
बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य अखिलेश प्रसाद सिंह ने मोदी सरकार के बजट को वादों की पोटली बताया. उन्होंने कहा कि ऐसा बजट मैंने अपने दो दशक से अधिक के संसदीय कार्यकाल में कभी नहीं देखा. उन्होंने कहा कि ये पहली बार देख रहा हूं कि किसी चीज का ऐलान किया जाए और उसके लिए न तो जगह का जिक्र हो और ना ही बजट का.
मोदी की रैली का किया जिक्र
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री की एक चुनावी रैली का जिक्र करते हुए कहा कि पटना के गांधी मैदान में ऐसा लग रहा था जैसे वह बिहार की बोली लगा रहे थे. प्रधानमंत्री कह रहे थे कि कितना चाहिए, 10 करोड़, 20 करोड़, अच्छा सवा लाख करोड़. इस पैकेज का क्या हुआ, पता नहीं. उन्होंने कहा कि साल 2014 में प्रधानमंत्री मोतिहारी में बोलकर आए थे कि अगली बार जब आऊंगा तब ये चीनी मिल आपको चलता हुआ दिखेगा और इसी चीनी मिल की चीनी की चाय पीऊंगा. 10 साल हो गए सर, आज भी उस चीनी मिल के कर्मचारी राह देख रहे हैं कि कब प्रधानमंत्री आएंगे और चाय पीएंगे.
पूर्वोदय योजना को बताया जुमला
कांग्रेस सांसद ने पूर्वोदय योजना को जुमला बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने बिहार के लोगों के लिए जो ऐलान किए थे पहले उनपर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार में सो कॉल्ड डबल इंजन की सरकार है, लेकिन छह पुल बारिश में बह गए. बजट में गंगा नदी पर दो नए पुल का ऐलान हुआ है. ये पुल टिके रहेंगे कि गिर जाएंगे?
इन वादों पर उठाए सवाल
अखिलेश प्रसाद सिंह ने बाढ़ के लिए घोषित पैकेज को लेकर कहा कि इसके क्रियान्यवन की क्या रूपरेखा होगी, यह भी स्पष्ट नहीं है.उन्होंने कहा कि बिहार फूड प्रोसेसिंग के लिए पूरे देश में जाना जाता है. उन्होंने कहा कि सही ढंग से मार्केटिंग की जाए तो मुजफ्फरपुर की लीची, भागलपुर का कतरनी चावल, हाजीपुर का केला, ऐसे तमाम कृषि उत्पाद हैं जो इंटरनेशनल ब्रांड बन सकता है. जिन पर ध्यान दिया जाता तो बिहार के लिए बड़ा काम हो सकता है.
कहा- बजट भी भाषण लग रहा था
अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि ये बजट भी चुनावी भाषण जैसा लग रहा है. वित्त मंत्री ने स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर, नए एयरपोर्ट की बात कही है लेकिन इसके लिए भी न तो कोई जगह बताई गई है, ना ही बजट की घोषणा की गई है. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने कहा कि पिछली बार वित्त मंत्री ने 5 ट्रिलियन इकोनॉमी की बात की थी, इस बजट में चर्चा नहीं है कि कितना पहुंचा.
गिनाई यूपीए सरकार की उपलब्धियां
अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि 2006-07 के बजट में जो घोषणा हुई थी, यूपीए की सरकार ने एमएसपी को सीधे दोगुना करने का काम किया था. धान की जो कीमत 550 रुपये प्रति क्विंटल हुआ करता था, वह 1100 रुपये करने का काम हुआ था. गेहूं की कीमत भी 620 से बढ़ाकर 1240 रुपये की गई थी. उन्होंने यूपीए सरकार में रेल कारखाने और नई ट्रेनें भी गिनाईं और सड़क, हाईवे के लिए दिए गए अनुदान बताए और साल 2006 में बैकवर्ड रीजन ग्रांट शुरू किया था. कुल मिलाकर दो लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात बिहार को दी गई थी. मोदी सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया.
विशेष राज्य पर क्या बोले
उन्होंने कहा कि आज अगर कोई राज्य स्पेशल स्टेटस सबसे ज्यादा डिजर्व करता है तो वह बिहार है. बिहार को स्पेशल स्टेटस जनता का हक है. उन्होंने कहा कि गया में जो धार्मिक कॉरिडोर बनाने की बात कही गई है, उसका स्वागत करता हूं. इस तरह की योजना सेंट्रल बिहार तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए. बिहार-झारखंड में अनेक ऐसे स्थल हैं जहां देशभर की आस्था है. बैद्यनाथ, बासुकीनाथ, राजरप्पा का मंदिर, हरिहरनाथ, थावे का मंदिर, इनमें भी पर्यटन की अपार संभावना है. हमको तो इस बात में दम लगता है कि ये सरकार बड़े उद्योगपतियों के हितों की रक्षा के लिए बिहार और सरकार को लेबर फैक्ट्री बनाकर रखना चाहती है.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अखिलेश प्रसाद सिंह का संबोधन पूरा होने के बाद कहा कि जितना बोले हैं, सब सत्य से परे है. प्रधानमंत्री ने जो सवा लाख करोड़ कहा था, दो लाख करोड़ दिए हैं. कहें तो ऑथेंटिकेट कर सकता हूं.