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कोरोना काल में बुजुर्गों से खराब बर्ताव बढ़ा? पंजाब-हरियाणा से आईं शर्मनाक घटनाएं

पंजाब और हरियाणा से असहाय बुजुर्ग महिलाओं पर उनके रिश्तेदारों की ओर से जुल्म बरपाने की कई घटनाएं सामने आई हैं. कहीं बेटों ने ही बुजुर्ग मां को तिल-तिल मरने के लिए छोड़ दिया तो कहीं बहू ने चलने से लाचार सास से घर का काम करवाने के लिए बेरहमी से उसकी पिटाई कर डाली.

महेंद्र कौर को रसूखदार बेटों ने घर से निकाला महेंद्र कौर को रसूखदार बेटों ने घर से निकाला
मनजीत सहगल
  • चंडीगढ़,
  • 25 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 1:16 AM IST
  • कहीं बूढ़ी मां को तिल-तिल मरने के लिए छोड़ दिया
  • कहीं बहू ने की लाचार सास की बेरहमी से की पिटाई 
  • अपनों के खिलाफ शिकायत करने से बचते हैं बुजुर्ग

कोरोना महामारी का हर किसी की जिंदगी पर असर पड़ा है. किसी को संक्रमण हुआ तो किसी की नौकरी चली गई. लोगों के कारोबार पर असर पड़ा. कोरोना के इस काल में गरीबों और बुजुर्गों को दोहरी मार का सामना करना पड़ा.  

इस महामारी के दौरान घरेलू हिंसा के अलावा बुजुर्गों से अत्याचार के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है. पंजाब और हरियाणा से असहाय बुजुर्ग महिलाओं पर उनके रिश्तेदारों की ओर से जुल्म बरपाने की कई घटनाएं सामने आई हैं. कहीं बेटों ने ही बुजुर्ग मां को तिल-तिल मरने के लिए छोड़ दिया तो कहीं बहू ने चलने से लाचार सास से घर का काम करवाने के लिए बेरहमी से उसकी पिटाई कर डाली.

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केस स्टडी नंबर 1ः मुक्तसर पंजाब : दो रसूखदार बेटों ने बूढ़ी मां को बेसहारा छोड़ा 

नाम- महेंद्र कौर, उम्र- 80 साल 

जीवन संध्या का वो पड़ाव, जहां अपनों के सहारे की सबसे ज़रूरत होती है. वो अपने जिन्हें कभी अपना पेट काट-काट कर बड़ा किया, आरोप है कि उन्हीं दो बेटों ने महेंद्र कौर को उनके हाल पर अकेला छोड़ दिया. महेंद्र कौर को एक गड्ढे से निकाला गया. जिस वक्त उन्हें रेस्क्यू किया गया, उनके सिर पर कीड़े रेंग रहे थे. अफसोस कि रेस्क्यू के दो दिन बाद ही महेंद्र कौर ने दम तोड़ दिया. 

महेंद्र कौर का एक बेटा बलविंदर सिंह पंजाब के एक्साइज विभाग में कार्यरत है. दूसरे बेटे राजेंद्र सिंह राजा का ताल्लुक राजनीति से है. राजा की बेटी पंजाब सिविल सेवा में अधिकारी है. राज्य महिला आयोग ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए दोनों बेटों को समन भेजा. सोमवार को दोनों आयोग के समक्ष पेश हुए और अजीब जवाब दिए.  

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राजा के घर से वो स्थान महज पांच किलोमीटर की दूरी पर है जहां से बुजुर्ग महिला को रेस्क्यू किया गया. राजा के मुताबिक मां महेंद्र कौर ने तीन दशक पहले ही घर छोड़ दिया था. वहीं बलविंदर के मुताबिक मां को एक केयरटेकर के हवाले किया था. आयोग ने दोनों भाइयों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करने की सिफारिश की है. 

