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नेहरू म्यूजियम का नाम बदलने पर सियासी जंग, जानिए पूरा विवाद और क्या है इसका इतिहास

नेहरू मेमोरियल संग्रहालय का नाम बदलने पर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस का कहना है कि इस तरह से सरकार नेहरू की विरासत को मिटाना चाहती है. वहीं, इन आरोपों का खंडन करते हुए PMML कार्यकारी परिषद के उपाध्यक्ष ए सूर्य प्रकाश ने सफाई दी है.

कुमार कुणाल
  • नई दिल्ली,
  • 16 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 2:37 PM IST

केंद्र सरकार ने नेहरू मेमोरियल (NMML) का नाम बदल दिया है. अब NMML का नाम बदलकर पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (PMML) कर दिया गया है. स्वतंत्रता दिवस पर नाम परिवर्तन को औपचारिक रूप दिया गया. मोदी सरकार के इस फैसले से कांग्रेस पार्टी बुरी तरह से भड़क गई है. कांग्रेस नेता इसे पंडित जवाहरलाल नेहरू की विरासत मिटाने का प्रयास बता रहे हैं. वहीं, सरकार ने इस फैसले का बचाव करते हुए अपने तर्क दिए हैं.

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा है कि मोदी के पास भय, कठिनाई और असुरक्षा का एक बड़ा बंडल है. खासतौर पर जब बात भारत के पहले और सबसे लंबे समय तक देश सेवा करने वाले प्रधान मंत्री नेहरू की होती है, तो वे चीजें साफतौर पर नजर आ जाती हैं. जयराम ने आरोप लगाया कि उनका (BJP) एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को नकारना, बदनाम करना और नुकासाान पहुंचाना है.

कांग्रेस की आलोचना पर PMML कार्यकारी परिषद के उपाध्यक्ष ए सूर्य प्रकाश ने सफाई दी है. उन्होंने कहा है कि अगर कोई भी नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (NMML) आएगा तो उसे तीन मूर्ति भवन भी जरूर दिखेगा. यहां आपको नजर आएगा कि कैसे हमने नेहरू, आधिुनिक भारत पर उनके मंदिरों, हिराकुंड बांध, नागार्जुन सागर बांध, प्रौद्योगिकी संस्थान स्थापित करने के उनके विचार को प्रदर्शित किया है. 

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यदि आप अब नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) में आएं, आप तीन मूर्ति भवन देखेंगे - हमने कैसे नेहरू, आधुनिक भारत के उनके मंदिरों, हीराकुंड बांध, नागार्जुन सागर बांध, प्रौद्योगिकी संस्थान स्थापित करने के उनके विचार को प्रदर्शित किया है. योजना आयोग - प्रधान मंत्री के रूप में 17 वर्षों के कार्यकाल में, उन्होंने इस राष्ट्र के जीवन के विभिन्न पहलुओं में जो अभूतपूर्व काम किया, वह सब अब प्रदर्शित है.

दिल्ली वालों ने यह काम UP से सीखा

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सरकार के इस कदम पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि नाम बदलने की जो राजनीति हो रही है, वह दिल्ली वालों ने उत्तर प्रदेश से सीखी है. यहां इकाना स्टेडियम, जो भगवान विष्णु के नाम पर था. अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर किया गया. हमें इससे कोई नाराजगी नहीं है. हमें खुशी तब होती, जब उनके गांव बटेश्वर में भी एक यूनिवर्सिटी बन जाती. उनके परिवार के लोगों को और शुरुआती समय में जिन्होंने उनको राजनीति में आगे बढ़ाया उनका भी सम्मान हो जाता.

जून में ही हो गया था फैसला

1. 16 जून 2023 को नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) सोसायटी की एक विशेष बैठक में नाम बदलने का फैसला लिया गया था. इसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की थी, जो सोसायटी के उपाध्यक्ष भी हैं. नेहरू मेमोरियल का नाम अब बदलकर पीएम म्यूजियम और लाइब्रेरी कर दिया गया है.

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2. नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्थान है, जोकि दिल्ली के तीन मूर्ति मार्ग पर स्थित है, जहां देश के पत्रकार, लेखक, रिर्सच स्टूडेंट नेहरू के समय की सरकारों और उनकी नीतियों व समकालीन देशों की किताबों को पढ़ते हैं.

3. इस सोसाइटी में एक अध्यक्ष और 29 सदस्य हैं. सोसाइटी के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं और 29 सदस्यों में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण, धर्मेंद्र प्रधान, जी किशन रेड्डी, अनुराग ठाकुर समेत कई बड़े नाम शामिल हैं. यह भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का घर था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली थी.

पीएम को समर्पित करने का लिया फैसला

भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान साल 1929-30 में एडविन लुटियंस के शाही राजधानी के हिस्से के रूप में इस परिसर का निर्माण किया गया था. यह तीन मूर्ति हाउस भारत में कमांडर-इन-चीफ का आधिकारिक निवास था. अगस्त 1948 में, यह स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री, जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास बन गया, जहां पंडित जवाहरलाल नेहरू 27 मई, 1964 तक 16 वर्षों तक रहे. पंडित नेहरू के निधन के बाद तत्कालीन सरकार ने इस परिसर को देश के पहले प्राइम मिनिस्टर को समर्पित करने का फैसला किया गया था.

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एस राधाकृष्णन ने किया था राष्ट्र को समर्पित

14 नवंबर, 1964 को नेहरू की 75वीं जयंती पर तत्कालीन राष्ट्रपति एस राधाकृष्णन ने तीन मूर्ति भवन राष्ट्र को समर्पित किया और नेहरू स्मारक संग्रहालय का उद्घाटन किया. दो साल बाद, संस्था के प्रबंधन के लिए NMML सोसायटी की स्थापना की गई, और तब से यही बनी हुई है.

162वीं बैठक में मिली थी स्थापना की मंजूरी

रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2016 में पीएम मोदी ने नेहरू मेमोरियल को भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय स्थापित करने का विचार किया था. NMML की कार्यकारी परिषद ने 25 नवंबर 2016 को अपनी 162वीं बैठक में इसे मंजूरी दी थी. अब ये परियोजना पूरी हो गई. कांग्रेस के विरोध के बावजूद, नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी परिसर में प्रधानमंत्री संग्रहालय बनाया गया, और 21 अप्रैल, 2022 को प्रधानमंत्री मोदी ने इसका उद्घाटन किया गया था. हालांकि, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने इस विचार पर चिंता जताते हुए पीएम मोदी को एक पत्र भी लिखा था.

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