप्रवास की स्थिति का आकलन करने के लिए पांच पहाड़ी जिलों का दौरा किया था. इस दौरान कुल 2,480 अवैध म्यांमार अप्रवासियों की पहचान की गई थी.

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इतने कम समय में अवैध अप्रवासियों की इतनी ज्यादा संख्या पता चलने के बाद राज्य सरकार भी हैरान थी. अवैध प्रवासियों की पहचान प्रक्रिया को तब रोक दिया गया था जब उप-समिति के एक सदस्य ने समिति को आगे के गांवों में चल रही गोलीबारी की सूचना दी.

पहले भी दिया था ऐसा ही बयान

सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि गौर करने वाली बात ये है कि उप-समिति द्वारा जमीनी स्तर पर अपनी पहचान प्रक्रिया शुरू करने से पहले ही सैकड़ों अवैध अप्रवासियों की पहचान की जा चुकी थी. उन्हें एक विशेष सुविधा में रखा गया था जहां उनका बायोमेट्रिक डेटा एकत्र किया गया था.

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने विधानसभा में बताया था कि पिछले पांच साल में 10,675 अवैध अप्रवासियों की पहचान की गई है. इस दरमियान 85 लोगों को डिपोर्ट भी किया गया है. मुख्यमंत्री ने बताया कि ऐसे 143 लोग मौजूदा समय में डिटेंशन सेंटर में हैं.

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मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बताया कि अवैध अप्रवासी खासतौर पर म्यांमार, बांग्लादेश, नॉर्वे, चीन और नेपाल जैसे देशों से हैं. विधायक सुरजकुमार ओकराम ने विधानसभा में यह सवाल पूछा था, जिसपर मुख्यमंत्री ने जवाब दिया. सीएम ने यह भी बताया कि जो 143 लोग डिटेंशन सेंटर में हैं, उनके मेंटेनेंस पर 85,55,761 रुपये खर्च किया गया है.

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