केस स्टडी नंबर- 2ः अमृतसर में  घरवालों के अशुभ बताने पर पिंजरे जैसे कमरे में रहने को मजबूर बुजुर्ग महिला 

85 साल की गुरदीप कौर पिंजरे जैसे कमरे में रहने को हाल तक मजबूर थीं. लुधियाना की एक गैर सरकारी संस्था ने उन्हें हाल में रेस्क्यू करके अपना लिया. गुरदीप कौर का बेटे-पोते समेत नौ जनों का भरा-पूरा परिवार है. इस परिवार ने मां की ऐसी हालत पर सवाल किए जाने पर कहा कि वो ‘अशुभ’ है और घर के बाकी सदस्यों के लिए साथ रहना सही नहीं है.

गुरदीप कौर

औलाद कैसी भी हो, मां का दिल कैसा होता है, इसका जीता जागता सबूत हैं गुरदीप कौर. इतना सब कुछ होने के बाद भी अपने परिवार के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला. कहती रहीं कि परिवार वाले उन्हें देखने आते हैं और ख्याल रखते हैं. पंजाब महिला आयोग ने इस मामले का भी संज्ञान लिया है और परिवार के सदस्यों को समन किया है.

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केस स्टडी नंबर 3ः सोनीपत में घर का काम नहीं किया तो नर्स बहू ने बूढ़ी सास को बेरहमी से पीटा 

सोनीपत के सेक्टर 23 में जो कुछ हुआ वो मानवता को शर्मसार करने वाला है. 38 साल की सरोज पर आरोप है कि उसने 82 साल की सास को बेरहमी से पीटा. विडंबना ये है कि सरोज पेशे से ऑक्सिलरी नर्स मिडवाइफ (ANM) है. जिस पेशे में बीमारों की सेवा करना धर्म माना जाता है. इस क्रूरता का वीडियो बुजुर्ग महिला के पोते-पोतियो ने खुद ही बना कर सोशल मीडिया पर अपलोड किया.

सरोज

वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद से ही सरोज फरार थी. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है. बुजुर्ग महिला के साथ कैसा बुरा बर्ताव किया गया, इसका सबूत है कि वो चल भी नहीं सकती और उस पर घर का कामकाज करने के लिए दबाव डाला जा रहा था. 

केस स्टडी नंबर 4ः भिवानी में बहू-बेटे के जुल्म से तंग अधेड़ महिला ने कुएं में लगाई छलांग 

रविवार को हरियाणा के भिवानी में दिल दहला देने वाली घटना हुई. 55 साल की पार्वती देवी जान देने के लिए गंदे पानी और कूड़े से भरे कुएं में कूद गईं. आरोप है कि पार्वती देवी अपने बेटे-बहू के उत्पीड़न से परेशान थीं. पुलिस ने तीन घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद अधेड़ महिला की जान बचाई. पार्वती देवी को रोहतक के पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया.

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पार्वती देवी

अगले दिन जब पार्वती देवी को होश आया तो उन्होंने पुलिस को बताया कि मेरे पति एक रिटायर्ड शिक्षक हैं जो बीमार हैं. बेटा और बहू उनकी पेंशन हड़पने के लिए उस पर जुल्म करते हैं, घर का काम करने के लिए मजबूर किया जाता है और मानसिक-शारीरिक यातनाएं दी जाती हैं. इस महिला का बेटा गोपाल पेशे से ड्राइवर है. पुलिस ने फिलहाल आरोपी बेटे और बहू के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया है. 

केस स्टडी नंबर- 5ः सोनीपत में संपत्ति हड़पने के लिए बुजुर्ग महिला को मारपीट के बाद घर से निकाला 

72 साल की शांति देवी सोनीपत में रहती हैं. वह अपनी बाजू पर बेटे-बहुओं की ओर से की गई मारपीट के निशान दिखाकर कई दिनों तक पुलिस स्टेशन के चक्कर लगाती रहीं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. जब मामले ने तूल पकड़ा तो पुलिस ने पीड़ित महिला का बेटों से समझौता करवा दिया. लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई.

