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उत्तराखंड में UCC लागू करने की तैयारी तेज! देर रात गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे CM पुष्कर धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के विधानसभा चुनाव के दौरान कहा था कि उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करेंगे. इसके बाद एक कमेटी बनाई गई. कमेटी ने उत्तराखंड के लोगों से सुझाव मांगे. माना जा रहा है कि उत्तराखंड पहला राज्य बन सकता है जहां समान नागरिक सहिंता (UCC) लागू हो जाए.

गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे सीएम पुष्कर धामी (File Photo) गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे सीएम पुष्कर धामी (File Photo)
पॉलोमी साहा/अंकित शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 04 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 2:08 AM IST

देशभर में समान नागरिक सहिंता (UCC) को लेकर चर्चा तेज है. वहीं उत्तराखंड में UCC को लागू करने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. माना जा रहा है कि उत्तराखंड पहला राज्य बन सकता है जहां समान नागरिक सहिंता (UCC) लागू हो जाए. इस कानून के लिए एक ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. इस सबके बीच सोमवार देर रात उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर पहुंचे.

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जानकारी के मुताबिक अमित शाह के आवास पर उत्तराखंड में समान नागरिक सहिंता को लेकर अहम बैठक हुई. सूत्रों की मानें तो इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और सीएम धामी के अलावा उत्तराखंड UCC ड्राफ्टिंग कमेटी की अध्यक्ष जस्टिस रंजना देसाई भी मौजूद रहीं. हालांकि अभी तक बैठक में हुई चर्चा को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.

जस्टिस देसाई की अध्यक्षता में बनाई गई है कमेटी

बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के विधानसभा चुनाव के दौरान कहा था कि उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करेंगे. इसके बाद एक कमेटी बनाई गई. कमेटी ने उत्तराखंड के लोगों से सुझाव मांगे. सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों से भी सुझाव मांगे गए थे. कमेटी ने एक ऑनलाइन पोर्टल बनाकर भी सुझाव मांगे थे. UCC का मसौदा तैयार करने के लिए सरकार ने एक्सपर्ट की एक कमेटी बनाई थी. रिटायर्ड जज रंजन प्रसाद देसाई को इसका अध्यक्ष बनाया गया था. कमेटी को करीब 20 लाख सुझाव मिले थे. 

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हरीश रावत ने की थी धामी की आलोचना

UCC को लेकर सीएम धामी पहले ही दावा कर चुके हैं कि यह कानून सब नागरिकों को फायदा पहुंचाएगा. हालांकि, पूर्व सीएम हरीश रावत ने धामी की आलोचना की. उनका कहना है कि UCC को नैतिकता के आधार पर लाया जाना चाहिए और इसपर बड़े पैमाने पर चिंतन होना चाहिए था. हरीश रावत ने कहा था कि सभी धर्मों की अपनी अलग समस्याए हैं. इसी के साथ जमीन और फैमिली को लेकर अलग-अलग कानून हैं. रावत ने दावा किया था कि कई मंदिरों में दलित और महिलाओं का जाना मना है. UCC में इसपर भी विचार किया जाना चाहिए. रावत ने आरोप लगाया कि बीजेपी सिर्फ मुस्लिम एजेंडे के तहत UCC लाना चाहती है.

क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड?

यूनिफॉर्म सिविल कोड का सीधा अर्थ एक देश-एक कानून है. अभी शादी, तलाक, गोद लेने के नियम, उत्तराधिकारी, संपत्तियों से जुड़े मामलों के लिए सभी धर्मों में अलग-अलग कानून हैं. समान नागरिक संहिता आती है तो फिर सभी के लिए एक ही कानून होगा, फिर चाहे वो किसी भी धर्म या जाति का ही क्यों न हो.

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