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आबादी कम लेकिन बेंगलुरू में सबसे तेजी से दोगुने हो रहे कोरोना केस

पिछले हफ्ते बेंगलुरु ने ऐसे दिनों का सामना किया जब हर दिन यहां 3,000 से ज्यादा केस दर्ज हुए. इससे पहले इस स्तर तक सिर्फ दिल्ली पहुंची थी.

प्रतीकात्मक तस्वीर (पीटीआई) प्रतीकात्मक तस्वीर (पीटीआई)
रुक्मिणी एस
  • चेन्नई,
  • 01 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 2:11 PM IST
  • न्यूयॉर्क और साओ पाउलो के पहुंचा करीब
  • बना हुआ है भारत का सर्वाधिक प्रभावित शहर
  • दिल्ली और मुंबई की अपेक्षा कम है जनसंख्या

जिस बेंगलुरु में जून के अंत तक दिल्ली या मुंबई की तुलना में कम केस आ रहे थे, वहां अब हर दिन 3,000 से ज्यादा केस दर्ज हो रहे हैं. बेंगलुरु में जिस तेजी से केस दोगुने हो रहे हैं, ऐसा लग रहा है कि जल्द ही यह सबसे बुरी तरह प्रभावित दिल्ली को पीछे छोड़ देगा.

जून में दिल्ली में हर दिन 3,000 से ज्यादा कोरोना केस दर्ज हो रहे थे. इस दौरान दिल्ली अमेरिका के न्यूयॉर्क और ब्राजील के साओ पाउलो के साथ दुनिया के सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में से एक बना हुआ था. पिछले हफ्ते बेंगलुरु भी इस पड़ाव के करीब आ गया.

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बेंगलुरु जून के अंत तक महामारी के खराबतर प्रभाव से बचा हुआ था. इस समय तक शहर की 68 लाख आबादी (शहर प्रशासन के मुताबिक जनसंख्या अनुमान) के बीच सिर्फ 1,500 केस थे. लेकिन जुलाई का पहला हफ्ता खत्म होते-होते शहर में हर दिन 1,000 से ज्यादा नए केस आने लगे और स्थिति गंभीर हो गई. नतीजतन, 14 से 22 जुलाई के बीच बेंगलुरु में लॉकडाउन लागू कर दिया गया, लेकिन वास्तव में केस की संख्या में कोई कमी नहीं आई.

बेंगलुरु जनसंख्या के मामले में दिल्ली या मुंबई से काफी छोटा होने के बावजूद जुलाई के मध्य से लगातार भारत का सबसे बुरी तरह प्रभावित शहर बना हुआ है. इसी दौरान पुणे दूसरा ऐसा शहर रहा जहां महामारी का प्रकोप बढ़ता रहा, लेकिन ये दोनों शहर अपेक्षाकृत छोटे हैं और हर दिन नए केस की संख्या भी कम रही.

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इसके बाद बेंगलुरु में लगातार हर दिन 2,000 से अधिक केस दर्ज होते रहे, आगे चलकर हर दिन केस की संख्या 3,000 हो गई. दूसरी तरफ, सबसे बुरी तरह प्रभावित शहर जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और पुणे में हर दिन केसों की संख्या घटकर 2,000 से नीचे आ गई. यहां तक कि 1,000 से भी कम हो गई.

पिछले हफ्ते बेंगलुरु ने ऐसे दिनों का सामना किया जब हर दिन यहां 3,000 से ज्यादा केस दर्ज हुए. इससे पहले इस स्तर तक सिर्फ दिल्ली पहुंची थी. जून के अंत में दिल्ली में दूसरे किसी भी भारतीय शहर की तुलना में सबसे ज्यादा केस दर्ज हो रहे थे.

बेंगलुरू और दिल्ली की केस संख्या अभी भी न्यूयॉर्क और साओ पाउलो की तुलना में कम है. न्यूयॉर्क और साओ पाउलो में महामारी के सबसे खराब दौर में इससे ज्यादा केसेज दर्ज हुए. अप्रैल की शुरुआत में जब न्यूयॉर्क में केस बढ़ने शुरू हुए तो यहां हर दिन औसतन 5,000 से ज्यादा केस आ रहे थे. हालांकि, ये दोनों शहर बेंगलुरु की तुलना में कहीं ज्यादा लोगों का टेस्ट कर रहे थे.

मौजूदा वक्त में बेंगलुरू की तुलना में, दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में केस ज्यादा हैं, लेकिन बेंगलुरु में जिस गति से मामले बढ़ रहे हैं, वह चिंताजनक है. भारत के सबसे ज्यादा  प्रभावित शहरों की तुलना में बेंगलुरु में सबसे तेजी से केस दोगुने हो रहे हैं.

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1.7 लाख से ज्यादा केस के साथ दिल्ली भारत में सबसे बुरी तरह प्रभावित शहर है, इसके बाद मुंबई (1.4 लाख), चेन्नई (1.3 लाख), बेंगलुरु (1.2 लाख) और पुणे (96,000) हैं. हालांकि, बेंगलुरु में केस दोगुना होने में केवल 30 दिन लग रहे हैं, जो अन्य किसी भी शहर की तुलना में ज्यादा है. बेंगलुरु में केस कम होने के फिलहाल कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं.

 

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