
हरियाणा के नूंह (मेवात) में 31 जुलाई को बृजयात्रा पर पथराव के बाद हिंसा फैली थी. हिंसा के मामले में अब कांग्रेस विधायक मामन खान को गिरफ्तार किया गया है. हरियाणा सरकार का दावा है कि नूंह हिंसा के बाद दर्ज केस में मामन खान को भी आरोपी बनाया गया है. इतना ही नहीं मामन खान के खिलाफ पुलिस के पास फोन कॉल रिकॉर्ड समेत तमाम सबूत हैं.
दरअसल, हरियाणा सरकार ने गुरुवार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में बताया कि नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका से विधायक मामन खान को भी हिंसा के मामले में 4 सितंबर को दर्ज की गई प्राथमिकी में आरोपी बनाया गया है. हरियाणा सरकार की ओर से पेश एडिशनल एडवोकेट जनरल दीपक सभरवाल ने कोर्ट में बताया, ''खान के खिलाफ सबूतों का उचित मूल्यांकन करने के बाद मामन खान को आरोपी बनाया गया था. उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं.
इससे पहले मामन खान ने मंगलवार को अदालत का रुख कर गिरफ्तारी से राहत का अनुरोध करते हुए दावा किया था कि उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है, जबकि वे हिंसा के दिन नूंह में थे ही नहीं. विधायक की ओर से पेश वकील ने मीडिया में कहा कि खान को अभी पता चला है कि प्राथमिकी में उनका नाम है.
मामन खान ने कोर्ट से अपील की कि नूंह हिंसा से जुड़े सभी मामलों की जांच SIT को ट्रांसफर की जानी चाहिए. हालांकि, हरियाणा सरकार ने कोर्ट को बताया कि एसआईटी पहले ही गठित की जा चुकी है. जस्टिस विकास बहल मामले की अगली सुनवाई 19 अक्टूबर को करेंगे.
खान ने बोला झूठ- हरियाणा सरकार
हरियाणा पुलिस ने मामन खान को नोटिस भेजकर दो बार पूछताछ के लिए बुलाया था. लेकिन वे पेश नहीं हुए. मामन खान ने अपनी याचिका में कहा कि 26 जुलाई से एक अगस्त तक वह गुरुग्राम स्थित अपने घर पर थे, न कि नूंह में. वहीं, हरियाणा सरकार ने कोर्ट में बताया कि सबूत मामन खान के दावे के खिलाफ हैं.
सरकार ने कहा कि कॉल डिटेल रिकॉर्ड, एक फोन टावर के माध्यम से ट्रैक की गई उनकी लोकेशन, विधायक के निजी सुरक्षा अधिकारी का बयान और अन्य सबूत, खान के दावे को झूठा साबित करते हैं. हरियाणा सरकार ने दावा किया कि जांच निष्पक्ष तरीके से की जा रही है. प्राथमिकी के 52 आरोपियों में से 42 को गिरफ्तार किया जा चुका है और एक आरोपी नियमित जमानत पर है. इस मामले में आरोपी तौफीक ने भी खान का नाम लिया है. तौफीक को 9 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था.
क्या हुआ था 31 जुलाई को?
नूंह में हिंदू संगठनों ने हर साल की तरह 31 जुलाई को बृजमंडल यात्रा निकालने का ऐलान किया था. इस यात्रा में बजरंग दल के कई कार्यकर्ता पहुंचे थे. मोनू मानेसर ने पहले ही वीडियो शेयर कर यात्रा में अधिक से अधिक लोगों से पहुंचने की अपील की थी. इतना ही नहीं मोनू मानेसर ने कहा था कि वह खुद भी इस रैली में शामिल होगा. हालांकि, मोनू मानेसर इस यात्रा में नहीं आया, लेकिन बिट्टू बजरंगी नाम के कथित गोरक्षक के शामिल होने पर तनाव बढ़ा.
इस दौरान शोभायात्रा पर पथराव किया गया. देखते ही देखते यह दो समुदायों में हिंसा में बदल गई. सैकड़ों कारों को आग लगा दी गई थी. साइबर थाने पर भी हमला किया गया. उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया था. नूंह के बाद सोहना में भी पथराव और फायरिंग हुई. वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. इसके बाद हिंसा की आग नूंह से फरीदाबाद-गुरुग्राम तक फैल गई. नूंह हिंसा में दो होमगार्ड समेत 6 लोगों की मौत हो गई थी.