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स्वास्थ्य मंत्रालय कोरोना वैक्सीन खरीदने से मना क्यों कर रहा है?

केंद्र सरकार इस समय अतिरिक्त कोरोना वैक्सीन ना खरीदने पर विचार कर रही है. सरकार का तर्क है कि इस समय देश में कोरोना की स्थिति पूरी तरह काबू में है. वहीं वैक्सीन की भी कोई कमी नहीं है, हर राज्य के पास अभी पर्याप्त स्टॉक मौजूद है. वहीं बाद में जरूरत अनुसार निजी अस्पताल सीधे कंपनियों से वैक्सीन खरीद सकते हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय कोरोना वैक्सीन ना खरीदने पर विचार कर रहा स्वास्थ्य मंत्रालय कोरोना वैक्सीन ना खरीदने पर विचार कर रहा
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 5:55 AM IST

देश में कोरोना की स्थिति अब काबू में आ गई है. मामले भी कम हैं और मौतें भी ज्यादा नहीं हो रही हैं. ज्यादातर लोगों ने कोरोना वैक्सीन भी लगवा ली है. अब इन तमाम पहलुओं को समझते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय कोरोना वैक्सीन ना खरीदने पर विचार कर रहा है. खबर है कि भारत सरकार अब कोरोना वैक्सीन की खरीदारी नहीं करने वाली है. वहीं जो 4,237 करोड़ रुपये वैक्सीन के लिए बजट में आवंटित हुए थे, वो भी वित्त मंत्रालय को वापस देने की तैयारी है.

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सरकार वैक्सीन क्यों नहीं खरीदेगी?

सरकार का तर्क है कि इस समय देश में कोरोना की स्थिति पूरी तरह काबू में है. वहीं वैक्सीन की भी कोई कमी नहीं है, हर राज्य के पास अभी पर्याप्त स्टॉक मौजूद है. वहीं बाद में जरूरत अनुसार निजी अस्पताल सीधे कंपनियों से वैक्सीन खरीद सकते हैं. ऐसे में अब कुछ समय के लिए सरकार वैक्सीन की खरीदारी पर रोक लगाने जा रही है. जानकारी के लिए बता दें कि देश में पिछले साल 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान शुरू किया गया था. सबसे पहले देश में 60 साल से अधिक आयु वाले लोगों के लिए वैक्सिनेशन शुरू किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक आयु वालों को टीका लगना शुरू हुआ और फिर 1 मई से 18+ को भी टीका लगाया गया.

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कितने लोगों को लग गया टीका?

ऐसे में तब से लेकर अब तक देश में टीकाकरण के इस अभियान ने कई रिकॉर्ड तोड़े हैं. वर्तमान में देश की 98 प्रतिशत व्यस्क आबादी को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है, वहीं 92 फीसदी ऐसे हैं जिन्होंने दोनों डोज लगवा ली हैं. ये भी एक बड़ा कारण है कि सरकार अभी के लिए अतिरिक्त कोरोना वैक्सीन खरीदने से मना कर रही है.

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