
मेघालय के चुनाव नतीजों में निवर्तमान मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी. सीएम संगमा की पार्टी को 26 सीटों पर जीत मिली और सबसे बड़ी पार्टी बहुमत के आंकड़े से पीछे रह गई. चुनाव नतीजों के ऐलान के बाद कॉनराड संगमा एक्टिव हो गए और नतीजा ये हुआ कि मेघालय में एनपीपी की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है.
एनपीपी के नेतृत्व में मेघालय डेमोक्रेटिक अलायंस (एमडीए) का कुनबा बढ़ता जा रहा है. अब 11 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) ने भी एनपीपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को समर्थन का ऐलान कर दिया है. यूडीपी के साथ ही पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) ने भी एमडीए को समर्थन का पत्र जारी कर दिया है.
एनपीपी के नेतृत्व वाले गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और एचएसपीडीपी पहले से ही शामिल हैं. दोनों दलों के दो-दो विधायक हैं. 60 सदस्यों वाली मेघालय विधानसभा की 59 सीटों के लिए चुनाव हुए थे. इसमें एनपीपी को 26 सीटों पर जीत मिली थी. कॉनराड संगमा की पार्टी बहुमत के लिए जरूरी आंकड़े से थोड़ा सा पीछे रह गई.
कॉनराड संगमा चुनाव नतीजे आने के साथ ही सरकार गठन के लिए दूसरे दलों को साथ लाने, निर्दलीय विधायकों को अपने पाले में करने के लिए एक्टिव हो गए. कॉनराड संगमा ने गृह मंत्री अमित शाह से फोन कर बात की और सरकार बनाने के लिए समर्थन मांगा. बीजेपी के साथ ही दो निर्दलीय विधायकों ने भी एनपीपी के समर्थन का ऐलान कर दिया था जिसके बाद एनपीपी के नेतृत्व वाले गठबंधन का कुनबा 30 विधायकों के आंकड़े तक पहुंच गया था.
अब यूडीपी और पीडीएफ के भी एनपीपी के साथ आ जाने के बाद एमडीए विधायकों की तादाद बढ़कर 45 तक पहुंच गई है. गौरतलब है कि कॉनराड संगमा राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर चुके हैं. मेघालय की नवगठित विधानसभा का विशेष सत्र 7 मार्च को बुलाया गया है जिसमें नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जानी है.