
उत्तर भारत में ठंड का सितम जारी है. पहाड़ों पर जहां बर्फबारी हो रही है तो वहीं मैदानी इलाकों में बेमौसम बरसात ने ठिठुरन बढ़ा दी है. शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में हुई बारिश से पारा लुढ़क गया. मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में बारिश के बाद ठंड में और इज़ाफा होगा. दिल्ली के निवासियों को आने वाले दिनों में कड़ाके की ठंड का सामाना करना पड़ सकता है. वहीं पहाड़ों पर भारी बर्फबारी अब मुसीबत बनने लगी है जिसके देखने के लिए हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं. ठंड और बर्फ के बीच सैलानी कई किमी लंबे जाम में फंसे हुए नजर आ रहे हैं.
दिल्ली-एनसीआर में बेमौसम बारिश
दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में शुक्रवार सुबह से 2 से 3 सीएम बारिश दर्ज की गई है. सबसे ज्यादा बारिश सुबह 11.30 बजे से दोपहर 2.30 बजे के बीच हुई. दिल्ली यूनिवर्सिटी नॉर्थ कैंपस में सबसे ज्यादा बारिश 2.7 सेमी सुबह 8.30 बजे से 2.30 बजे के बीच हुई. इस बारिश ने नए साल के जश्न से पहले गलन और ठिठुरन वाली ठंड बढ़ा दी है.
नए साल पर 20 हजार और पर्यटक पहुंचेंगे मनाली
हिमाचल प्रदेश के हिल स्टेशन मनाली ने एक बार फिर सर्दियों की चादर ओढ़ ली है क्योंकि ताजा बर्फबारी ने शहर के ऊपरी हिस्सों को ढक दिया है. लाहौल स्पीति और मनाली के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी हुई, जो 27 दिसंबर को शुरू हुई, जिससे सोलंग घाटी, रोहतांग दर्रा और अटल सुरंग जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल नए साल के जश्न से ठीक पहले एक 'विंटर वंडरलैंड' में बदल गए.
पर्यटक बर्फ का लुत्फ उठा रहे हैं. क्रिसमस के बाद इस क्षेत्र में और भी अधिक पर्यटक आते हैं. पिछले एक हफ्ते में, लगभग 10,000 गाड़ियां मनाली पहुंचे हैं, और 90 फीसदी सीटें पहले ही भर चुकी हैं. 30,000 से अधिक पर्यटक वर्तमान में बर्फ से ढकी पहाड़ियों का आनंद ले रहे हैं. उम्मीद है कि नए साल के जश्न के लिए 20,000 पर्यटक और यहां आएंगे.
प्रशासन ने किए पुख्ता इंतजाम
बर्फ से ढके पहाड़ों के नजारों और हिमाचल की ठंड को देखते हुए, पर्यटन में यह वृद्धि कोई हैरानी की बात नहीं है. मनाली के डीएसपी, केडी शर्मा बताते हैं कि स्थानीय अधिकारियों ने ट्रैफिक को बेहतर ढंग से चलाने के लिए शहर को आठ क्षेत्रों में बांटा है. खास व्यवस्था की गई है, जिसमें वोल्वो बसों के लिए एक अलग बस स्टेशन और अटल सुरंग के लिए कड़े वाहन नियम शामिल हैं, जहां केवल 4x4 वाहनों को गुजरने की अनुमति है.
गाड़ियों की 10 से 15 किमी लंबी कतारें
हालांकि, अच्छी प्लानिंग के बावजूद, ट्रैफिक जाम और भीड़ एक बड़ा मुद्दा बन गया है, खासकर सोलांग घाटी और अटल सुरंग की ओर जाने वाले रास्तों पर. गाड़ियों की 10-15 किलोमीटर तक लंबी कतारें पर्यटकों के लिए एक बड़ी मुसीबत बन गई है. यात्रियों ने 3 से 4 घंटे की देरी की सूचना दी है, कई लोगों ने धीमी गति से चलने वाले ट्रैफिक पर भी निराशा व्यक्त की है.
ट्रैफिक जाम खराब कर रहा मजा
हालांकि होटलों को बुकिंग में किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा है, लेकिन ट्रैफिक की स्थिति ने कई लोगों का मजा खराब कर दिया है. जयपुर के हरिराम चौधरी ने कहा, 'मैं दो घंटे से फंसा हुआ हूं.' अन्य पर्यटकों ने कहा, 'ट्रैफिक व्यवस्था बेहद खराब है और यह हमारा अनुभव खराब कर हा है. हम बर्फबारी का मजा लेने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन हम अभी तक सोलांग घाटी तक भी नहीं पहुंचे हैं.'
महाराष्ट्र के 72 लोगों के एक समूह ने अपनी निराशा व्यक्त की जिसके एक सदस्य ने कहा कि मनाली में ट्रैफिक बैंगलोर से भी बदतर है. कुछ लोगों ने सुझाव दिया कि भीड़ को कम करने के लिए सरकार को एक फ्लाईओवर बनाना चाहिए या इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार करना चाहिए.
मनाली होटल एसोसिएशन के सदस्य विकास ओबेरॉय ने कहा कि होटल रूम और होमस्टे की कोई कमी नहीं है. हालांकि, असली मुद्दा ट्रैफिक ही है. उन्होंने कहा, 'सरकार को ट्रैफिक मैनेजमेंट को लेकर और अधिक करने की जरूरत है. हालांकि रहने और खाने के बहुत सारे विकल्प हैं, लेकिन ट्रैफिक एक गंभीर समस्या है.'
कश्मीर में सीजन की पहली बर्फबारी
कश्मीर के मैदानी इलाकों में पहली बर्फबारी का लंबा इंतजार शुक्रवार को खत्म हो गया. हालांकि सिर्फ घाटी के पहाड़ी इलाकों में सर्दियों की हल्की बर्फबारी हुई. शुक्रवार को घाटी के गुलमर्ग, शोपियां, बडगाम, कुलगाम और अनंतनाग जिलों में बर्फबारी शुरू हुई और शनिवार को श्रीनगर शहर में पहली बर्फबारी होने की उम्मीद है.
महीने की शुरुआत से ही कश्मीर भीषण शीत लहर की चपेट में है. गुरुवार रात श्रीनगर में तापमान शून्य से 7.3 डिग्री नीचे दर्ज किया गया और डल झील का बड़ा हिस्सा जम गया. इस ताजा बर्फबारी के बाद माना जा रहा है कि कश्मीर में तापमान स्थिर हो जाएगा और शीत लहर से राहत मिलेगी.