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'दिल्ली की सेवा नहीं, बंगले का भ्रष्टाचार छिपाना है AAP का मकसद...', लोकसभा से अमित शाह का वार

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर लोकसभा में बहस की शुरुआत करते हुए अमित शाह ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस ने बिना किसी टकराव के राष्ट्रीय राजधानी पर शासन किया है और समस्याएं केवल 2015 में पैदा हुईं जब एक सरकार आई.

संसद में अमित शाह संसद में अमित शाह
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 5:35 PM IST

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली सेवा विधेयक पर AAP के विरोध का उद्देश्य दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार को छिपाना है और उन्होंने अन्य विपक्षी दलों से इसका समर्थन नहीं करने का आग्रह किया. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर लोकसभा में बहस की शुरुआत करते हुए अमित शाह ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस ने बिना किसी टकराव के राष्ट्रीय राजधानी पर शासन किया है और समस्याएं केवल 2015 में पैदा हुईं जब एक सरकार आई. शाह ने AAP पर निशाना साधा कि इनका सेवा करने का कोई इरादा नहीं है, केवल केंद्र के साथ टकराव है.

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केंद्र को दिल्ली के संबंध में कानून बनाने का पूरा अधिकार- शाह

अमित शाह ने कहा, जब विधेयक पेश किया गया तो कुछ विरोध हुआ. विधायी क्षमता पर सवाल उठाया गया. कहा गया कि यह SC के फैसले के खिलाफ है. अमित शाह ने कहा कि मैं विपक्षी सांसदों से कहना चाहता हूं कि आपने वही पढ़ा है जो आपके अनुकूल हो. आपको निष्पक्षता से सारी बातें सदन के सामने रखनी चाहिए. केंद्र को दिल्ली के संबंध में कानून बनाने का पूरा अधिकार है.

अमित शाह ने कहा, यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के आदेश को संदर्भित करता है जो कहता है कि संसद को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से संबंधित किसी भी मुद्दे पर कानून बनाने का अधिकार है.

केजरीवाल के बंगले पर शाह का निशाना

गृह मंत्री अमित शाह ने इस दौरान बंगले के मुद्दे पर भी केजरीवाल को घेरा. अमित शाह ने कहा, समस्या ट्रांसफर पोस्टिंग करने का अधिकार हासिल करना नहीं, बल्कि अपने बंगले बनाने जैसे भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए सतर्कता विभाग पर कब्जा करना है.

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अमित शाह ने कहा, मेरा सभी पक्ष से निवेदन है कि चुनाव जीतने के लिए किसी पक्ष का समर्थन या विरोध करना, ऐसी राजनीति नहीं करनी चाहिए. नया गठबंधन बनाने के अनेक प्रकार होते हैं. विधेयक और कानून देश की भलाई के लिए लाया जाता है, इसलिए इसका विरोध और समर्थन दिल्ली की भलाई के लिए करना चाहिए.

अमित शाह ने की नेहरू जी की तारीफ?

संसद में बिल पर बोलते हुए शाह ने कहा कि दिल्ली न पूर्ण राज्य है और न ही संघ शासित प्रदेश है. विपक्ष को निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि विपक्ष गठबंधन की नहीं, दिल्ली की भी सोचें. उन्होंने कहा कि नेहरू जी ने कहा था कि दिल्ली में 3/4 संपत्ति केंद्र की है. दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा का विरोध नेहरू जी ने किया था.

चलो नेहरू जी की तारीफ की- अधीर रंजन

शाह की इस लाइन के जवाब में कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने कहा कि कल सदन में ये बिल आना था लेकिन आया नहीं. बाद में पता चला कि अमित शाह जी मोदी जी के साथ घूमने चले गए हैं. आज अमित शाह जी के मुंह से नेहरू जी की तारीफ सुनी तो लगा कि दिन में ये कैसे हो गया? उनके मुंह में घी शक्कर. आप नेहरू जी को मानते होते तो हरियाणा के नूंह में हिंसा नहीं होती. अमित शाह ने कहा, ‘मैने नेहरू जी के शब्दों को कोट अनकोट करते हुए बोला. आपको तारीफ समझना है तो वो समझिए, सही है.

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शाह को AAP का जवाब

अमित शाह के के पूरे बयान पर AAP सांसद सुशील गुप्ता ने पलटवार करते हुए कहा कि अमित शाह दिल्ली में कानून-व्यवस्था की स्थिति नहीं संभाल सकते. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को 'विश्वस्तरीय' बनाया है. विपक्षी गठबंधन पर शाह के तंज के जवाब में गुप्ता ने कहा कि भाजपा 'INDIA' नाम से डरती है और कहा कि पार्टी 2024 में हार जाएगी. दिल्ली की कानून व्यवस्था के लिए जिम्मेदार अमित शाह कह रहे हैं कि केजरीवाल सरकार का लक्ष्य सेवा नहीं है.

दिल्ली सेवा बिल पर विवाद

गौरतलब है कि अमित शाह ने मंगलवार को संसद में दिल्ली सेवा बिल या राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया. अगर यह बिल दोनों सदनों में पारित हो जाता है, तो दिल्ली सेवा विधेयक मौजूदा अध्यादेश का स्थान ले लेगा, जो दिल्ली सरकार को अधिकांश सेवाओं पर नियंत्रण देने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेश को रद्द कर देगा. इस अध्यादेश को लेकर अरविंद केजरीवाल की AAP और केंद्र के बीच एक प्रमुख टकराव रहा है. संसद में बिल पेश करते हुए अमित शाह ने कहा, 'संविधान संसद को दिल्ली के संबंध में कोई भी कानून लाने का पूरा अधिकार देता है.'

इस बिल में प्रस्ताव है कि राष्ट्रीय राजधानी के अधिकारियों के निलंबन और पूछताछ जैसी कार्रवाई केंद्र के नियंत्रण में होगी. AAP ने इस विधेयक को सबसे अलोकतांत्रिक कानून का टुकड़ा बताया है, जिसका उद्देश्य शक्तियों को केंद्रीकृत करना और राज्य सरकारों की स्वायत्तता को कमजोर करना है और कहा कि INDIA गठबंधन पार्टियां इसका विरोध करेंगी.

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