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कोरोना: कितना खतरनाक है डेल्टा+, कैसे करें बचाव, जानिए हर सवाल का जवाब

पिछले कोविड वैरिएंट से 50 से 60% तेजी से फैलने के साथ यह इतना ही प्रतिशत पावरफुल भी बताया जा रहा. डेल्टा प्लस सीधे फेफड़ों में जाकर मजबूती से चिपक जाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को पूरी तरीके से नष्ट कर देता है.

डेल्टा वेरिएंट ने बढ़ाई सभी की चिंता ( फोटो- गैटी इमेज) डेल्टा वेरिएंट ने बढ़ाई सभी की चिंता ( फोटो- गैटी इमेज)
सत्यम मिश्रा
  • लखनऊ,
  • 01 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 8:07 AM IST
  • देश में बढ़ने लगा डेल्टा प्लस का कहर
  • जानिए हर सवाल का सीधा जवाब

कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप अभी पूरी तरह थमा नहीं था कि भारत में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट डेल्टा प्लस ने दस्तक दे दी और अब यह तेजी से फैल रहा है.भारत के कई राज्यों में इससे संक्रमित मरीज पाए गए हैं. मध्य प्रदेश,राजस्थान महाराष्ट्र और दिल्ली से सटे फरीदाबाद के अलावा कई राज्यों में डेल्टा प्लस संक्रमित मरीज देखे गए हैं,हालांकि राहत की बात यह है कि यूपी में अभी डेल्टा प्लस मरीजों के संक्रमित होने की कोई खबर नहीं सामने आई है. इसी को देखते हुए यूपी सरकार अलर्ट मोड पर है.

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क्या है डेल्टा प्लस?

पिछले कोविड वेरिएंट से 50 से 60% तेजी से फैलने के साथ यह इतना ही प्रतिशत पावरफुल बताया जा रहा. डेल्टा प्लस सीधे फेफड़ों में जाकर मजबूती से चिपक जाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को पूरी तरीके से नष्ट कर देता है,इस वेरिएंट में ऑक्सीजन लेवल पिछले कोविड की अपेक्षा ज्यादा तेजी से भी गिर सकता है.


किसको है ज्यादा खतरा?

इस वेरिएंट से छोटे बच्चे और बुजुर्गों को ज्यादा खतरा है.मेडिकल साइंस विशेषज्ञों की मानें तो बच्चों का इस वेरिएंट में ज्यादा ध्यान रखना होगा,क्योंकि जो बड़े हैं उनका वैक्सीनेशन तो हो गया है लेकिन बच्चों का वैक्सीनेशन अभी नहीं हुआ है,ऐसे में बच्चे अपने घर के बड़ों पर ही डिपेंड रहेंगे. इसीलिए जो बड़े हैं,अगर बाहर जाएं तो कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर को फॉलो जरूर करें,यानी कि मास्क,  6 फीट की दूरी, हैंड सैनिटाइजेशन के साथ साथ, बाहर से आने के बाद साबुन से हाथ जरूर धोएं,

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इन सभी कोविड प्रोटोकॉल को अपने जीवन में शुमार करके रखें,तभी बच्चों को इससे बचाया जा सकता है.डॉक्टरों की मानें तो वैक्सीनेशन काफी कारगर साबित होगा क्योंकि अगर इस नए स्ट्रेन से हम संक्रमित हो भी जाते हैं तो जो वैक्सीन है वो हमें आईसीयू वार्ड में जाने से बचा लेगी,इसी के चलते कहीं ना कहीं सरकार लगातार वैक्सीनेशन करवाने की अपील कर रही है.आने वाले तीन से चार माह के बाद,यह तीसरी लहर सक्रिय हो सकती है.

सरकार है कितनी तैयार?

नए कोविड स्ट्रेन के चलते,उत्तर प्रदेश सरकार अलर्ट मोड पर है,जिसके कारण बाहर के राज्यों से जो भी यात्री आ रहे हैं,उनका आरटी पीसीआर सैंपल लेकर उसकी जीनोम सीक्वेंस की जांच की जा रही है,इसके लिए सरकार ने बीएचयू-केजीएमयू,सीडीआरआई जैसे संस्थानों को जिम्मेदारी सौंपी है ताकि समय रहते इस वेरिएंट के मरीजों को ट्रैक करके इलाज शुरू कर दिया जाए.

सरकार की मानें तो बच्चों के लिए पूरे प्रदेश में लगभग 6 हज़ार आईसीयू बेड तैयार करके रखे हुए हैं. मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में यह व्यवस्था पूरी हो चुकी है,वहीं ग्रामीणों के लिए निगरानी समिति का गठन भी किया है जो लगातार ग्रामीणों को जागरूक करने का काम कर रही हैं. साथ ही साथ ऑक्सीजन की किल्लत ना हो,इसको लेकर,सरकार 528 ऑक्सीजन प्लांट की व्यवस्था करके रखी हुई है,जिसमें से एक 118 ऑक्सीजन प्लांट सक्रिय हैं.सरकार के मुताबिक यूपी में लगातार कोविड सैंपलिंग की जांच की जा रही है,जिसके चलते 5 करोड़ 78 लाख से ऊपर सैंपलिंग की जा चुकी हैं. वैक्सीनेशन का भी कार्य जोरों शोरों से चल रहा है,ताकि स्ट्रेन से बचा जा सके.

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इस बारे में डॉ सुरुचि शुक्ला ने भी विस्तार से बताया है. आजतक से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा है कि देखिए जो तीसरा स्ट्रेन है यह डेल्टा प्लस है,जिसे,K4-179 भी कहते हैं. यह काकी खतरनाक वेरिएंट है जो तेजी से फैल सकता है, इससे सावधानी बरतने की जरूरत है.जो यह वेरिएंट है इसमें बच्चे ज्यादातर संक्रमित हो सकते हैं क्योंकि बच्चों का टीकारण अभी नहीं हुआ है,ऐसे में बड़ों की जिम्मेदारी है किवह अपने बच्चों को बचाने के लिए कोविड प्रोटोकॉल को फॉलो करें और वैक्सीनेशन जरूर करवाएं क्योंकि वैक्सीनेशन आपको बचा सकता है. अगर आप सावधानी बरतेंगे तो आपका बच्चा भी बचा रहेगा. 

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