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असम-मिजोरम विवाद पर CM हिमंता बिस्वा सरमा बोले- अभी शांति है, लेकिन कब तक रहेगी ये नहीं कह सकते

मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि हर 3-4 साल पर ऐसे विवाद होते रहते हैं. आज सोशल मीडिया का दौर है, इसलिए लोगों को लगा कि इतना तनाव है, लेकिन ये विवाद तो पहले भी होते रहे हैं.

CM Himanta Biswa Sarma CM Himanta Biswa Sarma
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 4:56 PM IST
  • आज तक से सीेएम हिमंता बिस्वा सरमा की खास बातचीत
  • कहा- इस मसले का स्थायी समाधान होना चाहिए

पड़ोसी राज्य मिजोरम से चल रहे सीमा विवाद को लेकर अमस के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बड़ा बयान दिया है. आजतक से खास बातचीत में हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि फिलहाल दोनों राज्यों के बीच शांति है. लेकिन शांति कब तक रहेगी ये कह पाना मुश्किल है क्योंकि जो विवाद वो बहुत पुराना है. इसे आसानी से नहीं सुलझाया जा सकता. 

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उन्होंने कहा कि इस मसले पर दोनों राज्यों के बीच बातचीत जारी है. आपस में लगातार बातचीत होती रहेगी तो मामला ठीक रहेगा, लेकिन मैं उम्मीद करता हूं कि इसका स्थायी समाधान हो. इस प्रयास में लगे हुए हैं. फिलहाल मुख्यमंत्रियों की बातचीत और लगातार संपर्क ही एक मात्र रास्ता है. 

मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि हर 3-4 साल पर ऐसे विवाद होते रहते हैं. आज सोशल मीडिया का दौर है, इसलिए लोगों को लगा कि इतना तनाव है, लेकिन ये विवाद तो पहले भी होते रहे हैं तब सोशल मीडिया नहीं था.

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि उनकी सरकार के वक्त से ये विवाद चल रहा है. अगर समय पर इस विवाद को निपटा लिया जाता तो आज ऐसे हालात नहीं होते. हालांकि अब हम कोशिश में हैं कि इसका कोई स्थायी तौर पर समाधान निकले. 

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26 जुलाई को हुई थी हिंसक झड़प

बता दें कि दोनों राज्यों की पुलिस के बीच 26 जुलाई को हिंसक झड़प में असम पुलिस के करीब 6 कर्मी और एक नागरिक की मौत हो गई थी. इस झड़प में 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. इस मसले को लेकर सोमवार को सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की थी. 

165 KM लंबी सीमा रेखा है

मिजोरम 1972 में एक केंद्रशासित राज्य के रूप में अस्तित्व में आया था. बाद में केंद्र सरकार और MNF के बीच 1986 में हुए एक ऐतिहासिक समझौते के बाद यह एक पूर्ण राज्य के रूप में सामने आया. हालांकि इसके पहले अलगाववादी MNF ने सुरक्षाबलों के खिलाफ करीब 20 सालों तक लंबा गुरिल्ला अभियान चलाया था. असम और मिज़ोरम के बीच 165 KM लंबी सीमा रेखा है.

26 जुलाई की घटना की वजह, पहाड़ियों और जंगलों वाला 1,318 वर्ग किमी का इलाका है. इस पर मिज़ोरम अपना दावा करता है. मिजोरम का कहना है कि ये 1875 के ब्रिटिश क़ानून के आधार पर है. वहीं, असम का कहना है कि यह इलाका उसके राज्य की 'संवैधानिक सीमा' के अंदर आता है.

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