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भारत में कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच मिजोरम में इस महामारी से पहली मौत दर्ज की गई है. बुधवार को मिजोरम में कोरोना संक्रमण के कारण पहली मौत हुई. वहीं, 2,527 लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं. हालांकि इसमें से 2,212 कोरोना मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं.
मिजोरम उन कुछ चंद राज्यों में से है जिन्होंने इस महामारी को बहुत ही बेहतरीन तरीके से संभाला है और अपने राज्य में इसका संक्रमण न बड़े इसका भी विशेष ध्यान रखा है. यही कारण है की 2,527 संक्रमित लोग होने के बावजूद अभी तक मिजोरम में सिर्फ एक मौत का मामला सामने आया है. यहां लगभग 90% का रिकवरी रेट है.
स्वास्थ्य अधिकारी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि आइजोल के पास एक अस्पताल में 62 वर्षीय व्यक्ति की कोरोना संक्रमण के कारण जान चली गई. मेडिकल अस्पताल के चिकित्सक अधीक्षक डॉ. एचसी लालडिना ने बताया कि मरीज का सरकारी जोराम मेडिकल कॉलेज में 10 दिनों से इलाज चल रहा था और मरीज दिल संबंधी बीमारी से भी पीड़ित था. मिजोरम में संक्रमण का पहला मामला 24 मार्च को सामने आया था.
बढ़ते मामलों को देखते हुए मिजोरम में कोरोना वायरस के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 26 अक्टूबर से 'कोविड-19 सहनशील नहीं पखवाड़ा' चल रहा है. वहीं कोरोना प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया है. यह भी बताया गया है कि आइजोल से 3 नवंबर सुबह साढ़े चार बजे लॉकडाउन खत्म किया जाएगा.
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि 1 अक्टूबर से कोविड-19 के 34 फीसदी मरीज ऐसे थे जिनमें कोई लक्षण नहीं पाए गए. मिजोरम में बुधवार को कोरोना वायरस से संक्रमित 80 और मरीजों की पुष्टि हुई. इनमें 27 स्कूली छात्र और 11 सैन्य कर्मी शामिल हैं. सरकार ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए स्कूल और हॉस्टलों को बंद करने का निर्णय लिया. साथ ही सोमवार से सभी स्कूल को बंद करने का आदेश दिया.