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संविधान दिवस के अवसर पर कांग्रेस देशभर में चलाएगी 'संविधान रक्षक' अभियान, डोर-टू-डोर कैंपेन करेंगे कार्यकर्ता

Constitution Day 2024: 26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर कांग्रेस देशभर में 60 दिन तक 'संविधान रक्षक अभियान' चलाएगी. ये अभियान 26 नवंबर से 26 जनवरी तक देशभर में चलाया जाएगा.

राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे (फाइल फोटो) राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे (फाइल फोटो)
राहुल गौतम
  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:32 AM IST

Constitution Day 2024: 26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर कांग्रेस देशभर में 60 दिन तक 'संविधान रक्षक अभियान' चलाएगी. ये अभियान 26 नवंबर से 26 जनवरी तक देशभर में चलाया जाएगा. इसमें संविधान की रक्षा, एक संविधान-समानता का अधिकार,आरक्षण की रक्षा- संविधान की गारंटी, भेदभाव से छुटकारा-संविधान का नारा समेत अन्य मुद्दों पर राज्यों में रैलियां, डोर-टू-डोर कैंपेन किए जाएंगे. 
 
कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने राज्य के अध्यक्षों को पत्र लिखकर 60 दिन तक ज़िला और ब्लॉक स्तर तक कार्यक्रम करने के लिए कहा है. वहीं, कांग्रेस के सभी फ़्रंटल ऑर्गेनाइज़ेशन को भी 'संविधान रक्षक' अभियान में शामिल होने के लिए कहा गया है.

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उधर, पूर्व केंद्रीय मंत्री और गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के उपाध्यक्ष विजय गोयल ने संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर लाल किले से फतेहपुरी मस्जिद तक "संविधान सम्मान यात्रा" निकाली. इस यात्रा में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया और न्याय, समानता और संविधान की रक्षा के नारे लगाए. विजय गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही कहा है कि संविधान की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है, संविधान सभी को समानता का अधिकार देता है, सभी के लिए न्याय और निष्पक्षता सुनिश्चित करता है. यह भारत की ताकत का प्रमाण है, जो विविधता के बीच समानता को दर्शाता है.

उन्होंने कहा कि संविधान हमारे लोकतंत्र की आधारशिला है और हमारे राष्ट्र को जोड़ने वाला सूत्र है. यह यात्रा हमारे संविधान के संस्थापकों की दूरदृष्टि को श्रद्धांजलि है और प्रस्तावना में निहित न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के मूल्यों की याद दिलाती है. 

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इस दौरान विजय गोयल ने कहा कि 'संविधान सम्मान यात्रा' का उद्देश्य नागरिकों के बीच संवैधानिक मूल्यों को फिर से जगाना और आधुनिक भारत में इसकी प्रासंगिकता पर संवाद को प्रोत्साहित करना है. उन्होंने कहा कि इसमें व्यापक भागीदारी देखने को मिलेगी, जो संविधान द्वारा अभिहित एकता और विविधता का प्रतीक है.

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