
ऑक्सीजन संकट के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने पीएम केयर्स फंड (PM Cares Fund) से एक लाख पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (Oxygen Concentrator) खरीदने की मंजूरी दी. जिसके बाद सोमवार-मंगलवार को आए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की पहली खेप का वितरण शुरू हो गया है. इन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के वितरण के लिए सरकार की उच्च-स्तरीय इंटर मिनिस्ट्रियल ग्रुप है, जो इसकी पूरी प्रकिया की निगरानी करती है.
इसके पीछे उद्देश्य विभिन्न सरकारी एजेंसियों के साथ समन्वय बनाकर देश के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को तुरंत भेजना है. इस बारे में एक नोडल मंत्रालय, स्वास्थ्य, वाणिज्य, आंतरिक व्यापार, परिवहन मंत्रालय के साथ साथ एमएचए के साथ समन्वय कर रहा है.
विदेश से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खेप आने के बाद, इसकी सूचना अधिकार प्राप्त समिति- 11 को दी जाती है, जिसमें 10 सदस्य होते हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों की सलाह से सामग्री वितरित की जाती है और सड़क और परिवहन मंत्रालय को इन सामग्रियों की आपूर्ति का काम सौंपा गया है. जिसके बाद उन्हें जल्द से जल्द विभिन्न स्थानों पर पहुंचा दिया जाएगा.
बताया गया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय के पास प्रत्येक खेप के लिए योजना है. लेकिन अभी ये ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में जा रहे हैं. मुंबई आने के अलावा, जर्मनी की एक खेप भी गुरुवार को दिल्ली में लैंड हुई. अपोलो अस्पताल ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि उन्हें गुरुवार को जर्मनी से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की एक खेप मिली है.
बता दें कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर वह मशीन है जो हवा को अपने भीतर लेकर उसमें से अन्य गैसों को अलग करके शुद्ध ऑक्सीजन की सप्लाई करता है. ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को घरेलू ऑक्सीजन प्लांट भी कहा जा सकता है. घर पर रहकर इलाज करा रहा है लोगों के लिए ये एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है.
दरअसल, आक्सीजन के लिए जहां एक तरफ क्रायोजेनिक ऑक्सीजन का इंतजाम हो रहा हैं तो वहीं सरकार दूसरे देशों से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का इंतजाम कर रही है. सबसे बड़ा ऑर्डर एक चीनी कंपनी को गया है जो 18000 ऑक्सीजन कांसंट्रेटर भेजेगा.