
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने केंद्र पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जब तक गृहमंत्री संसद की सुरक्षा में उल्लंघन पर बयान नहीं देते, तब तक सदन नहीं चलेगा. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि संसद चले और हम इसमें भाग लेना चाहते हैं, लेकिन गृहमंत्री सुरक्षा उल्लंघन पर बयान देने से भाग रहे हैं. यह इतना गंभीर मामला है कि संबंधित मंत्री को इस मामले पर स्पष्टीकरण देना चाहिए. दुर्भाग्य से उन्होंने संसद के बाहर की घटना के बारे में मीडिया से बात की, लेकिन सदन के अंदर सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया.
जयराम रमेश ने सवाल उठाया कि बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा की क्या भूमिका है, जिन्होंने हमलावरों को पास जारी किए. उन्होंने कहा कि सोमवार को फिर से विपक्षी गठबंधन की सभी पार्टियां बैठक करेंगी और इस घटना पर सवाल पूछना जारी रखने का फैसला करेंगी. 13 दिसंबर को संसद पर हमले की 22वीं बरसी पर सुरक्षा के उल्लंघन के तहत 2 लोग संसद के अंदर घुस गए थे और उन्होंने लोकसभा चैंबर में धुआं-धुआं कर दिया था. जबकि दो आरोपी संसद के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे.
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह संसदीय परंपराओं की अवमानना है. साथ ही सवाल पूछा कि गृहमंत्री इस मामले पर बयान देने को तैयार क्यों नहीं हैं? वह संसद में सबसे गंभीर सुरक्षा उल्लंघन पर बयान क्यों नहीं दे सकते. कांग्रेस नेता ने कहा कि घुसपैठियों के खिलाफ यूएपीए के तहत आरोप दर्ज किए गए हैं और गृहमंत्री लोकसभा और राज्यसभा में बयान देने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने जोर देकर कहा, यही असली मुद्दा है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भाजपा सरकार पर वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करने का आरोप लगाया और आश्चर्य जताया कि गृहमंत्री सदन में बयान देने को तैयार क्यों नहीं हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इसमें मैसूरु के भाजपा सांसद की भूमिका थी जिन्होंने घुसपैठियों को विजिटर पास उपलब्ध कराए थे. उन्होंने कहा कि यह संसद की अवमानना है. यह संसदीय परंपराओं की अवमानना है. जब संसद का सत्र चल रहा हो तो मंत्री कभी भी गंभीर मुद्दों पर संसद के बाहर इतने बड़े बयान नहीं देते. वे संसद को विश्वास में लेते हैं.
यह पूछे जाने पर कि सभापति द्वारा बुलाई गई सदन के नेताओं की बैठक में क्या हुआ. इसके जवाब में जयराम रमेश ने कहा कि हम कल और आज बैठक में नहीं जा सके और इसका कारण ये है कि सदन में हमारे नेता की मांग को बार-बार नजरअंदाज किया जा रहा है. उन्हें बोलने की इजाजत नहीं है. जब वह बोलने के लिए उठते हैं तो बीजेपी सदस्य चिल्लाने लगते हैं.
संसद में सुरक्षा में चूक के आरोप में गिरफ्तार किए गए लोगों पर UAPA लगाने पर उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि यह बेरोजगारी और नौकरियों की कमी के कारण निराशा है. जयराम रमेश ने कहा कि अभी एकमात्र मुद्दा जो विपक्षी पार्टियों को परेशान कर रहा है, वह ये है कि इस महान इमारत में इतनी बड़ी सुरक्षा का उल्लंघन कैसे हुआ. घुसपैठियों के विपक्ष से जुड़े होने के आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी इन मुद्दों से ध्यान भटकाने में माहिर है.