
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में सीनियर लीडरशिप के शामिल नहीं होने पर टिप्पणी की है. थरूर ने कहा कि वो कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए इसका मतलब ये नहीं है कि उन्होंने बीजेपी के लिए भगवान राम को त्याग दिया है.
इंडिया टुडे से बात करते हुए थरूर ने कहा, "एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जो बचपन से ही राम की प्रार्थना करता रहा है, मैं अपने राम को बीजेपी को समर्पित नहीं करने जा रहा हूं. मुझे नहीं लगता कि राम या परमात्मा की किसी अन्य देवता पर भाजपा का कोई कॉपीराइट है.''
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी समेत वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने घोषणा की थी कि वो प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होंगे क्योंकि यह आरएसएस और भाजपा का कार्यक्रम था.
शशि थरूर ने कहा कि वह अयोध्या जाने के लिए अपना समय खुद चुनेंगे. उन्होंने कहा, “इसका शायद राजनीति से कोई लेना-देना नहीं होगा क्योंकि मैं प्रार्थना करने के लिए मंदिरों में जाता हूं. मैं राजनीति करने नहीं जाता.”
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने कभी हिंदू धर्म या भगवान राम के बारे में कभी कुछ नकारात्मक नहीं कहा. पार्टी ने केवल ये कहा कि प्रतिष्ठा समारोह का राजनीतिकरण किया गया. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में जाने का मतलब सत्तारूढ़ पार्टी के किसी कार्यक्रम में शामिल होना होता.
थरूर ने कांग्रेस के 'हिंदू विरोधी' होने के दावों का खंडन किया
शशि थरूर ने पार्टी के 'हिंदू विरोधी' होने के दावों का खंडन करते हुए कहा कि उनका ये कहना कि हम अयोध्या नहीं आए इसलिए हम हिंदू विरोधी है, ये बेतुका है. भारत की 80 फीसदी आबादी हिंदू है. कांग्रेस के भी 80 फीसदी लोग हिंदू हैं.
उन्होंने कहा, "हमारे पास इस विचार से सहमत होने का कोई भी कारण नहीं है कि हिंदुत्व को प्रधानमंत्री की भूमिका में बीजेपी द्वारा आयोजित एक्सरसाइज में भागीदारी से परिभाषित किया गया है. मुझे नहीं लगता कि ये बिलकुल भी हिंदू धर्म है."
संसदीय प्रणाली में पार्टी का चुनाव: कांग्रेस सांसद
वहीं जब थरूर से इंडिया ब्लॉक के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की कमी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि गठबंधन का ध्यान मुद्दों पर है न कि किसी फेस पर. उन्होंने कहा, "संसदीय प्रणाली में आप एक पार्टी चुनते हैं. आप नीतियों का एक समूह चुन रहे हैं. एकमात्र लोग जो मिस्टर मोदी को वोट देते हैं, वे वाराणसी के लोग हैं. बाकी हर जगह आपका अपना उम्मीदवार है जो संसद में आपका प्रतिनिधित्व करेगा."
उन्होंने कहा कि इंडिया ब्लॉक में कई प्रमुख नेता हैं जो यह पद संभाल सकते हैं और इसका फैसला लोकसभा चुनाव के बाद किया जा सकता है. शशि थरूर ने इस बात पर भी असहमति जताई है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जाने और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के अकेले चुनाव लड़ने से इंडिया ब्लॉक खत्म हो रहा है.
सीटों का बंटवारा राज्यों के आधार पर: थरूर
कांग्रेस नेता ने कहा, "मुझे लगता है कि शुरू से ही यह स्पष्ट कर दिया गया था कि सीटों का बंटवारा केवल राज्यों के आधार पर होगा. हमारे देश में सभी के लिए एक ही आकार का दृष्टिकोण नहीं है. बंगाल में वास्तविकताएं बिहार की वास्तविकताओं से अलग हैं."
उन्होंने कहा कि ऐसे दो या तीन राज्य हो सकते हैं जहां कोई सहमति नहीं है, लेकिन कुल मिलाकर ज्यादा विवाद नहीं है. थरूर ने कहा, "आखिरकार जो कोई भी विपक्ष की ओर से जीतेगा, वह INDIA ब्लॉक सरकार का समर्थन करने के लिए बाध्य है."