शांति देवी

औलाद के खिलाफ शिकायत करने से बचते हैं बुजुर्ग 

NGOs, पुलिस और राज्य महिला आयोग की तरफ से की गई जांच से खुलासा हुआ है कि बुजुर्ग लोग खराब बर्ताव करने वाले बेटे-बहुओं और अन्य रिश्तेदारों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने से हिचकिचाते हैं.  

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पंजाब राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष मनीषा गुलाटी कहती हैं, “अधिकतर अभिभावकों को उन्हें दुर्व्यवहार से बचाने वाले कानूनों की जानकारी नहीं है. जो जानते भी हैं, वो जज्बात में आकर शिकायत दर्ज करने की जगह खुद सब सहते रहते हैं. अभिभावकों और वरिष्ठ नागरिकों का रखरखाव और कल्याण, 2007” एक्ट में इस तरह के अपराध पर छह महीने की जेल या पांच हजार रुपए जुर्माना या दोनों हैं. इस एक्ट का संशोधन बिल लंबित है. हम पीएम से अपील करते हैं कि इस लंबित बिल को जल्दी से जल्दी पास किया जाए.” 

पंजाब महिला आयोग की अध्यक्ष मनीषा गुलाटी

साल 2019 में केंद्र सरकार ने इस कानून को और कड़ा बनाने के लिए एक संशोधन विधेयक पेश किया जो अभी तक लंबित है. इस संशोधन के मुताबिक जुर्माने की राशि 10,000 रुपए तक बढ़ाने और जेल की सजा बढ़ाने के साथ-साथ बुजुर्गों को उनके बच्चों या फिर कानूनी वारिसों से मासिक खर्चा दिलवाने का भी प्रावधान है. 

मनीषा गुलाटी कहती हैं कि “अधिकतर केसों में बुजुर्गों के नाम वाली संपत्ति उनसे बुरे बर्ताव का कारण बनती है. इसे हड़पने के लिए दुर्व्यवहार किया जाता है या फिर संपत्ति अपने नाम हो जाने के बाद उन्हें बेसहारा छोड़ दिया जाता है.”” मनीषा गुलाटी के मुताबिक आयोग ने पंजाब सरकार से राज्य में पीड़ित बुजुर्गों की मदद के लिए सीनियर सिटीजंस हेल्पलाइन शुरू करने के लिए कहा है. 

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मनीषा गुलाटी ने कहा, "हम ने पंजाब सरकार से राज्य में चल रहे विभिन्न ओल्ड एज होम्स के बारे में जानकारी देने का आग्रह किया है. जिससे पता लग सके कि उन्हें (सीनियर सिटीजंस) ओल्ड एज होम्स में क्यों रहना पड़ रहा है. क्या वो अपने अधिकारों के बारे में जानते हैं. सरकार को सीनियर सिटीजंस के लिए हेल्पलाइन नंबर शुरू करना चाहिए.” 

अधिकारियों की ओर से अनदेखी 

पुलिस हो या सामाजिक कल्याण विभाग, बुजुर्गों के उत्पीड़न की घटनाओं की अधिकतर अनदेखी करते हैं. जैसे कि ऊपर बताई गई मुक्तसर की घटना में पुलिस केस दर्ज करने से बच रही थी क्योंकि उसमें बुजुर्ग महिला का बेटा राजनीति से जुड़ा था और पोती पीसीएस अधिकारी थी. इसी तरह सोनीपत में 72 वर्षीय महिला शांति देवी को मारपीट के बाद घर से निकाल दिया गया. बुजुर्ग महिला जगह जगह गुहार लगाती रही लेकिन गोहाना रोड पुलिस ने तीन दिन तक उसकी बात नहीं सुनी. पुलिस ने दबाव डालकर समझौता करा दिया और आरोपी बेटे-बहुओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. 

ये घटनाएं न सिर्फ रिश्तों और जज्बातों को तार-तार कर देने वाली हैं, बल्कि सवाल भी उठाती हैं कि कौन से समाज में हम रह रहे हैं. सभ्यता के विकास के कितने भी दावे किए जाएं लेकिन जब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी, क्या इंसान सभ्य कहलाने लायक है.

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