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सैम पित्रोदा के बचाव में उतरी कांग्रेस, 'विरासत टैक्स' वाले बयान पर कहा- लोकतंत्र में सबको राय रखने का हक

सैम पित्रोदा के विरासत टैक्स पर दिए गए बयान के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने स्पष्टीकरण दिया है. जयराम रमेश ने कहा कि सैम पित्रोदा दुनियाभर में कई लोगों के मेंटर, दोस्त और गाइड रहे हैं. इनमें मैं भी शामिल हूं. उन्होंने देश के विकास में कई अहम योगदान दिए हैं. वह इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. वह खुलकर मुद्दों पर अपनी राय रखते हैं.

मल्लिकार्जुन खड़गे और सैम पित्रोदा मल्लिकार्जुन खड़गे और सैम पित्रोदा
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 11:24 AM IST

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा का विरासत टैक्स को लेकर दिए गए बयान ने एक नई बहस छेड़ दी है. उन्होंने कहा था कि अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है जो काफी दिलचस्प कानून है. भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है. लेकिन मुझे लगता है कि इस पर चर्चा होनी चाहिए. इस बयान के बाद बीजेपी हमलावर हो गई है. लेकिन कांग्रेस खुलकर पित्रोदा के बचाव में उतर आई है. 

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सैम पित्रोदा के बयान पर बीजेपी के हंगामे पर कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमारे देश में संविधान है. हमारी ऐसी कोई मंशा नहीं है. बीजेपी सिर्फ वोट के लिए ऐसा कर रही है. 

सैम पित्रोदा के विरासत टैक्स पर दिए गए बयान के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने स्पष्टीकरण दिया है. जयराम रमेश ने कहा कि सैम पित्रोदा दुनियाभर में कई लोगों के मेंटर, दोस्त और गाइड रहे हैं. इनमें मैं भी शामिल हूं. उन्होंने देश के विकास में कई अहम योगदान दिए हैं. वह इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. वह खुलकर मुद्दों पर अपनी राय रखते हैं.

जयराम रमेश ने कहा कि लोकतंत्र में हर शख्स को उनके निजी विचारों पर चर्चा करने और अपनी राय रखने की स्वतंत्रता है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि पित्रोदा के विचार हमेशा कांग्रेस की राय से मेल खाते हो. कई बार ऐसा नहीं होता. उनकी टिप्पणी को सनसनीखेज बनाकर पेश किया जा रहा है. प्रधानंमत्री मोदी के दुर्भावनापूर्ण चुनावी कैंपेन से ध्यान भटकाने के लिए जानबूझकर पित्रोदा के बयान को गलत संदर्भ में पेश किया जा रहा है. 

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उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि नोटबंदी के दौरान लोगों की अगूंठियां, मंगलसूत्र और अन्य सामान छीन लिए गए. कांग्रेस ने हमेशा इस देश के लोगों का सम्मान किया है. 2014 से 2024 तक बीजेपी के कार्यकाल में लोग गरीब हो गए. पहले चरण के मतदान के बाद वे हार रहे हैं, हताशा में उनकी भाषा दिन-ब-दिन गिरती जा रही है. 

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि क्या उन्होंने कहा है कि कांग्रेस इस तरह की पॉलिसी लेकर आएगी? क्या कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में ऐसा कहा है? क्या अलग-अलग विचारों और मुद्दों पर चर्चा करने की मंजूरी नहीं है? 

विरासत टैक्स पर विवाद के बाद क्या बोले सैम पित्रोदा

इस पूरे विवाद पर सैम पित्रोदा ने कहा कि मैने सामान्य बातचीत में अमेरिका में विरासत टैक्स का उदाहरण के तौर पर जिक्र किया था. क्या मैं तथ्यों पर बात नहीं कर सकता? मैंने कहा था कि इस तरह के मुद्दों पर लोगों को चर्चा करनी चाहिए. इसका कांग्रेस सहित किसी भी पार्टी की पॉलिसी से कोई लेना-देना नहीं है. 

पित्रोदा ने कहा कि ये दुर्भागयपूर्ण है कि मैंने अमेरिका में व्यक्तिगत तौर पर विरासत टैक्स के बारे में जो कहा. कांग्रेस के मेनिफेस्टो को लेकर प्रधानमंत्री की ओर से फैलाए जा रहे झूठ से ध्यान हटाने के लिए उसे तोड़-मरोड़कर पेश किया गया. मंगलसूत्र और सोना छीनने जैसे प्रधानमंत्री के बयान पूरी तरह से अवास्तविक है. 

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उन्होंने कहा कि किसने कहा कि 55 फीसदी संपत्ति को छीन लिया जाएगा? किसने काह कि भारत में भी इस तरह का कानून लाया जाना चाहिए? बीजेपी और मीडिया डरे हुए क्यों हैं?

क्या था बयान?

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने बीते दिनों एक बयान में कहा था कि अगर चुनाव बाद उनकी सरकार सत्ता में आई तो एक सर्वे कराया जाएगा और पता लगाया जाएगा कि किसके पास कितनी संपत्ति है. उनके इस बयान के बारे में जब सैम पित्रोदा से पूछा गया तो उन्होंने अमेरिका में लगने वाले विरासत टैक्स का जिक्र किया.

पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है. अगर किसी शख्स के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है. उसके मरने के बाद 45 फीसदी संपत्ति उसके बच्चों को ट्रांसफर हो जाती है जबकि 55 फीसदी संपत्ति पर सरकार का मालिकाना हक हो जाता है.

उन्होंने कहा कि ये बहुत ही रोचक कानून है. इसके तहत प्रावधान है कि आपने अपने जीवन में खूब संपत्ति बनाई है और आपके जाने के बाद आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए. पूरी संपत्ति नहीं बल्कि आधी, जो मुझे सही लगता है. लेकिन भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है. यहां अगर किसी के पास 10 अरब रुपये की संपत्ति है. उसके मरने के बाद उनके बच्चों को सारी की सारी संपत्ति मिल जाती है, जनता के लिए कुछ नहीं बचता. मुझे लगता है कि इस तरह के मुद्दों पर लोगों को चर्चा करनी चाहिए. मुझे नहीं पता कि इस चर्चा का निचोड़ क्या निकलेगा. हम नई नीतियों और नए प्रोग्राम की बात कर रहे हैं, जो लोगों के हित में हो ना कि सिर्फ अमीरों के हित में हो.

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