Advertisement

India Today Conclave 2023: 'राहुल गांधी ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा है, जिस पर उन्हें माफी मांगनी चाहिए', शशि थरूर की दो टूक

राजधानी दिल्ली में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव की शुरूआत हो गई है. 17 से 18 मार्च तक चलने वाली इस कॉन्क्लेव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे. कॉन्क्लेव के पहले दिन आयोजित एक सत्र में कांग्रेस नेता शशि थरूर भी शामिल हुए और उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी राय रखी.

कॉन्क्लेव में अपनी बात रखते हुए शशि थरूर कॉन्क्लेव में अपनी बात रखते हुए शशि थरूर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 12:21 PM IST

दिल्ली में आज से दो दिवसीय इंडिया टुडे कॉन्क्लेव का आगाज हो गया है. कॉन्क्लेव में आयोजित एक सत्र में कांग्रेस नेता और पूर्व डिप्लोमैट शशि थरूर ने 'अम्बेडकर और समावेशन' पर अपनी बात रखी. क्या राहुल गांधी माफी मांगेगे?  इस सवाल का जवाब देते हुए थरूर ने कहा, 'राहुल गांधी ने ऐसा कुछ नहीं कहा है, जिससे उन्हें माफी मांगनी चाहिए. उनसे उस बात पर माफी की मांग की जा रही है जो उन्होंने कही ही नहीं है. उन्होंने कहा कि ये हमारी समस्या है औऱ हम इसका समाधान करेंगे. लोकतंत्र में हर किसी को अपने बात रखने का अधिकार है. अगर किसी को माफी मांगनी चाहिए तो वह प्रधानमंत्री मोदी हैं, जिन्होंने कई बार विदेश में कहा कि 60 साल में देश में कुछ नहीं हुआ. उन्होंने विदेशी धरती पर भारत की पुरानी सरकारों की आलोचना की.'

Advertisement

थरूर ने संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में अभी तक लगातार हो रहे व्यवधान पर भी चिंता जताई और कहा कि कि ऐसा नहीं होना चाहिए था. 

अनेकता में एकता का देश
संविधान और उसमें मिले अधिकारों का जिक्र करते हुए थरूर ने कहा कि भारत एक ऐसा देश और जहां विभिन्न धर्म, जाति, संप्रदाय के लोग रहते हैं और सबको संविधान से समान अधिकार मिले हुए हैं. उन्होंने कहा, '23 भाषाएं संविधान में हैं और कई और भाषाएं देश में बोली जाती है. इतनी विविधता में एकता औऱ कहां देखने को मिलेगी. इस तरह की अनेकता हमें सबसे अलग बनाती है. वह देश जहां से एक सभ्यता का जन्म हुआ हुआ, वहां राष्ट्रवाद वो है जिसमें संविधान से अधिकार मिले हैं. एक लोकतंत्र वो होता हैं जहां समावेशन (Inclusion) होता है.' थरूर ने ईस्ट इंडिया कंपनी से लेकर 1991 के आर्थिक सुधारों का जिक्र किया और कहा कि आजादी के बाद जो बदलाव यहां हुए वो सब यहां के लोकतंत्र की वजह से हुए हैं. 

Advertisement

समावेशन सिखाता है हिंदुत्व
 हिंदुत्व का जिक्र करते हुए थरूर ने कहा कि यहां एक समुदाय के खिलाफ घृणा फैलाई जा रही है जो चिंता का विषय है. उन्होंने कहा, 'मैं कॉलेज के समय से विवेकानंद को फॉलो करता हूं और उनका हिंदुत्व का आइडिया बिल्कुल अलग था. विवेकानंद का हिंदुत्व हमें समावेशन सिखाता है. हमें एक दूसरे के विचारों का सम्मान करना है.' थरूर ने कहा,'आज जरूरत है देश के युवाओं को रोजगार मिले औऱ लोगों को अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था मिले जिससे उनका जीवन बेहतर हो सके. आज भी ये चुनौतियां बनी हुई हैं. सरकार को यह नहीं सिखाना चाहिए कि हम क्या करें, क्या खाएं. जहां हर किसी को समान अधिकार मिले ऐसा भारत होना चाहिए.'

अंबेडकर पर कही ये बात
 थरूर ने कहा, 'मैं अंबेडकर का बहुत बड़ा फैन रहा हूं. अंबेडकर हिंदू राष्ट्र के विचार से सहमत नहीं थे.  हमारे समाज में कई दिक्कते हैं, हमारे यहां हर नागरिक का वोट एक समान है लेकिन हर आदमी को समान दृष्टि से नहीं देखा जाता है.... हमारे यहां कई शानदार चीजें हो चुकी है, पिछड़े समाज को भी आगे बढ़ने का यहां मौका मिला.'
 

दो दिन तक चलेगा कॉन्क्लेव

इससे पहले इंडिया टुडे कॉन्क्लेव का आगाज इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी के स्वागत भाषण के साथ हुआ.उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में भारत का में ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. भारत के बाजार में दुनिया भर के लिए मौके हैं. देश में लोग तेजी से इंटरनेट से जुड़ रहे हैं. डिजिटलीकरण से देश की स्थिति बदली है. भारत के विकास को वैश्विक अच्छाई के तौर पर देखा जाता है. भारत एक लोकतंत्र है. दुनिया हमारा सम्मान करती है. 17 और 18 मार्च को होने वाले इस प्रसिद्ध कॉन्क्लेव में पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, क्रिकेट दिग्गज सचिन तेंदुलकर, मशहूर अभिनेता राम चरण सहित विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियां शिरकत कर रही हैं।

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement