
SEBI चीफ माधबी पुरी बुच पर कांग्रेस ने एक बार फिर से हमला बोला है. कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच की उस वक्त एक कंपनी में 99 फीसदी हिस्सेदारी थी, जब यह कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप को कंसल्टेंसी सर्विसेज दे रही थीं, उनके पति को उस कंपनी से 4.78 करोड़ रुपये की आय हुई, जबकि वह उसी ग्रुप के मामलों में फैसला दे रही थीं.
कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि एक मजबूत बाजार नियामक के रूप में सेबी की संस्थागत अखंडता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 'दोस्तों' को बचाने के लिए 'कलंकित' किया है.
"क्या यह 'न खाऊंगा, न खाने दूंगा' है?"
कांग्रेस अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "मेगा मोदी-अडानी घोटाले की जांच सेबी द्वारा की जा रही है. सेबी चीफ के पास हितों के टकराव के कई मामले हैं. कांग्रेस पार्टी ने अब ऐसे कई मामलों का खुलासा किया है."
खड़गे ने आगे कहा, "मोदी-शाह के नेतृत्व वाली समिति ने सेबी चीफ की नियुक्ति की. क्या उन्होंने जानबूझकर अपने दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए उनकी नियुक्ति की? या उन्हें संदिग्ध वित्तीय लेन-देन के बारे में पता नहीं था? क्या अब विनियमित कंपनियों पर सेबी के आदेश, उसके अध्यक्ष द्वारा संदिग्ध कंपनी के जरिए प्राप्त परामर्श शुल्क पर निर्भर हैं? क्या यह 'न खाऊंगा, न खाने दूंगा' है?"
उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी द्वारा रचित इस महाघोटाले की वजह से 10 करोड़ शेयर मार्केट इन्वेस्टर्स की गाढ़ी कमाई खतरे में पड़ गई है!
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महिंद्रा ग्रुप ने दिया जवाब
कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री मोदी को पता है कि बुच के पास अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड की 99 फीसदी हिस्सेदारी है और वह महिंद्रा एंड महिंद्रा सहित सूचीबद्ध संस्थाओं से महत्वपूर्ण शुल्क प्राप्त कर रही हैं. महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप ने आरोपों को "झूठा और भ्रामक" बताते हुए खारिज कर दिया. ग्रुप ने साफ तौर से कहा कि उसने कभी भी सेबी से किसी भी तरह के तरजीही व्यवहार के लिए गुजारिश नहीं किया था.
महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा, "हम कॉर्पोरेट गवर्नेंस के उच्चतम मानकों को बनाए रखते हैं."
सेबी अध्यक्ष से जुड़े हितों के टकराव के मुद्दे पर नए खुलासे करते हुए जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "व्यक्तिगत लाभ से प्रेरित निर्णयों के संदर्भ में यह हैं हमारे ताजा खुलासे, जिसमें अडानी ग्रुप द्वारा किए गए प्रतिभूति कानूनों के उल्लंघन की जांच कर रही SEBI चेयरपर्सन खुद सवालों के घेरे में हैं. हमारे सवाल स्पष्ट रूप से नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री से हैं, जिन्होंने उन्हें SEBI के सर्वोच्च पद पर नियुक्त किया है. जयराम रमेश ने कुछ सवालों की लिस्ट लिखी, जो इस तरह हैं...
इससे पहले, पिछले दिनों अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा था कि हाल ही में आई हिंडनबर्ग रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि सेबी चीफ बुच के पास 'अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड' नामक कंपनी में 99 फीसदी शेयर हैं.
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