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संसद में आज राम मंदिर को लेकर विशेष चर्चा हुई है. इस दौरान कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने बीजेपी को 'भगवान राम का व्यापारी' करार दिया. उन्होंने विपक्ष के लोगों को भगवान राम का पुजारी बताया और कहा, "हम भगवान राम की मर्यादा को बचाने के लिए अपनी जान भी दे सकते हैं." साथ ही सत्ता पक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि वे वो लोग हैं जो अपने राजनीतिक फायदे के लिए किसी की जान भी ले सकते हैं.
अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति स्थापित की गई है. इसी को लेकर आज शनिवार को संसद में विशेष चर्चा रखी गई थी. इस दौरान तमाम सांसदों ने एक-एक करके अपनी बात रखी. प्रमोद तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि वह उस फैसले का सम्मान करते हैं जिससे राम मंदिर का मार्ग प्रशस्त हुआ और राम मंदिर बना. उन्होंने कहा कि बहुत से लोग ऐसे थे जो चाहते थे कि ये मुद्दा जिंदा रहे और खूनखराबा होता रहे.
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'गांधी जी भगवान राम के सच्चे पुजारी'
प्रमोद तिवारी ने कहा कि सिर्फ वो ही नहीं बल्कि देश के 140 करोड़ लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, जिससे राम मंदिर बना. उन्होंने कहा, "मैं भगवान राम का व्यापारी नहीं हूं. भगवान राम मेरे लिए आस्था का विषय हैं. 140 करोड़ जिन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है उन्होंने बलिदान और कुर्बानियां दी हैं." कांग्रेस सांसद ने राज्यसभा में कहा कि भगवान राम का कोई सच्चा व्यापारी है तो वो हैं महात्मा गांधी जी. महात्मा गांधी को कौन मानता है वो जगजाहिर है.
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'चुनाव की वजह से किया गया प्राण प्रतिष्ठा'
प्रमोद तिवारी ने निर्माणाधीन राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा पर कहा कि उन्होंने जितना पढ़ा है और वो जानते हैं वो ये कि जबतक पूर्ण बन जाता है तब प्राण प्रतिष्ठा होता है. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर प्राण प्रतिष्ठा की इतनी जल्दी क्या थी. अगर राम मंदिर का निर्माण काम नवंबर-दिसंबर तक पूरा होना था तो 22 जनवरी की तारीख ऐलान कर दी गई.
कांग्रेस सांसद ने कहा कि जब हम मंदिर नहीं जाते तो हम ध्वजा को प्रणाम करते हैं. राम मंदिर का ध्वजा कहां है. बिना कलश के प्राण प्रतिष्ठा किया गया. उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को इसलिए प्राण प्रतिष्ठा किया गया क्योंकि चुनाव नजदीक है.